कोरोना में जान गंवाने वाले डाक्टरों की याद में स्मारक बनें, आइएमए और आइएचडब्ल्यू ने की मांग
आइएमए का दावा है कि देशभर में कोरोना से 1500 डाक्टरों की जान गई है। आइएचडब्ल्यू द्वारा राष्ट्रीय धन्यवाद पहल के तहत पहली लहर के दौरान 2020 में मनाए गए ग्रेटिट्यूड वीक फार हेल्थ गार्जियंस (एक से सात जुलाई) के दौरान यह मांग उठाई गई थी।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) और इंटीग्रेटेड हेल्थ एंड वेलबीइंग (आइएचडब्ल्यू) काउंसिल ने गुरुवार को कोरोना से मरने वाले डाक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए नेशनल ग्रेटिट्यूड मेमोरियल स्थापित करने की मांग की। दोनों संस्थाओं ने कहा कि कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में सभी डाक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों का योगदान और बलिदान अनुकरणीय है।
आइएमए का दावा है कि देशभर में कोरोना से 1,500 डाक्टरों की जान गई है। आइएचडब्ल्यू द्वारा राष्ट्रीय धन्यवाद पहल के तहत पहली लहर के दौरान 2020 में मनाए गए ग्रेटिट्यूड वीक फार हेल्थ गार्जियंस (एक से सात जुलाई) के दौरान यह मांग उठाई गई थी। तब से आइएचडब्ल्यू विभिन्न स्वास्थ्य मंचों पर इस मांग को उठा रहा है।
दोनों संगठनों ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बताया कि वे संयुक्त रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कोरोना महामारी में जान गंवाने वाले डाक्टरों की याद में एक राष्ट्रीय और दिल्ली राज्य स्मारक स्थापित करने के लिए पत्र लिखेंगे। ये स्मारक डाक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होंगे। आइएमए के अध्यक्ष डा जेए जयालाल और आइएचडब्ल्यू के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कमल नारायण ने बताया कि उन्हें इस मुहिम में कई अन्य संस्थाओं का भी सहयोग मिल रहा है। स्मारक बनाने के लिए वे सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखेंगे।