कोच्चि: NIA अदालत ने सुब्हानी मोइदीन को सुनाई आजीवन कारावास की सजा, ISIS का था समर्थक

सुब्हानी मोइदीन को वर्ष 2016 में आईएसआईएस समूह की कथित रूप से समर्थन गतिविधियों के लिए गिरफ्तार किया गया था। आजीवन कारावास के साथ विशेष एनआईए अदालत ने मोइदीन पर 2.1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 02:29 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 03:15 PM (IST)
कोच्चि: NIA अदालत ने सुब्हानी मोइदीन को सुनाई आजीवन कारावास की सजा, ISIS का था समर्थक
कोच्चि में स्पेशल NIA कोर्ट ने सुब्हानी मोइदीन को उम्रकैद की सजा। (फाइल फोटो)

कोच्चि, एएनआइ। कोच्चि की एक विशेष एनआईए अदालत ने सोमवार को सुब्हानी हजा मोइदीन को आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) की गतिविधियों का समर्थन करने के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा उसे काफी समय पहले गिरफ्तार किया गया था। आजीवन कारावास के साथ विशेष एनआईए अदालत ने मोइदीन पर 2.1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

विशेष अदालत ने पहले उल्लेख किया था कि भारतीय दंड संहिता सेक्शन 120 (बी) की धारा 125 (आपराधिक षड्यंत्र), धारा 125 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 20, धारा 38 (आतंकवादी गिरोह के सदस्य होने) के तहत मोइदीन को दोषी ठहराया। उसे धारा 38 (आतंकवादी संगठन की सदस्यता से संबंधित अपराध) और 39 (आतंकवादी संगठन को दिए गए समर्थन से संबंधित अपराध) के तहत भी दोषी ठहराया गया है। बता दें कि सुब्हानी हजा मोइदीन, जो केरल के इडुक्की जिले से आता है, कथित रूप से वर्ष 2015 में आतंकी संगठन में शामिल हो गया था और उसे इराक और सीरिया में प्रशिक्षित किया गया था। वह इराक सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने में शामिल था।

एनआईए के अनुसार, मोइदीन को वर्ष 2016 में आईएसआईएस समूह की कथित रूप से समर्थन गतिविधियों के लिए गिरफ्तार किया गया था। एजेंसी को यह भी संदेह था कि इसे पेरिस में 2015 के आतंकवादी हमलों के बारे में विस्तृत जानकारी हो सकती है, जिसमें 130 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए।

बता दें कि कोच्‍चि की एनआइए अदालत ने उस आतंकी को भारत सरकार के खिलाफ युद्ध की साजिश रचने के आरोप में दोषी ठहराया है जिसने कथित तौर पर इराक जाकर आइएसआइएस से दहशत फैलाने की ट्रेनिंग ली थी। एनआइए ने केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने राज्य पुलिस की मदद से तमिलनाडु में साल 2016 में मोइदीन को गिरफ्तार किया था। मोइदीन कुछ प्रमुख व्यक्तियों और सार्वजनिक महत्व के स्थानों को निशाना बनाने की साजिश रच रहा था जिसे एजेंसियों ने नाकाम कर दिया था।

उल्‍लेखनीय है कि अदालत की ओर से देश में किसी आइएसआइएस के आतंकी को ऐसे समय दोषी ठहराया गया है जब सरकार ने कुछ ही दिन पहले संसद में संयुक्त राष्ट्र की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था जिसमें केरल और कर्नाटक में आईएसआईएस आतंकियों की अच्छी-खासी संख्या में मौजूदगी की बात कही गई थी। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि केरल और कर्नाटक में आईएसआईएस आतंकियों की अच्छी-खासी संख्या में मौजूदगी का दावा करने वाली रिपोर्ट तथ्यात्मक रूप से सही नहीं है।

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