Chandra grahan 2020: जानिए- कब, कहां और कैसे देखें चंद्र ग्रहण
उपच्छाया चंद्र ग्रहण होने के कारण सामान्य चांद और ग्रहण में अंतर कर पाना मुश्किल होगा। ग्रहण के समय चंद्रमा के आकार में कोई परिवर्तन नहीं आयेगा।
नई दिल्ली, जेएनएन। चंद्र ग्रहण अब से कुछ घंटे बाद लगने जा रहा है। उपछाया चंद्र ग्रहण होगा। जिसकी शुरुआत रात 11:16 बजे से हो जायेगी और इसकी समाप्ति 6 जून को 02:32 मिनट पर होगी। ग्रहण रात 12:54 बजे अपने अधिकतम प्रभाव में हो सकता है। उपछाया चंद्र ग्रहण बहुत अधिक प्रभावशाली नहीं होता है, इस दौरान सूतक काल भी मान्य नहीं होता है।
यहां दिखेगा चंद्रग्रहण
ग्रहण एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका के लोग देख पायेंगे। हालांकि ये उपछाया चंद्र ग्रहण होने के कारण सामान्य चांद और ग्रहण में अंतर कर पाना मुश्किल होगा। ग्रहण के समय चंद्रमा के आकार में कोई परिवर्तन नहीं आयेगा। बल्कि इसकी छवि कुछ मलिन हो जायेगी। यानी चांद इस दौरान मटमैला सा दिखाई देगा।
कैसे देखें ग्रहण
चंद्र ग्रहण पूरी तरह से सुरक्षित होता है इसलिए आप इसे नंगी आंखों से देख सकते हैं। अगर आप टेलिस्कोप की मदद से चंद्र ग्रहण देखेंगे तो आपको बेहद खूबसूरत नजारा दिखाई देगा। ये उपछाया चंद्र ग्रहण है जो कि खास सोलर फिल्टर वाले चश्मों (सोलर-व्युइंग ग्लासेस, पर्सनल सोलर फिल्टर्स या आइक्लिप्स ग्लासेस) से ही सही से देखा जा सकेगा।
इसलिए चांद दिखेगा धुंधला
यह चंद्रग्रहण ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि पर लगेगा और यह उपछाया ग्रहण होगा। ग्रहण 5 जून की रात को 11 बजकर 15 मिनट से लगना आरंभ होगा जो अगले दिन रात के 2 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। ग्रहण के दौरान चंद्रमा वृश्चिक राशि में भ्रमण करेगा। उपछाया में पूर्ण चंद्र ग्रहण नहीं होता है इसमें चंद्रमा सिर्फ धुंधला दिखाई पड़ता है इस कारण से इसको चंद्र मालिन्य भी कहा जाता हैं। इसलिए इस चंद्रग्रहण को उपछाया चंद्रग्रहण कहते हैं।
गर्भवती महिलाएं रखें खास ख्याल
गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के समय विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसी महिलाओं को चंद्र ग्रहण नहीं देखना चाहिए। चंद्र ग्रहण देखने से शिशु पर दुष्प्रभाव पड़ सकते हैं। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय कैंची, चाकू आदि से कोई वस्तु नहीं काटनी चाहिए।
इस साल कुल 6 ग्रहण लगने वाले हैं
जनवरी में पहला चंद्र ग्रहण लगा था। इस साल कुल 6 ग्रहण लगने वाले हैं। लेकिन ज्योतिषी मानते हैं कि 1 साल में 3 से ज्यादा ग्रहण का लगना किसी भी तरह से सही नहीं होता है। इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 21 जून और 14-15 दिसंबर 2020 को लगेगा। वहीं 05 जून व 05 जुलाई और 30 नवंबर 2020 को भी ग्रहण लगने वाले हैं।
क्या होता है उपच्छाया चंद्र ग्रहण
चंद्रग्रहण एक खगोलीय घटना है। जो तब घटित होती है जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है। ऐसा तभी हो सकता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा इस क्रम में लगभग एक सीधी रेखा में स्थित रहें। तो वहीं उपच्छाया चंद्र ग्रहण तब लगता है जब पृथ्वी की परिक्रमा करने के दौरान चंद्रमा पेनुम्ब्रा से हो कर गुजरता है। ये पृथ्वी की छाया का बाहरी भाग होता है। इस दौरान, चंद्रमा सामान्य से थोड़ा गहरा दिखाई देता है।