मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने पूछा- माननीयों के खिलाफ कितने आपराधिक मामले लंबित, कितनों में स्थगन?

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि मुख्य न्यायाधीशगण यह भी विचार करें कि जिन मुकदमों की सुनवाई तेजी से चल रही है उन्हें दूसरी अदालत में स्थानांतरित करने की जरूरत है या नहीं। सांसदों--विधायकोंके लंबित मुकदमों के निपटारे की प्रगति की निगरानी करें।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 06:20 AM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 06:20 AM (IST)
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने पूछा- माननीयों के खिलाफ कितने आपराधिक मामले लंबित, कितनों में स्थगन?
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने पूछा- माननीयों के खिलाफ कितने आपराधिक मामले लंबित।

जबलपुर, जेएनएन। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल से पूछा है कि वर्तमान व पूर्व सांसदों--विधायकों ([माननीयों)] के खिलाफ हाई कोर्ट में कितने मामले लंबित हैं? विशेषषत: उन मामलों की जानकारी दी जाए, जिनमें स्थगन आदेश जारी किए गए हैं? कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय यादव व जस्टिस सुजय पॉल की युगलपीठ ने अगली सुनवाई छह नवंबर तय की है। इस बीच हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को उक्त सवालों के जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

ये थे सुप्रीम कोर्ट के निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने 16 सितंबर 2020 को सभी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों से कहा था कि वे उनके यहां लंबित सांसद--विधायक से संबंधित आपराधिक मामलों को तत्काल सुनवाई के लिए उचित पीठ के समक्ष लगाएं। विशेषषकर जिनमें कोर्ट ने रोक आदेश जारी कर रखा है। उनमें यह देखा जाए कि रोक जारी रहना जरूरी है भी या नहीं। आवश्यक है, तो उस मामले को नियमित सुनवाई कर दो माह में निपटाया जाए।

कोरोना कोई बाधा नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि इस काम में कोरोना महामारी बाधा नहीं हो सकती, क्योंकि ये सारे मामले वीडियो कांफे्रंसिंग के जरिये सुने जा सकते हैं। सभी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों से मामले के निपटारे के लिए जरूरी विशेषष अदालतों की संख्या और संसाधनों के बारे में कार्ययोजना तैयार करके भेजने के निर्देश भी दिए थे।

हाई कोर्ट गठित करे कमेटी

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि मुख्य न्यायाधीशगण यह भी विचार करें कि जिन मुकदमों की सुनवाई तेजी से चल रही है, उन्हें दूसरी अदालत में स्थानांतरित करने की जरूरत है या नहीं। मुख्य न्यायाधीश एकलपीठ गठित करें, जो सांसदों--विधायकोंके लंबित मुकदमों के निपटारे की प्रगति की निगरानी करें। इसी आदेश के परिप्रेक्ष्य में कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर यह याचिका दर्ज की। सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने हाई कोर्ट प्रशासन को सांसदों और विधायकों के लंबित मामलों की जानकारी पेश करने का निर्देश दिया। केंद्र शासन की ओर से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल जिनेंद्र कुमार जैन व राज्य शासन की ओर से महाधिवक्ता पुरषषेन्द्र कौरव के साथ उपमहाधिवक्ता आशीषष आनंद बर्नाड व हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से अधिवक्ता बीएन मिश्रा ने पक्ष रखा।

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