इंसानियत के दुश्मन: रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के आरोप में जिंदगी के 'सौदागर' डॉक्टर, नर्स गिरफ्ताार

मध्यप्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों की धरपकड़ जारी है। पुलिस खरीदार बनकर जगह-जगह छापे मार रही है। भोपाल में सात हजार रुपये में इंजेक्शन खरीदकर 20 हजार रुपये में बेचते थे पुलिस ने चार गिरफ्तार किए।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 11:41 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 11:41 PM (IST)
इंसानियत के दुश्मन: रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के आरोप में जिंदगी के 'सौदागर' डॉक्टर, नर्स गिरफ्ताार
आरोपी 35 हजार रुपये में बेच रहे थे रेमडेसिविर इंजेक्शन।

रेमडेसिविर की कालाबाजारी : 35 हजार में बेच रहे थे इंजेक्शन, सादी वर्दी में पहंुची पुलिस ने पक़़डा

इंदौर, राज्य ब्यूरो। रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों की धरपकड़ जारी है। पुलिस खरीदार बनकर जगह-जगह छापे मार रही है। रविवार को राजेंद्रनगर थाना पुलिस ने बारोड अस्पताल की नर्स कविता चौहान, डॉक्टर भूपेंद्र परमार और एमआर शुभम को गिरफ्तार किया।

पुलिस ने महंगे दामों पर रेमडेसिविर इंजेक्शन बेंचने के आरोप में नर्स को किया गिरफ्तार

एसपी (पश्चिम) महेशचंद जैन के मुताबिक शनिवार दोपहर पुलिस ने नर्स निलेश को रेमडेसिविर बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया था। पूछताछ में निलेश ने बताया बारोड अस्पताल की नर्स कविता पुत्री कालू चौहान निवासी स्कीम-71 भी महंगे दामों पर रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचती है। रविवार दोपहर पुलिस ने एक युवक (मुखबिर) के माध्यम से कविता से संपर्क किया और कहा कि उसे इंजेक्शन चाहिए। कविता ने कहा इंजेक्शन 35 हजार रुपये में देगी। उसने कहा एक इंजेक्शन बिक गया है एक ही बचा है। उसने बारोड अस्पताल (बापट चौराहा) पर बुलाया। पुलिसकर्मी मुखबिर को लेकर पहुंचे और कविता को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ करने पर कविता थाने में फूट-फूट कर रोने लगी और कहा सॉरी उससे गलती हो गई। पुलिस को शक है कविता मेडिकल संचालकों से सस्ते दामों पर इंजेक्शन खरीदकर महंगे दामों में बेचती है।

सादे कपड़ों में गई महिला टीआइ से आरोपितों ने कहा कि घबराओ मत, आपकी बहन ठीक हो जाएगी

सादे कपड़ों में गई महिला टीआइ, रोते हुए बोली 'कुछ कम कर दो, मेरी बहन गंभीर है' एएसपी (पश्चिम-2) डा. प्रशांत चौबे के मुताबिक आरोपितों को गिरफ्तार करने के लिए राजेंद्र नगर थाना टीआइ अमृता सोलंकी को सादे कपड़ों में भेजा था। कविता एक इंजेक्शन लेकर आइ तो टीआइ ने आंखें नम कर लीं और कहा कुछ तो कम कर दो। मेरी बहन बीमार है। उसे इंजेक्शन की सख्त जरूरत है, लेकिन कविता ने दाम कम करने से इन्कार कर दिया। टीआइ ने कहा उसे दो इंजेक्शन की जरूरत है। कविता ने भूपेंद्र और शुभम को बुलाया और एक और इंजेक्शन दिलवा दिया। टीआइ को रोते देख आरोपितों ने कहा कि घबराओ मत, आपकी बहन ठीक हो जाएगी। टीआइ ने कहा मैं एटीएम से रुपये निकाल कर लाई हूं। इसके पहले भी एक व्यक्ति 10 हजार रुपये ले गया और इंजेक्शन नहीं दिया।

डॉक्टर ने थाने में कबूला- माता-पिता के लिए खरीदे थे इंजेक्शन

टीआइ अमृता सोलंकी के मुताबिक आरोपित भूपेंद्र बारोड अस्पताल में ही डॉक्टर (बीएचएमएस) है। शुभम (एमआर) उसका भाई है। सख्ती करने पर दोनों ने कहा माता-पिता कोरोना संक्रमित हैं। उनके लिए इंजेक्शन खरीदा था। भूपेंद्र और शुभम थाने में खुद को भी संक्रमित बताने लगे। टीआइ के मुताबिक संक्रमित होते तो इंजेक्शन क्यों बेचते। स्वयं और परिवार के लिए रखते। पुलिस ने उससे बिल मांगा तो वह भी नहीं दे सके।

भोपाल में सात हजार रुपये में इंजेक्शन खरीदकर 20 हजार रुपये में बेचते थे, चार गिरफ्तार

कोरोना संक्रमण से बचाने में जीवनरक्षक माने जा रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मध्यप्रदेश में कुछ और मामले सामने आए हैं। भोपाल में क्राइम ब्रांच ने शाहजहांनाबाद स्थित अपोलो हॉस्पिटल के डॉक्टर अहसान खान, लाइफ लाइन मेडिकल स्टोर के संचालक नौमान खान, एम्पायर मेडिकल स्टोर के संचालक अखलाक खान और दलाल शमी खान को गिरफ्तार किया है। आरोपितों ने शाहजहांनाबाद स्थित मनोज मेडिकल स्टोर के कर्मचारी आसिफ से सात-सात हजार रुपये में चार इंजेक्शन खरीदे थे, जिसे वह जरूरतमंदों की मजबूरी का फायदा उठाकर करीब 20 हजार रुपये में बेच रहे थे। क्राइम ब्रांच ने आरोपितों से चार इंजेक्शन बरामद किए हैं। मेडिकल स्टोर पर काम करने वाला आरोपित फरार है।

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