आक्सीजन हटाने से शिक्षक की मौत पर मानव अधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, जांच कमेटी ने दी क्लीन चिट

बेटे दीपक का आरोप है कि वार्ड बॉय ने देर रात पिता के पलंग पर लगा पोर्टेबल ऑक्सीजन कंसट्रेटर निकाल दिया इससे सुबह उनकी हालत बिगड़ गई। दीपक ने आरोप लगाया था कि सुबह जब अस्पताल पहुंचा तो पिता तड़प रहे थे लेकिन उन्हें देखने कोई चिकित्सक नहीं आया।

By Neel RajputEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 11:07 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 11:07 PM (IST)
आक्सीजन हटाने से शिक्षक की मौत पर मानव अधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, जांच कमेटी ने दी क्लीन चिट
मध्य प्रदेश के शिवपुरी में बुधवार को हो गई थी कोरोना संक्रमित शिक्षक की मौत

ग्वालियर, जेएनएन। मध्य प्रदेश के ग्वालियर अंचल स्थित शिवपुरी के जिला अस्पताल में बुधवार को आक्सीजन सपोर्ट हटाने से हुई कोरोना संक्रमित शिक्षक सुरेंद्र शर्मा की मौत के मामले में राज्य मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार जैन ने शिवपुरी कलेक्टर और सीएमएचओ से तीन हफ्ते में प्रतिवेदन मांगा है। हालांकि घटना की जांच के लिए मेडिकल कॉलेज अधीक्षक द्वारा बनाई गई तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने किसी को दोषी नहीं माना है।

जांच रिपोर्ट के अनुसार, मरीज आक्सीजन सपोर्ट पर नहीं था। उसकी मशीन नहीं हटाई गई। हालांकि वार्ड के सीसीटीवी फुटेज में वार्ड बॉय आक्सीजन सपोर्ट हटाता हुआ स्पष्ट दिखाई दे रहा है। बता दें कि बुधवार को कोविड वार्ड में भर्ती शिक्षक सुरेंद्र शर्मा की मौत हो गई थी। एक दिन पहले ही रात 11 बजे बेटा दीपक शर्मा उनसे मिलकर गया था। सीसीटीवी फुटेज में वे बेटे से बात करते दिखाई दे रहे थे।

बेटे दीपक का आरोप है कि वार्ड बॉय ने देर रात पिता के पलंग पर लगा पोर्टेबल ऑक्सीजन कंसट्रेटर निकाल दिया, इससे सुबह उनकी हालत बिगड़ गई। दीपक ने आरोप लगाया था कि सुबह जब अस्पताल पहुंचा तो पिता तड़प रहे थे, लेकिन उन्हें देखने कोई चिकित्सक नहीं आया। स्ट्रैचर नहीं मिलने पर वह स्वयं पिता को पीठ पर लादकर आइसीयू तक ले गया, लेकिन इसी दौरान उनकी मौत हो गई।

मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर था ही नहीं

कमेटी घटना के बाद मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अक्षय निगम ने जांच कमेटी गठित की थी, जिसने जांच में पाया कि मरीज को आक्सीजन की जरूरत नहीं थी और उन्हें आक्सीजन नहीं दी जा रही थी, इसलिए वार्ड बॉय ने मरीज के पास रखी मशीन दूसरे जरूरतमंद मरीज को दे दी थी। सीएमएचओ डॉ. एएल शर्मा के मुताबिक, मरीज के स्वजन ने खुद बताया था कि रात में मरीज ठीक था, सुबह उसकी तबीयत बिगड़ी। डॉ. शर्मा के अनुसार, सिर्फ यह लापरवाही मानी जा सकती है कि नर्स को डॉक्टर को बुलाना चाहिए था। हालांकि जांच रिपोर्ट में सभी को पूरी तरह क्लीन चिट दे दी गई है।

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