Independence Day 2020: जानें आखिर क्यों 15 अगस्त को ही मनाया जाता है स्वतंत्रता दिवस

सवाल यह उठता है कि आखिर 15 अगस्त को ही स्वतंत्रता दिवस मनाने की तारीख को क्यों चुना गया और ऐसा करने के पीछे क्या खास वजह थी।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Fri, 14 Aug 2020 09:04 AM (IST) Updated:Fri, 14 Aug 2020 11:15 PM (IST)
Independence Day 2020: जानें आखिर क्यों 15 अगस्त को ही मनाया जाता है स्वतंत्रता दिवस
Independence Day 2020: जानें आखिर क्यों 15 अगस्त को ही मनाया जाता है स्वतंत्रता दिवस

नई दिल्ली, एजेंसी। हर साल 15 अगस्त को भारत में स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2020) मनाया जाता है। स्वतंत्रता दिवस को देशभर में काफी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भारत के प्रधानमंत्री लालकिले की प्राचीर से झंडा फहराते हैं।  15 अगस्‍त 1947 वह भाग्‍यशाली दिन था जब भारत को ब्रिटिश उपनिवेशवाद से स्‍वतंत्र घोषित किया गया और नियंत्रण की बागडोर देश के नेताओं को सौंप दी गई। भारत द्वारा आजादी पाना उसका भाग्‍य था, क्‍योंकि स्‍वतंत्रता संघर्ष काफी लम्‍बे समय चला और यह एक थका देने वाला अनुभव था, जिसमें अनेक स्‍वतंत्रता सेनानियों ने अपने जीवन कुर्बान कर दिए।

बता दें कि 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से भारत को आजादी मिली थी। जिसके बाद से ही भारत को एक स्वतंत्र देश घोषित किया गया था। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि आखिर 15 अगस्त को ही स्वतंत्रता दिवस मनाने की तारीख को क्यों चुना गया और ऐसा करने के पीछे क्या खास वजह थी।

तो बता दे कि, ब्रिटिश संसद ने लॉर्ड माउंटबेटन (Lord Mountbatten) को 30 जून 1948 तक भारत की सत्‍ता भारतीय लोगों को ट्रांसफर करने का अधिकार दिया था। लॉर्ड माउंटबेटन को साल 1947 में भारत के आखिरी वायसराय के तौर पर नियुक्त किया गया था। जिसके बाद माउंटबेटन ने ही भारत की आजादी के लिए 15 अगस्त की तारीख चुनी थी।

कुछ इतिहासकारों का यह भी मत है

वहीं, कुछ इतिहासकारों का यह भी मानना है कि सी राजगोपालाचारी के सुझाव पर लॉर्ड माउंटबेटन ने इस तारीख को चुना था। सी राजगोपालाचारी का कहना था कि अगर 30 जून 1948 तक इंतजार किया गया तो हस्तांतरित करने के लिए कोई सत्ता शेष नहीं होगी। इसे देखते हुए भारत के अंतिम वायसराय माउंटबेटन ने 15 अगस्त को भारत की आजादी के रूप में चुना। वहीं, कुछ का यह भी मानना है कि 15 तारीख को शुभ मानते थे जिसके तलते उन्होंने भारत की आजादी के लिए इसे चुना। आजादी की तारीख 15 अगस्त चुने जाने पर सभी के अपने अलग-अलग मत हैं।

14 अगस्‍त 1947 की मध्‍य रात्रि को भारत आजाद हुआ

अगस्‍त 1942 में गांधी जी ने ''भारत छोड़ो आंदोलन'' की शुरूआत की तथा भारत छोड़ कर जाने के लिए अंग्रेजों को मजबूर करने के लिए एक सामूहिक नागरिक अवज्ञा आंदोलन ''करो या मरो'' आरंभ करने का निर्णय लिया। महात्मा गांधी के अथक प्रयासों की बदौलत आखिरकार अंग्रेजों को उनके सामने झुकना पड़ा और भारत आजादी की ओर बढ़ चला। इस प्रकार 14 अगस्‍त 1947 की मध्‍य रात्रि को भारत आजाद हुआ (तब से हर वर्ष भारत में 15 अगस्‍त को स्‍वतंत्रता दिवस मनाया जाता है)। जवाहर लाल नेहरू स्‍वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने और 1964 तक उनका कार्यकाल जारी रहा।

ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमंस में पेश किया गया था बिल

अंग्रेजों से आजादी की घोषणा के बाद ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमंस में 4 जुलाई 1947 को इंडियन इंडिपेंडेंस बिल को पेश किया गया। इस बिल में भारत के बंटवारे और पाकिस्तान को अलग मुल्क बनाए जाने का प्रस्ताव रखा गया था। यह बिल 18 जुलाई 1947 को स्वीकारा गया और 14 अगस्त को बंटवारे के बाद 15 अगस्त 1947 को मध्यरात्रि 12 बजे भारत की आजादी की घोषणा की गई।

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