Lord Hanuman: जानें- कहां है हनुमान जी की जन्मस्थली, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने दिया साक्ष्य

टीटीडी ने घोषणा की है कि अंजनि पुत्र भगवान हनुमान का जन्म अंजनाद्रि में ही हुआ था। यह स्थान दक्षिण भारत में श्री अंजनेया स्वामी के नाम से भी विख्यात है। भगवान वेंकटेश्वर का मंदिर सातवें पर्वत वेंकटाद्रि पर स्थित है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 07:29 PM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 07:29 PM (IST)
Lord Hanuman: जानें- कहां है हनुमान जी की जन्मस्थली, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने दिया साक्ष्य
जन्मस्थली पर साक्ष्यों वाली पुस्तिका भी की जारी

तिरुपति, प्रेट्र। तिरुमाला में भगवान वेंकटेश्वर के प्राचीन मंदिर के व्यवस्थापक तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने अंजनाद्रि को भगवान हनुमान की जन्मस्थली घोषित कर दिया है। अंजनाद्रि पर्वत तिरुमाला से पांच किलोमीटर दूर उत्तर में पर्वत के शिखर पर जपाली तीर्थम में स्थित है। तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित की मौजूदगी में विशेष रूप से रामनवमी के शुभ अवसर पर यह घोषणा की गई है।

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि नेशनल संस्कृत यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर मुरलीधर शर्मा के नेतृत्व में टीटीडी ने समिति का गठन किया है। इसमें विभिन्न क्षेत्रों के कई विद्वान शामिल हैं। इस समिति ने घोषणा की है कि अंजनि पुत्र भगवान हनुमान का जन्म अंजनाद्रि में ही हुआ था। यह स्थान दक्षिण भारत में श्री अंजनेया स्वामी के नाम से भी विख्यात है। भगवान वेंकटेश्वर का मंदिर सातवें पर्वत वेंकटाद्रि पर स्थित है। तिरुमाला की अन्य पर्वत श्रृंखलाओं में नयनाद्रि, शेषाद्रि और गरुणाद्रि भी शामिल हैं। वायु पुत्र भी कहे जाने वाले हनुमान अंजनी देवी के पुत्र हैं। उन्होंने तिरुमाला की सात पर्वतमालाओं में से एक पर तप किया था। इसीलिए इस पर्वत का नाम अंजनाद्रि पड़ गया है।

टीटीडी के अधिकारियों ने बताया कि पुरालेखों, वैज्ञानिक और पौराणिक साक्ष्यों के साथ एक पुस्तिका जारी की गई है। इसमें बताया गया है कि तिरुमाला की सात पर्वत श्रृंखलाओं में से एक अंजनाद्रि भगवान हनुमान का जन्मस्थान है। इस किताब का विमोचन मुरलीधर शर्मा ने किया। उन्होंने कहा कि इस संबंध में समिति ने प्राचीन साहित्य, शिला लेखों, ऐतिहासिक और खगोलीय गणनाओं के आधार पर इस पुस्तक में कई साक्ष्य रखे हैं। तेलुगु भाषा की बीस पेज की किताब का शीर्षक 'श्री अंजनेयस्वामी वारी जन्मस्थलम तिरुमालालोनी अंजनाद्रि' (यानी तिरुमाला का अंजनाद्रि है हनुमान जी का जन्मस्थान) है। इस किताब को टीटीडी की वेबसाइट पर भी अपलोड किया गया है। इस अवसर पर कार्यकारी अधिकारी केएस जवाहर रेड्डी और अतिरिक्त कार्यकारी अधिकारी एवी धर्मा रेड्डी भी मौजूद थे। अधिकारियों ने बताया कि रामनवमी के अवसर पर पूजा-अर्चना करने आए पुरोहित ने समिति के प्रयासों की सराहना की और श्री हनुमान की जन्मस्थली अंजनाद्रि को बताए जाने पर संतोष व्यक्त किया।

पिछले साल दिसंबर में टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी ने केएस जवाहर रेड्डी ने विद्वानों की एक उच्चस्तरीय समिति गठित की थी। इस समिति ने हनुमान जी की जन्मस्थली अंजनाद्रि से जुड़े साक्ष्यों पर गहन अध्ययन किया। टीटीडी के इस दावे से कर्नाटक के राजनीतिक हलकों, धार्मिक, पुरातात्विक में भूचाल आ गया था। चूंकि सदियों से एक मान्यता यह भी रही है कि बेल्लारी में हम्पी के पास स्थित 'किष्किंधा क्षेत्र' या वानरों का राज्य था। कुछ रिपोर्टो के अनुसार हनुमान जी का जन्म झारखंड के गुमला जिले के अंजन गांव की एक गुफा में हुआ था। जबकि कुछ अन्य रिपोर्टो में यह भी दावा किया गया कि महाराष्ट्र में नासिक के पास अंजनेरी पहाडि़यों में हनुमान जी का जन्म हुआ था।

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