मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का आदेश, कोरोना मरीजों से ज्यादा कीमत वसूल कर उनका शोषण नहीं करें
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association IMA) और मध्य प्रदेश नर्सिग होम एसोसिएशन (MP Nursing Home Association) के सदस्यों से कहा है कि वे कोरोना मरीजों से ज्यादा कीमत वसूल कर उनका शोषण नहीं करें।
जबलपुर, पीटीआइ। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association, IMA) और मध्य प्रदेश नर्सिग होम एसोसिएशन (MP Nursing Home Association) के सदस्यों से कहा है कि वे कोरोना मरीजों से ज्यादा कीमत वसूल कर उनका शोषण नहीं करें। मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक (Chief Justice Mohammad Rafiq) और न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी (Justice Sanjay Dwivedi) की पीठ ने बुधवार को यह निर्देश दिए।
यही नहीं उच्च न्यायालय ने अदालत ने प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव को निर्देश दिया कि वे कोरोना मरीजों के इलाज से संबंधित रेट सूची का निर्धारण करके इसका प्रचार-प्रसार करने का बंदोबस्त करें। अदालत ने कहा कि ऐसे में जब कोरोना की दूसरी लहर के चलते देश के सामने एक बड़ा संकट खड़ा हुआ है मरीजों से अधिक दर वसूल कर उनका शोषण करने से बचा जाना चाहिए।
अदालत ने आरटी-पीसीआर जांच, रैपिड एंटीजन टेस्ट और सीटी - एचआरसीटी स्कैन के लिए सरकार की ओर से निर्धारित दरों का प्रचार प्रसार करने का भी निर्देश दिया। अदालत ने अपने आदेश में सरकार से तय दरों से लोगों को अवगत कराने को कहा गया है। उच्च न्यायालय ने यह आदेश न्याय मित्र अधिवक्ता नमन नागरथ की ओर से दाखिल की गई याचिका की सुनवाई करते हुए जारी किया।
इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कहा कि मध्य प्रदेश में जिस रफ्तार से कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ रहा है। महीने के अंत तक कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या एक लाख तक पहुंच सकती है। मालूम हो कि मध्य प्रदेश शुक्रवार को उपचाराधीन मरीजों की संख्या 30,486 और कुल मामलों की संख्या 3,27,220 तक पहुंच गई।
संक्रमण के बढ़ते मामलों के चलते प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी जिलों में कोविड-19 केयर सेंटर खोलने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह भी कहा कि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लोगों से अपील है कि बिना वजह के घर से बाहर निकलने से परहेज करें।