कोरोना काल में बढ़ते बच्चों को दें हेल्दी डाइट का डोज, जानें- एक्सपर्ट की सलाह

आपको भी यह जानने की जरूरत है कि आपके लिए क्‍या खाना स्‍वास्‍थ्‍यवर्द्धक है और क्‍या नहीं? तभी आप जंक फूड के नुकसान समझ पाएंगे और घर की रसोई में बने खाने के फायदों से रूबरू हो पाएंगे और कई तरह की शारीरिक और मानसिक परेशानियों से भी बच सकेंगे।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Sat, 26 Sep 2020 08:02 AM (IST) Updated:Sat, 26 Sep 2020 05:58 PM (IST)
कोरोना काल में बढ़ते बच्चों को दें हेल्दी डाइट का डोज, जानें- एक्सपर्ट की सलाह
यह समय बहुत सावधानी से अपने स्‍वस्‍थ खान-पान का ध्‍यान रखने का है।

नई दिल्‍ली, यशा माथुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिट इंडिया मुहिम के एक साल पूरा होने पर न केवल स्‍वास्‍थ्‍य और पोषण को लेकर चर्चा की है बल्कि अपनी सीक्रेट रेसिपी सहजन के पत्ते के पराठे के बारे में भी बताया है। वे हमेशा से फिट रहने पर जोर देते हैं। उनके साथ बातचीत में सेलेब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवाकर ने बताया कि हम जो सामान्य खाना खाते हैं, उससे भी फिट रह सकते हैं क्योंकि उसमें सभी जरूरी पोषक तत्व होते हैं।

आपको भी यह जानने की जरूरत है कि आपके लिए क्‍या खाना स्‍वास्‍थ्‍यवर्द्धक है और क्‍या नहीं? तभी आप जंक फूड के नुकसान समझ पाएंगे और घर की रसोई में बने खाने के फायदों से रूबरू हो पाएंगे और कई तरह की शारीरिक और मानसिक परेशानियों से भी बच सकेंगे। तो जान लीजिए कि स्‍वस्‍थ खाएंगे तो ही मस्‍त रहेंगे ...

दोस्‍तो, कोरोना की वजह से लंबे समय से आपकी स्‍कूल की मस्‍ती के दिन नहीं हैं। वहां आपके खेलों में, घर से आने-जाने में सिर्फ आपको मजा ही नहीं आता था बल्कि आपका शारीरिक व्‍यायाम भी हो जाता था। आप कुछ भी खाते थे तो मुश्किल नहीं होती थी। लेकिन अब स्थितियां बिल्‍कुल अलग हैं। आप ऑनलाइन क्‍लासेज ले रहे हैं और शाम को मैदान में खुलकर खेलने भी नहीं जा पा रहे हैं। हालांकि स्‍कूल खुलने के एलान होने शुरू हो गए हैं लेकिन कोरोना के डर के बाद आप कितना जा पाएंगे, यह आपको भी पता नहीं। इसलिए यह समय बहुत सावधानी से अपने स्‍वस्‍थ खान-पान का ध्‍यान रखने का है।

दूध के लिए न करें आनाकानी : आप अभी बाहर नहीं जा रहे तो आपको विटामिन डी नहीं मिल रहा है इसलिए सुबह एक गिलास दूध लेने में जरा भी आनाकानी न करें। अगर सादा दूध ले सकें तो ठीक नहीं तो प्रोटीन पाउडर डालकर भी ले सकते हैं। डाइटिशियन पायल शर्मा बताती हैं कि अगर दूध नहीं पी पाते तो अपनी डाइट में दही जरूर शामिल करें। सुबह अंडे ले सकते हैं। दो उबले अंडे या इनका एग व्‍हाइट ही लें। एग सैंडविच में आटे की ब्रेड का इस्‍तेमाल करें। आपको अपनी ग्रोथ के लिए विटामिन डी और कैल्शियम जरूरी है। विटामिन ए की कमी से भी आने वाले समय में मुश्किलें पैदा हो सकती हैं। आप कमजोरी महसूस करेंगे। इसलिए अभी से सावधानी बरतें। हरे और नारंगी रंग के फल और सब्जियों में विटामिन ए होता है। गाजर जरूर खाएं।

मोटापे से रहें दूर : दोस्‍तो, अगर आपने अपने हेल्‍दी खाने को खुद नियमित नहीं किया और जंक फूड की गिरफ्त से नहीं निकल पाए तो आपको ओवरवेट यानी मोटापे की समस्या हो सकती है। ऐसा होने पर शुरू हो जाएगा दौर बीमारियों का। हाल ही में मैक्सिको में बच्चों में मोटापे की बढ़ती समस्या को देखते हुए जंक फूड पर बैन लगा दिया गया। वहां जंक फूड विरोधी कानून के तहत बच्चों को चिप्स, कैंडी, सोडा और अन्य पेय बेचने को सिगरेट व शराब बेचने जैसा अपराध माना गया है। क्‍योंकि वहां 73 फीसद से अधिक बच्चों को ओवरवेट माना गया है, जिनमें 34 फीसद गंभीर मोटापे के शिकार हैं। यह समस्या सिर्फ मैक्सिको की नहीं, दुनिया के अन्य देशों जैसे भारत की भी है और कोरोना काल में तो शारीरिक श्रम या व्यायाम न के बराबर होने से मोटापे की समस्या बढ़ गई है।

गुड बैक्टीरिया मार देता जंक फूड : पेडियाट्रिशियन डॉ. लतिका भल्ला की स्‍टडी बताती है कि अधिकतर बच्चे सप्ताह में तीन से चार बार जंक फूड खाते हैं। जब किशोर बच्चों से पूछा गया कि आप यह जानते हैं कि आपके शरीर में जंक फूड के जरिए केमिकल जा रहे हैं, तो उनमें से ज्यादातर को इस चीज की जानकारी थी। लेकिन इसे खाने की बार-बार इच्छा पैदा होने पर वे जंक फूड खाते थे। ब्रिटेन में हुए एक अध्ययन में भी शोधकर्ताओं ने कहा है कि फास्ट, जंक या अन्य प्रोसेस्ड फूड में मौजूद प्रिजर्वेटिव्स में कई ऐसे नुकसानदेह तत्व पाए जाते हैं जो कुछ ही मिनटों में आंतों के उन गुड बैक्टीरिया को मार देते हैं जो पाचन शक्ति को दुरुस्त रखने के साथ बढ़ते वजन को नियंत्रित करने में मददगार होते हैं।

ऐसी स्थिति में मोटापे से बचने के लिए जहां तक संभव हो जंक फूड से दूर रहा जाना चाहिए। डॉ. लतिका कहती हैं कि हम किशोर बच्चों को यह बताना चाहते हैं कि आप जो भी खा रहे हैं उसका न्यूट्रीशन इंडेक्स देखो। अगर हम किशोरों को खाने का तरीका और अच्छे खाने का महत्व बताएं तो हो सकता है कि उन्‍हें महसूस हो जाए कि वे क्या खा रहे हैं? मोटापा खत्म करने के लिए उन्‍हें सतर्क रहना होगा। जो अभी ओवरवेट की तरफ जा रहे हैं, वे स्‍वस्‍थ जीवनशैली से सामान्य वजन की ओर आसानी से आ सकते हैं।

घर के खाने का मजा : ऐसा नहीं है कि आप घर में हैं तो आपको खाने में मजा नहीं आ रहा। आपकी मम्‍मी आपको पिज्जा, नूडल्स, बर्गर घर में ही बना कर दे रही होंगी। आपको बस इतना ही करना है कि जो स्‍वास्‍थ्‍यवर्द्धक बर्गर वे बनाकर दें आप उसे बिना नखरे दिखाए स्वाद खा लें। गौरव की मम्‍मी सौम्‍या कहती हैं, ‘मैं तो बच्‍चों को सारी सब्जियां व स्‍प्राउट्स मिलाकर बनाई टिक्‍की के साथ बर्गर देती हूं और मिक्‍सवेज के साथ आटे के पास्‍ता भी बना देती हूं और बच्‍चे आराम से खा भी लेते हैं।

आयरन, विटामिन डी और कैल्सियम चाहिए आपको : दिल्ली के धर्मशिला नारायणा सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल की सीनियर डाइटिशियन डॉ. पायल शर्मा ने बताया कि बच्‍चों को फाइबरयुक्त चीजें खानी होंगी, फैट बंद करना होगा। बच्‍चे कोल्‍ड ड्रिंक भी जमकर लेते हैं। लो शुगर ड्रिंक में फलों का जूस सबसे बेहतर है। फल खा सकते हैं। बर्गर खाना चाहते हैं तो बर्गर में चीज की जगह पर आम सब्जियों से बनी टिक्‍की लगाई जा सकती है। वेज सैंडविच, पनीर सैंडविच खाएं। क्रीम को छोड़ दें तो फैट नहीं होगा। शाम को ड्राई फ्रूट्स लिए जा सकते हैं जिससे टेस्‍ट भी आएगा, पेट भी भर जाएगा और ज्‍यादा कुछ खाने की फीलिंग भी कम हो जाएगी। जूस पीने से ज्‍यादा फल खाने पर ध्‍यान दें जिससे फाइबर बहुत अच्‍छा मिलेगा।

ऐसे फल न खाएं तो मिक्‍स फ्रूट चाट खा लें। कई बार बच्‍चे कुछ खाते नहीं है, सिर्फ जूस पी लेते हैं। वह भी नुकसानदायक है। उससे फाइबर नहीं मिलता और शरीर में शुगर ज्‍यादा जाती है। बच्‍चों को आयरन, विटामिन डी और कैल्सियम की जरूरत बहुत ज्‍यादा होती है। दूध, दही, पनीर भी खाने में शामिल करें। स्‍प्राउट्स ले सकते हैं। स्‍टीम फूड बच्‍चों के लिए बहुत बेहतर है। इसमें इडली या नॉनस्टिक पर बना डोसा लिया जा सकता है। अगर नॉनवेज हैं तो चिकन को ग्रेवी के साथ न लेकर बेक या ग्रिल करके लें। उसे डीप फ्राई न करें। चिकन और फिश लेना स्‍वास्‍थ्‍यवर्द्धक है। रेड मीट में फैट बहुत होता है। पास्ता खाना चाहते हैं तो आटे का पास्‍ता लेकर उसमें चिकन के टुकड़े डाले जा सकते हैं। यह स्‍वाद से भरपूर होगा और सेहतमंद भी होगा। अगर स्‍प्राउट्स ऐसे नहीं खाने हैं तो उन्‍हें सैंडविच में खा सकते हैं। उनके पराठे बनाए जा सकते हैं।

जंक फूड को कहें ना : श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट की डायटिशियन जया ज्योत्सना ने बताया कि संतुलित भोजन लें। बढ़ती उम्र में आपकी अच्‍छी ग्रोथ के लिए आयरन और कैल्सियम की जरूरत है। प्रोटीन, फल व सब्जियां खाएं ताकि आपकी हडि्डयां मजबूत हों और हार्मोन के बदलाव के लिए पोषण की कमी न हो। बाहर का खाना न खाएं। ज्‍वार, बाजरा जैसे अन्‍न लें। सुबह उठ कर गरम पानी लें। कोई भी खाना छोड़ें नहीं।

थोड़े-थोड़े अंतराल में खाएं ताकि स्‍वास्‍थ्‍य अच्‍छा रहे। एक्‍सरसाइज करें। नट्स, बीज, दलिया लें। चाय बिल्‍कुल न लें। दूध, अंडा लें। नाश्‍ते और खाने के बीच फल, स्‍प्राउट्स लें। शाम को जूस, डाइट मिक्‍सचर ले सकते हैं। आठ बजे तक खाना खा लें। वेज दलिया, दाल, चपाती और रोस्‍टेड चिकन लें। सोते वक्‍त दूध लें। टीवी देखते हुए न खाएं। लंबे समय तक चबा-चबा कर घर का स्‍वस्‍थ खाना खाएं। जंक फूड को ना कहें। जंक फूड मानसिक विकास रोकता है और वजन बढ़ाता है। इसके कारण डायबिटीज जैसी बीमारियां हो जाती हैं।

सेहत के मंत्र : शाकाहारी किशोर बादाम, अखरोट और अलसी के बीज खाएं फल व सब्‍जी से इम्युनिटी बढ़ती है और वजन कम रहता है दिन में चार बार खाएं। भूख लगने पर हेल्दी फूड अच्छा लगेगा पैकेज्ड फूड में केमिकल होते हैं जिनसे न्यूट्रीशन खत्म हो जाता है ज्यादा नमक हाई ब्लडप्रेशर, हार्ट और किडनी की बीमारियां देता है फिश में ओमेगा थ्री फैट हैं जो दिमाग के विकास में फायदेमंद होते हैं स्क्रीन का समय कम हो। थोड़ा व्‍यायाम और अच्‍छी नींद मस्‍त रहने के लिए आवश्‍यक है कोल्ड ड्रिंक मोटापे की जड़ है। नारियल पानी, कम नमक या चीनी का नींबू पानी ले सकते हैं प्रोटीन आपके शरीर व दिमाग के लिए जरूरी है। चिकन, अंडे, डेयरी, बींस, मटर और सूखे मेवे प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं

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