एलएसी पर चीन कर रहा तेजी से निर्माण, भारत की पैनी नजर; विदेश मंत्रालय का आया जवाब

विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन की हरकतों के जवाब में हमारी सरकार ने भी सीमावर्ती इलाकों में सड़कों पुलों आदि के निर्माणकार्य को आगे बढ़ाया है। जिसने की सीमा के साथ-साथ स्थानीय आबादी को भी जोड़ने का काम किया है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Mon, 18 Jan 2021 08:41 PM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 06:38 AM (IST)
एलएसी पर चीन कर रहा तेजी से निर्माण, भारत की पैनी नजर; विदेश मंत्रालय का आया जवाब
भारत चीन सीमा पर तनाव जारी है (फाइल फोटो)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के दूसरी तरफ चीन अपने क्षेत्र में तेजी से निर्माण कार्य में जुटा है। जानकारी मिली है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश से सटे अपने हिस्से में कई नए गांवों का निर्माण किया है। चीन के इस निर्माण कार्य पर भारत पूरी पैनी नजर रखे हुए है। चीन की गतिविधियों को देखते हुए भारत भी अपनी सुरक्षा के लिहाज से जो भी उचित होगा वह कदम उठाएगा।नवंबर माह में यह जानकारी सामने आई थी कि में एलएसी से सटे सुबांसिरी जिले में सारी चू नदी के किनारे चीन द्वारा एक गांव का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। सेटेलाइट से ली गई इस गांव की तस्वीरें भी इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुई थीं।

इस गांव में सौ अधिक घर बनाए जा चुके हैं। इसके पहले कुछ तस्वीरें डोकलाम से सटे इलाकों में चीन की तरफ से नए रिहाइशी इलाकों के निर्माण को लेकर भी आई थीं।इस बारे में विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि, हमने भारत से सटी सीमा पर चीन की तरफ किए जा रहे निर्माण कार्य को लेकर खबरें देखी हैं। चीन पिछले कई वर्षो से इस तरह का निर्माण कार्य कर रहा है। जानकारी मिली है कि उसने अरुणाचल से लगी सीमा पर तीन गांव बसाए हैं। इसकी प्रतिक्रिया स्वरूप भारत ने भी ढांचागत सुविधाओं पर काम तेज कर दिया है। भारत ने अपने हिस्से में सड़कों, पुलों और रेल मार्ग आदि का निर्माण तेजी से करना शुरू कर दिया है। आने वाले दिनों में और तेज किया जाएगा।

विदेश मंत्रालय का यह स्पष्टीकरण दो लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। एक तो यह देश की सुरक्षा के लिए बहुत अहम है दूसरे इससे इन इलाकों में रहने वाले स्थानीय नागरिकों को काफी सहूलियत हुई है। अरुणाचल प्रदेश के निवासियों समेत अपने सभी नागरिकों के जीवकोपार्जन को आसान बनाने के लिए भारत कदम उठा रहा है।सनद रहे कि मौजूदा मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान देश के सभी सीमावर्ती इलाकों में ढांचागत निर्माण के कार्य को काफी तेज किया गया है।

इसलिए बदला है चीन का रवैया

वर्ष 2008 से वर्ष 2016 के आंकड़े बताते हैं कि हर वर्ष इस मद में 3300 से 4600 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं जबकि उसके बाद के वर्षो में औसतन 11,800 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं। सरकार की मंशा आने वाले वर्षो में इन कार्यो को और तेज करने की है। दो दिन पहले विदेश मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक में विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने सांसदों को बताया था कि सीमावर्ती इलाकों में भारत की तरफ से तेजी से ढांचागत विकास करना चीन को काफी नागवार गुजर रहा है। यही एक वजह है कि चीन का रवैया बदला हुआ है।

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