किसान आंदोलन: हरियाणा सरकार ने पंजाब से लगे सभी बॉर्डर खोले, दिल्ली मेट्रो की सेवाएं भी हुईं सामान्य

दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर केंद्रीय कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प हो गई। वहीं अब हरियाणा सरकार ने अंबाला के पास हरियाणा और पंजाब के बीच शंभू सीमा पर पुलिस ने सभी बैरिकेड्स हटा दिए हैं।

By TaniskEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 08:34 AM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 09:33 PM (IST)
किसान आंदोलन: हरियाणा सरकार ने पंजाब से लगे सभी बॉर्डर खोले, दिल्ली मेट्रो की सेवाएं भी हुईं सामान्य
केंद्रीय कृषि सुधार कानूनों को लेकर विरोध प्रदर्शन करते किसान

नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने की और शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अनुमति मिल गई है। वहीं, हरियाणा सरकार ने अंबाला के पास हरियाणा और पंजाब के बीच शंभू सीमा पर पुलिस ने सभी बैरिकेड्स हटा दिए हैं। आंदोलन थोड़ा शांत होता देख दिल्ली मेट्रो ने अपनी सेवाएं सामान्य कर दी हैं। इसी बीच हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि केंद्र सरकार बातचीत के लिए हमेशा तैयार है। मेरी सभी किसान भाइयों से अपील है कि अपने सभी जायज मुद्दों के लिए केंद्र से सीधे बातचीत करें। उन्होंने कहा कि आन्दोलन इसका जरिया नहीं है। बता दें कि ये किसान टिकरी बॉर्डर से निंरकारी समागम मैदान की ओर आगे बढ़ रहे हैं। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली सरकार से नौ स्टेडियमों को अस्थायी जेलों में तब्दील करने की अनुमति मांगी थी, जो खारिज हो गई। दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर कई जगहों पर किसानों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प देखने को मिला। इस दौरान पथराव भी देखने को मिला। ऐसे में पुलिसवालों ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया।

किसान आंदोलन से जुड़े प्रमुख बिंदु

- हरियाणा सरकार ने अंबाला के पास हरियाणा और पंजाब के बीच शंभू सीमा पर पुलिस ने सभी बैरिकेड्स हटा दिए है। क्योंकि किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति दी गई थी। अंबाला के एसपी राजेश कालिया ने बताया कि किसी को नहीं रोका जाएगा। किसान दिल्ली के लिए आसानी से यात्रा कर सकते हैं।

- किसानों के विरोध प्रदर्शनों के बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनहोर लाल खट्टर ने कहा कि केंद्र सरकार बातचीत के लिए हमेशा तैयार है। मेरी सभी किसान भाइयों से अपील है कि अपने सभी जायज मुद्दों के लिए केंद्र से सीधे बातचीत करें। उन्होंने कहा कि आन्दोलन इसका जरिया नहीं है, इसका हल बातचीत से ही निकलेगा।

-किसानों के दिल्ली चलो मार्च के चलते दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर पर भीषण जाम लगा हुआ है। इस दौरान पुलिस वाहनों की चेकिंग भी कर रही है।

- बुरारी क्षेत्र के निरंकारी समागम मैदान में धरना प्रदर्शन की अनुमति दिए जाने के बाद किसानों ने टिकरी बॉर्डर से राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश कर रहे हैं।

- पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि मैं केंद्र सरकार के किसानों के विरोध में अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करने के लिए दिल्ली में प्रवेश करने के निर्णय का स्वागत करता हूं। उन्हें अब किसान कानूनों पर किसानों की चिंताओं को दूर करने के लिए तत्काल वार्ता शुरू करनी चाहिए और किसान समस्या का समाधान करना चाहिए। इससे पहले उन्होंने केंद्र सरकार से बातचीत शुरू करने का आग्रह किया था। 

- प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी। उन्हें बुराड़ी में निरंकारी समागम मैदान में विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति होगी। दिल्ली पुलिस आयुक्त एनके श्रीवास्तव ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे कानून व्यवस्था बनाए रखें और शांति से प्रदर्शन करें।

 

- सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों पर सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े। कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए किसान दिल्ली आ रहे हैं।

- सिरसा में डबवाली पंजाब हरियाणा बॉर्डर पर किसानों ने नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन के दौरान सड़क पर लगे पुलिस बैरिकेड को नुक़सान पहुंचाया और उन्हें रास्ते से हटा दिया।

- दिल्ली सरकार ने किसानों के विरोध को देखते हुए नौ स्टेडियमों को अस्थायी जेलों में बदलने की मांग करने वाली दिल्ली पुलिस के अनुरोध को खारिज कर दिया।

- अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले दागे गए।

— ANI (@ANI) November 27, 2020

- पंजाब के किसान, अंबाला में हरियाणा- पंजाब बॉर्डर ( शंभू  बॉर्डर)  के पास, हरियाणा में घुसने की कोशिश कर रहे  हैं।  किसानों को हरियाणा में प्रवेश करने से रोकने के लिए सीमा पर कड़ी व्यवस्था है।

- किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली मेट्रो ने शुक्रवार को  ग्रीन लाइन पर छह मेट्रो स्टेशनों पर एंट्री और एग्जिट गेट बंद रहने की जानकारी दी। ग्रीन लाइन पर ब्रिगेडियर होशियार सिंह, बहादुरगढ़ सिटी, पंडित श्री राम शर्मा, टिकरी बॉर्डर, टिकरी कलां और घेवर स्टेशनों पर एंट्री और एग्जिट अब बंद हैं। दिल्ली मेट्रो के अधिकारियों ने पहले घोषणा की थी कि पड़ोसी शहरों से सेवाएं शुक्रवार को निलंबित रहेंगी।

- दिल्ली-बहादुरगढ़ राजमार्ग के पास टिकरी सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल किया। किसानों को सुरक्षा बलों के साथ टकराव देखने को मिला। 

— ANI (@ANI) November 27, 2020

- समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार दिल्ली पुलिस ने किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली सरकार से नौ स्टेडियमों को अस्थायी जेलों में तब्दील करने की अनुमति मांगी।

- किसानों ने सिंघु सीमा (हरियाणा-दिल्ली सीमा) पर दिल्ली में प्रवेश करने से रोक दिया। समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार एक किसान ने कहा कि हम शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और हम इसे जारी रखेंगे। हम शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करते हुए दिल्ली में प्रवेश करेंगे। लोकतंत्र में, किसी को विरोध करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

- कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को तितर-बितर करने के लिए सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षाबलों ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया।

— ANI (@ANI) November 27, 2020

- कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान रोहतक से दिल्ली की ओर आ रहे हैं। एक प्रदर्शनकारी किसान ने समाचार एजेंसी एएनआइ को बताया कि पुलिस ने हमें पानी की बौछारें और आंसू गैस से रोकने की बहुत कोशिश की, लेकिन हमने इसकी परवाह नहीं की और हम दिल्ली की ओर आगे बढ़ रहे हैं।

- रोहतक-झज्जर बॉर्डर पर इकट्ठा हुए केंद्रीय कृषि सुधार कानूनों का विरोध कर रहे किसान।

गुरुवार को कई जगहों पर पुलिस और किसानों के बीच झड़प हुई

हरियाणा में गुरुवार को कई जगहों पर पुलिस और किसानों के बीच झड़प देखने को मिली। पुलिस की ओर से लगाए गए बैरिकेड, पत्थर और मिट्टी के ढेर को हटाकर किसान हरियाणा में प्रवेश कर गए। पंजाब-हरियाणा सीमा पर हरियाणा पुलिस ने कुल नौ जगह सीमा सील की हुई थी। इनमें से सात जगह किसानों ने बैरिकेड तोड़े तो तीन जगह पुलिस के साथ उनकी झड़प हो गई। पूरे दिन सीमा पर तनाव का माहौल बना रहा। 

प्रदर्शनकारियों ने क्या कहा

समाचार एजेंसी एएनआइ से बात करते हुए एक किसान ने कहा कि मुख्य मांग यह है कि उन्हें हमारी बात सुननी चाहिए। वे कृषि कानून लाए हैं और फिर भी, वे हमारी बात नहीं सुन रहे हैं। यदि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और बिचौलियों या सेवा प्रदाता को हटा दिया जाता है तो किसान क्या करेंगे? वहीं सरकार का कहना है कि कृषि सुधार कानूनों से बिचौलिए की भूमिका खत्म हो जाएगी। किसान अपनी उपज सीधे बाजार में बेच पाएंगे। प्रदर्शनकारियों को डर है कि उन्हें उनकी उपज की उचित कीमत नहीं मिलेगी और उनके समय पर भुगतान बाधित हो सकते हैं।

 यह भी देखें: किसानों के प्रदर्शन पर भिड़े Punjab-Haryana के CM

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