Mahakal Sawari Ujjain: उज्‍जैन में चांदी की पालकी में सवार होकर भक्‍तों को दर्शन देने निकले भगवान महाकाल

श्रावण मास के पहले सोमवार को बाबा महाकाल की परंपरा के अनुसार निकलने वाली सवारी निकली। सोमवार शाम 4 बजे रजत पालकी में सवार होकर राजाधिराज मनमहेश रूप में जैसे ही मंदिर प्रांगण से बाहर आए चहुंओर जय महाकाल का उद्घोष गूंज उठा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 05:42 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 06:51 PM (IST)
Mahakal Sawari Ujjain: उज्‍जैन में चांदी की पालकी में सवार होकर भक्‍तों को दर्शन देने निकले भगवान महाकाल
बाबा महाकाल की परंपरा के अनुसार निकलने वाली सवारी निकली।

उज्जैन, राज्‍य ब्‍यूरो। मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित विश्व प्रसिद्घ ज्योतिर्लिग महाकाल मंदिर से सोमवार को श्रावण मास की पहली सवारी निकली। राजाधिराज भगवान महाकाल ने चांदी की पालकी में मनमहेश स्वरूप में सवार होकर नगर भ्रमण किया। दोपहर 3.30 बजे मंदिर के सभा मंडप में परंपरा अनुसार कलेक्टर आशीष सिंह व एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ला ने भगवान का पूजन कर पालकी को नगर भ्रमण के लिए रवाना किया। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र बल की टुकड़ी ने अवंतिकानाथ को सलामी दी।

पश्चात 'जय महाकाल' के जयघोष के साथ पालकी और श्रद्घालुओं का कारवां शिप्रा नदी के तट की ओर रवाना हुआ। रामघाट पर पुजारियों ने मां शिप्रा के जल से भगवान महाकाल का अभिषेक कर पूजा-अर्चना की। पूजन पश्चात सवारी पुन: मंदिर पहुंची। कोरोना संक्रमण के चलते भक्तों को सवारी में प्रवेश नहीं दिया गया। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देश-प्रदेश में उत्तम वृष्टि, सुख समृद्घि व कोरोना के समाप्त होने की कामना से महारुद्राभिषेक किया।

परंपरा अनुसार दोपहर 3.30 सभा मंडप में पुजारियों ने भगवान का पूजन किया। पूजन में कलेक्टर आशीष सिंह और एसपी सत्येंद्र शुक्ला भी मौजूद थे। संभा मंडप में पूजन के बाद शाम 4 बजे भगवान शाही ठाठ के साथ नगर भ्रमण पर निकले। मंदिर के शहनाई द्वार पर सशस्त्र बल की टुकड़ी ने राजाधिराज को सलामी दी। इसके बाद सवारी रामघाट की ओर रवाना हुई।

लाइव प्रसारण

कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सवारी में भक्तों का प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है। दर्शन की व्यवस्था आनलाइन की गई है। श्रद्धालु मंदिर की वेबसाइट और फेसबुक पेज पर सवारी का लाइव प्रसारण देख सकते हैं। प्रतिवर्ष यह सवारी भव्य स्वरूप में निकलती है और इसमें देश-प्रदेश से हजारों श्रद्घालु शामिल होते रहे हैं, किंतु कोरोना संक्रमण के कारण बीते वर्ष की तरह इस वर्ष भी श्रद्घालु सवारी में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। भक्तों को सवारी के आनलाइन लाइव दर्शन हो रहे हैं।

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