अब एक ही चैनल पर देख सकेंगे संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही, लोकसभा व राज्यसभा टीवी का मर्जर

देश की संसद की कार्यवाही अब एक ही चैनल पर देखने को मिलेगा। लोकसभा टीवी और राज्यसभा टीवी का मर्जर कर दिया गया है। नए चैनल का नाम संसद टीवी होगा। इसी पर संसद की पूरी कार्यवाही प्रसारित होगी।

By TaniskEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 12:36 PM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 12:36 PM (IST)
अब एक ही चैनल पर देख सकेंगे संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही, लोकसभा व राज्यसभा टीवी का मर्जर
लोकसभा टीवी और राज्यसभा टीवी का मर्जर कर दिया गया है।

नई दिल्ली, एएनआइ। देश की संसद की कार्यवाही अब एक ही चैनल पर देखने को मिलेगा। लोकसभा टीवी और राज्यसभा टीवी का मर्जर कर दिया गया है। नए चैनल का नाम संसद टीवी होगा। इसी पर संसद की पूरी कार्यवाही प्रसारित होगी। रिटायर्ड आइएएस ऑफिसर रवि कपूर को इसका सीइओ नियुक्त किया गया है। उनको एक साल के लिए यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा इस पर हिंदी और अग्रेंजी में समाचार और  करंट अफेयर्स प्रोग्राम प्रसारित होंगे।

यह योजना 2019 में प्रसार भारती के सीइओ सूर्य प्रकाश की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति द्वारा प्रस्तावित की गई थी। इसका उद्देश्य लागत में कटौती करना, चैनल के प्रबंधन को सुव्यवस्थित करना था।उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने इसके लिए एक छह सदस्यीय समिति का गठन किया था। लोकसभा और राज्यसभा टीवी को मुख्य रूप से सार्वजनिक क्षेत्र और केंद्रीय मंत्रालयों से विज्ञापन मिलता था।

सरकार ने एक मार्च को अपने आदेश में कहा कि राज्यसभा के चेरयमैन और लोकसभा के अध्यक्ष के संयुक्त फैसला के परिणामस्वरूप  राज्यसभा टीवी  और लोकसभा टीवी को संसद टीवी (Sansad TV) में विलय कर दिया गया है। बता दें कि रवि कपूर 1986 बैच के असम-मेघालय काडर के सेवानिवृत अखिकारी हैं। वह कपड़ा मंत्रालय के सचिव भी रह चुके हैं। असम के अतिरिक्त मुख्य सचिव रहने के अलावा कई क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे चुके  हैं।

बता दें कि निचले सदन यानी लोकसभा की कार्यवाही का लाइव प्रसारण लोकसभा टीवी पर होता है। इसकी शुरुआत 1989 में हुई थी। बाद में इस पर राष्ट्रपति का अभिभाषण के साथ-साथ प्रश्नकाल और शून्यकाल का भी प्रसारण होने लगा। वहीं राज्यसभा की कार्यवाही के लिए राज्यसभा टीवी की शुरुआत 2011 में हुई। यहां राज्यसभा की कार्यवाही के अलावा सरकारी कार्यक्रम और समाचार प्रसारित किए जाते थे। इस चैनल पर संसदीय और वर्तमान मामलों पर निर्णायक विश्लेषण भी प्रसारित होता है। हाल ही में यूट्यूब पर राज्यसभा टीवी के सब्सक्राइबरों की संख्या 40 लाख को पार गई थी।

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