मेडिकल दाखिले से जुड़ी परीक्षा 'नीट' हो सकती है थोड़ी आसान, आकलन पैटर्न में बदलाव की तैयारी

सरकार परीक्षाओं से जुड़े छात्रों के तनाव को कम करने के लिए अब मेडिकल में दाखिले से जुड़ी परीक्षा नीट की राह को भी आसान बना सकती है। इसमें इस पूरी परीक्षा के आकलन पैटर्न को बदला जा सकता है। पढ़ें यह रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 09:05 PM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 07:16 AM (IST)
मेडिकल दाखिले से जुड़ी परीक्षा 'नीट' हो सकती है थोड़ी आसान, आकलन पैटर्न में बदलाव की तैयारी
सरकार 'नीट' की राह को और आसान बना सकती है।

अरविंद पांडेय, नई दिल्ली। परीक्षाओं से जुड़े छात्रों के तनाव को कम करने की कोशिशों के बीच सरकार अब मेडिकल में दाखिले से जुड़ी परीक्षा 'नीट' (नेशनल एलिजिबिलिटी एट्रेंस टेस्ट) की राह को भी आसान बना सकती है। इसमें इस पूरी परीक्षा के आकलन पैटर्न को बदला जा सकता है। जो विकल्प सुझाए गए हैं, उनमें बायोलाजी (जीव विज्ञान) और केमिस्ट्री (रसायन शास्त्र) विषयों के प्रदर्शन को प्राथमिकता देकर उसके आधार पर मेरिट तैयार करने और फिजिक्स (भौतिक विज्ञान) में सिर्फ न्यूनतम स्कोर रखने पर जोर दिया गया है। अभी इसे लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है, लेकिन जल्द ही कोई निर्णय हो सकता है।

बदलाव के पीछे दिए जा रहे ये तर्क 

खास बात यह है कि नीट के आकलन पैटर्न में बदलाव के इन सुझावों के पीछे जो तर्क हैं, उसके मुताबिक मेडिकल की पढ़ाई में बायोलाजी और केमिस्ट्री से जुड़े ज्ञान की ही उपयोगिता ज्यादा है। ऐसे में छात्रों की योग्यता को भी इन्हीं दोनों विषयों में उनके प्रदर्शन के आधार पर परखा जाना चाहिए। रही बात फिजिक्स की, तो इसमें छात्रों के लिए सिर्फ न्यूनतम अंक हासिल करने की बाध्यता हो। यह सुझाव इसलिए भी अहम है क्योंकि नीट की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए आमतौर पर फिजिक्स एक कठिन विषय माना जाता है।

इन विषयों की होती है परीक्षा 

इंजीनियरिंग में दाखिले से जुड़ी जेईई-मेंस और एडवांस जैसी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए मैथ्स (गणित) और फिजिक्स अहम विषय माने जाते हैं। मौजूदा समय में नीट के लिए बायोलाजी, केमिस्ट्री और फिजिक्स विषयों की परीक्षा होती है। हालांकि इसमें सबसे ज्यादा सवाल बायोलाजी से ही पूछे जाते हैं।

आसान होगी राह 

सूत्रों के मुताबिक, अगर ऐसा हुआ तो नीट की तैयारी करने वाले छात्रों की राह पहले के मुकाबले आसान होगी। फिलहाल एनटीए (नेशनल टेस्टिं‍ग एजेंसी) और स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच इन पहलुओं पर मंथन चल रहा है। इसे लेकर क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों से भी सुझाव मांगे गए हैं।

परीक्षाओं को आसान बनाने की पहल 

मालूम हो कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में परीक्षाओं को आसान बनाने की सिफारिश की गई है। इसके बाद ही शिक्षा मंत्रालय ने बोर्ड परीक्षाओं से जुड़े अहम बदलावों को लेकर पहल तेज की है जिसमें सोच आधारित सवालों की अधिकता होगी। साथ ही एक साथ पूरे पाठ्यक्रम की परीक्षा कराने के बाद इसे चैप्टर या यूनिट के हिसाब से कराने का प्रस्ताव है। फिलहाल सीबीएसई ने इस वर्ष से बोर्ड परीक्षाओं को दो हिस्सों में आयोजित कराने का फैसला लिया है। जिसमें आधे पाठ्यक्रम की एक साथ और आधे की एक साथ परीक्षा होगी। आने वाले दिनों में परीक्षा को आसान बनाने के लिए और भी कदम उठाए जाएंगे। 

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