'वर्क फ्रॉम होम' का बढ़ा क्रेज, वेतन में कटौती के लिए भी तैयार हैं भारतीय: सर्वे

Work From Home in India एक सर्वे में देखा गया कि 54 फीसद भारतीय नागरिकों ने WFH को बेहतर बताया है यहां तक की ऑफिस जाने से बचने के लिए वेतन में कटौती के लिए भी सहमति दी है।

By Monika MinalEdited By: Publish:Thu, 03 Dec 2020 02:33 PM (IST) Updated:Thu, 03 Dec 2020 02:33 PM (IST)
'वर्क फ्रॉम होम' का बढ़ा क्रेज, वेतन में कटौती के लिए भी तैयार हैं भारतीय: सर्वे
लोगों को भाने लगा है 'वर्क फ्रॉम होम'

मुंबई, आइएएनएस। कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए घर से काम करने को लेकर भारतीयों में रुझान बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। इस क्रम में कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लगभग 9 माह से लोगों को वर्क फ्रॉम होम की सहूलियत दी गई और अब तो यह लोगों को पसंद आने लगा है। करीब 54 फीसद भारतीयों ने इसके पक्ष में अपनी राय दी है और कहा है कि इस दौरान उनकी प्रोडक्‍टीविटी भी बढ़ गई है। यहां तक कि घर से काम करने वालों का एक हिस्‍सा ऑफिस से इस कदर कतराने लगा है कि अपने वेतन में कटौती के लिए भी तैयार है।  

कोविड-19 महामारी (Covid-19 pandemic) को फैलने से रोकने के लिए वर्क फ्रॉम होम के तहत काम करने वाले करीब 54 फीसद लोगों का कहना है कि उन्‍हें यह पसंद आ रहा है और इसमें फीसद भारतीय नागरिकों ने कहा है कि वे अपने वेतन में से 10 फीसद की कटौती को तैयार हैं। यह सर्वे मैवरिक्‍स इंडिया (Mavericks India) द्वारा किया गया।  

सर्वे के तहत देश भर से 720 लोगों को लिया गया। इसमें यह भी खुलासा हुआ किी 56 फीसद भारतीय नागरिकों का मानना है कि अप्रैल 2020 में देशव्‍यापी लॉकडाउन के कारण वर्क फ्रॉम होम की शुरुआत के बाद से उनकी प्रोडक्‍टीविटी में बढ़त हुई है। सर्वे से प्राप्‍त डाटा से यह भी पता चलता है कि 95 फीसद रेस्‍पॉन्‍डेंट का मानना है कि देश के लोकतंत्र पर मीडिया का सकारात्‍मक प्रभाव होगा।  

सर्वे के अनुसार, 75 फीसद रेस्‍पॉन्‍डेंट का मानना है कि इकोनॉमी को वापस पटरी पर लाने में एक साल से भी कम समय लगेगा।  विशेषकर महानगरों व आइटी (IT) साइट जैसे बेंगलुरु (Bengaluru), गुडगांव (Gurgaon) और दिल्‍ली में ऑफिस के लिए आना जाना कहीं अधिक मुश्‍किल भरा है और घर से काम करने में लोग इन झंझटों से मुक्‍त हो गए हैं उनके पैसे भी बच रहे हैं। 

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