Joe Biden Oath Ceremony: जानें क्‍या होता है इनॉग्रेशन और प्रेजिडेंशियल ट्रांजिशन

जो बाइडन 20 जनवरी को शपथ लेने वाले हैं। ये शपथ ग्रहण समारोह काफी खास होने वाला है। अमेरिका में नए राष्‍ट्रपति के लिए शपथ लेने का दिन तय है। विपरीत परिस्थितियों में इसमें बदलाव हो सकता है।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Mon, 18 Jan 2021 01:00 PM (IST) Updated:Mon, 18 Jan 2021 01:00 PM (IST)
Joe Biden Oath Ceremony: जानें क्‍या होता है इनॉग्रेशन और प्रेजिडेंशियल ट्रांजिशन
20 को शपथ लेंगे बाइडन और कमला हैरिस

नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। अमेरिका में नए राष्‍ट्रपति के तौर पर जो बाइडन 20 जनवरी को एक आधिकारिक समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे। ये पल अमेरिका और पूरी दुनिया के लिए बेहद खास होगा। दुनिया की महाशक्ति के प्रमुख के तौर पर बाइडन का राष्‍ट्रपति कार्यकाल भी इसी दिन दोपहर से शुरू हो जाएगा। अमेरिका में राष्‍ट्रपति चुनाव से लेकर शपथ ग्रहण तक का समय काफी खास होता है। इस समय को प्रेजिडेंशियल ट्रांजिशन कहा जाता है। इस दौरान नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति और उप-राष्‍ट्रपति अपनी एक ट्रांजिशन टीम का गठन करते हैं। इसके तहत इनॉग्रेशन के फौरन बाद इनके काम की शुरुआत करने की तैयारी करती है। मौजूदा समय में बाइडन और कमला इसकी शुरुआत पहले ही कर चुके हैं। उन्‍होंने एक ट्रांजिशन वेबसाइट भी बनाई है।

इस दौरान नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति और उप-राष्‍ट्रपति अपनी टीम को चुनते हैं। ये टीम संघीय एजेंसियों से संपर्क साधती है और नई व्‍यवस्‍था में काम के लिए समयसीमा और बजट तैयार करते हैं। ये राष्‍ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह इनॉग्रेशन की तैयारी में भी मदद करते हैं। ट्रांजिशन समय के दोरान कमला हैरिस अपने कर्मचारियों का नाम तय करेंगी। उनका ऑफिस व्हाइट हाऊस के वेस्ट विंग में स्थित है।

जब अमेरिका में नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति के तौर पर किसी का नाम तय कर दिया जाता है तो उसके शपथ ग्रहण के लिए जो आधिकारिकतौर पर समारोह आयोजित किया जाता है इसको इनॉग्रेशन कहा जाता है। इस आधिकारिक समारोह में ही राष्‍ट्रपति को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस उन्‍हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाते हैं। यूं तो अमेरिका में नए राष्‍ट्रपति के शपथ ग्रहण के तौर पर 20 जनवरी का दिन तय होता है। लेकिन विपरीत परिस्थितियों में इसको आगे या पीछे किया जा सकता है। जैसे यदि मौजूदा राष्‍ट्रपति का किसी वजह से आकस्मिक निधन हो जाता है या वो इस्‍तीफा दे देते हैं और ऐसे में उप-राष्‍ट्रपति सत्‍ता हासिल करने में विफल रहते हैं तो नए राष्‍ट्रपति को समय से पहले शपथ दिलाई जा सकती है।

आपको यहां पर ये भी बता दें कि जिस व्‍हाइट हाउस को आज हम राष्‍ट्रपति निवास के तौर पर भी देखते हैं उसमें पहली बार सन 1800 में जॉन एडम्स और उनकी पत्‍नी शिफ्ट हुए थे। हालांकि उस समय तक व्‍हाइट हाउस का काम पूरा भी नहीं हुआ था। आमतौर पर नए राष्‍ट्रपति के आने पर उनके ही पंसद के अनुसार यहां की साज सज्‍जा में बदलाव किए जाते हैं। इसके लिए कांग्रेस अलग से पैसों की व्यवस्था करती है। इसमें 132 कमरे और 35 बाथरूम हैं।

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