छत्तीसगढ़ पहुंचा टिड्डियों का दल, किसान परेशान; मध्य प्रदेश की सीमा से कोरिया जिले में घुसा

कृषि विभाग का कहना है कि टिड्डियों के बड़े दल में फिलहाल बिखराव हो गया है। इस समय जिले में तेज गर्म हवाएं चल रही हैं जो इस दल को जिले की सीमा से दूर ले जा सकती हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Sun, 31 May 2020 06:57 PM (IST) Updated:Sun, 31 May 2020 07:01 PM (IST)
छत्तीसगढ़ पहुंचा टिड्डियों का दल, किसान परेशान; मध्य प्रदेश की सीमा से कोरिया जिले में घुसा
छत्तीसगढ़ पहुंचा टिड्डियों का दल, किसान परेशान; मध्य प्रदेश की सीमा से कोरिया जिले में घुसा

कोरिया, जेएनएन। महाराष्ट्र औरु मध्य प्रदेश की सीमा पर दो दिन पहले तक मंडरा रहा टिड्डियों का एक दल हवा के साथ छत्तीसगढ़ में आ पहुंचा है। कोरिया जिले में टिड्डियों ने फसलों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है। इससे किसान परेशान हैं। प्रशासन ने कीटनाशकों का छिड़काव करुने की सलाह दी है। बताया जा रहा है कि शनिवार को टिड्डियों का बड़ा दल सीधी की ओर बढ़ता देखा गया लेकिन हवा का रुख बदलने से अपेक्षाकृत छोटा दल राज्य की सीमा में प्रवेश कर गया।

कृषि विभाग का कहना है कि टिड्डियों के बड़े दल में फिलहाल बिखराव हो गया है। इस समय जिले में तेज गर्म हवाएं चल रही हैं, जो इस दल को जिले की सीमा से दूर ले जा सकती हैं। टिड्डियों का दल भरतपुर विकास खंड के ग्राम घोड़धरा के आसपास है। इससे निपटने के लिए कलेक्टर ने राजस्व, उद्यानिकी व कृषि विभाग को अलर्ट किया है। इस दौरान अग्निशमन वाहन से दवा का छिड़काव कर टिड्डियों को मारने का प्रयास किया किया गया।

मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में टिड्डियों ने मचाई थी तबाही

वहीं, इसके पहले टिड्डियों ने मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में शनिवार को एक बार फिर तबाही मचाई। शिवपुरी शहर से कुछ दूरी पर स्थित मझेरा, कोलारस, राजा की मुढैरी, सेसई सहित भैसाना सहित अन्य गांवों में हरियाली सहित सब्जी की फसलों को नष्ट कर दिया। आम की फसल को भी पूरी तरह से तबाह कर दिया, जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है। कृषि विभाग ने कुछ क्षेत्रों में ड्रोन से टिड्डियों पर कीटनाशक का छिड़काव किया।

गौरतलब है कि राजस्थान की तरफ चली तेज हवाओं की बदौलत अब टिड्डी दल पंजाब से 120 किलोमीटर की दूरी पर पहुंच गया था। बेशक हवा के रुख के साथ टिड्डी दल दूर हो गया है, लेकिन खतरा टला नहीं है। कृषि विभाग की मानें तो यह खतरा जुलाई के अंत तक बना रहेगा।

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