Kisan Rail Roko Andolan: कृषि कानूनों के खिलाफ चार घंटे 'रेल रोको' आज, ज्यादातर संगठन असहमत, जानें-क्या है रेलवे की तैयारी

संयुक्‍त किसान मोर्चा ने गुरुवार यानी18 फरवरी को दोपहर 12 से लेकर शाम 4 बजे तक राष्ट्रव्‍यापी रेल रोको आंदोलन का ऐलान किया है। किसान संगठनों के मुताबिक गुरुवार को देशभर में हजारों किसान रेल की पटरियों पर बैठेंगे।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Wed, 17 Feb 2021 05:17 PM (IST) Updated:Thu, 18 Feb 2021 07:09 AM (IST)
Kisan Rail Roko Andolan: कृषि कानूनों के खिलाफ चार घंटे 'रेल रोको' आज, ज्यादातर संगठन असहमत, जानें-क्या है रेलवे की तैयारी
किसानों की योजना पूरे देश के रेल नेटवर्क को ठप करने की है (फाइल फोटो)

जागरण टीम, नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों ने गुरुवार दोपहर बारह बजे से चार बजे तक रेल रोको अभियान का एलान किया है। हालांकि किसान संगठनों में इसको लेकर मतभेद सामने आए हैं और सांकेतिक रूप से ट्रेन रोकने की बात कही जा रही है। इसके बावजूद पुलिस-प्रशासन व रेलवे ने व्यापक तैयारियां की हैं। सिंघु, टीकरी और अन्य उन जगहों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है, जहां प्रदर्शनकारी बैठे हुए हैं।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि स्थानीय लोग ही अपने-अपने क्षेत्रों में ट्रेन रोकेंगे। सांकेतिक रूप से ही ट्रेनें रोकी जाएंगी। इस दौरान इंजन पर फूलमाला चढ़ाने के साथ चालक को फूल दिया जाएगा और यात्रियों को जलपान कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि ट्रेन रोको कार्यक्रम का उद्देश्य बंद ट्रेनों को शुरू करवाना है। यूपी गेट स्थित धरनास्थल से कोई भी व्यक्ति इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होगा। वहीं, एनएचएआइ के नोटिस के संबंध में कहा कि उन्होंने हाईवे की केवल दो लेन घेरी हैं, बाकी खुली हैं। यदि एनएचएआइ ने ज्यादा हरकत की तो वह देश के सभी टोल फ्री करा देंगे। टिकैत ने यह भी कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले वह बंगाल जाएंगे और वहां के किसानों की समस्या सुनकर केंद्र व राज्य सरकार से जवाब मांगेंगे।

पन्नू ने उगली आग, कहा-पत्नी, बच्चों को लेकर रेल रोकने जाएं

वहीं, किसान मजदूर संघर्ष कमेटी (पंजाब) ने पंजाब में 32 जगह ट्रेन रोकने का एलान किया है। सिंघु बार्डर पर कमेटी के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू ने मंच से संबोधित करते हुए प्रदर्शनकारियों को कहा, '32 जत्थेबंदियां पंजाब में 32 जगह रेल रोकेंगी। गांवों में भी फोन कर दो कि लोग पत्नी, बच्चों को साथ लेकर ज्यादा से ज्यादा संख्या में रेल रोकने को पहुंचे। जो भी स्टेशन उनके पास पड़ता है, वह वहां जरूर जाएं।' पन्नू ने कहा कि आने वाले दिनों में आंदोलन तेज किया जाएगा। 25 फरवरी को तरनतारन में रैली होगी। इसके बाद कपूरथला, जालंधर, मोघा आदि स्थानों पर रैली निकाली जाएगी।

तैनात किए गए आरपीएसएफ के 20 हजार अतिरिक्त जवान

रेलवे स्टेशनों और रेल पटरियों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। रेलवे सुरक्षा विशेष बल (आरपीएसएफ) के लगभग 20 हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई है। जरूरत पड़ने पर प्रभावित इलाकों में रेल संचालन बंद कर दिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक कोशिश रहेगी कि बड़े स्टेशनों पर ट्रेनों को रोका जाए, जिससे यात्रियों को भोजन व अन्य जरूरी सामान आसानी से उपलब्ध हो सके।  रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक अरुण कुमार ने बताया कि  पंजाब, हरियाणा, उप्र व बंगाल सहित कुछ अन्य इलाकों में आरपीएसएफ के अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई है। खुफिया रिपोर्ट ली जा रही है और उसी के अनुसार कदम उठाए जा रहे हैं। आरपीएफ संबंधित राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर काम कर रही है।

कोई ट्रेन पूरी तरह से निरस्त नहीं किया गया

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल कोई ट्रेन पूरी तरह से निरस्त नहीं की गई है। जरूरत के अनुसार ट्रेनों को किसी स्टेशन पर रोकने का फैसला किया जाएगा। उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार का कहना है कि वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं। सुरक्षा के जरूरी इंतजाम किए जा रहे हैं।

सरकार पर दबाव बनाने के लिए रेल रोको आंदोलन

समाचार एजेंसी IANS के मुताबिक जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि जिस समय ट्रैफिक सबसे कम होती है, उस समय हमने सड़क जाम किया और इसी प्रकार, दिन में ट्रेन की ट्रैफिक कम होती है क्योंकि लंबी दूरी की ट्रेन ज्‍यादातर रात में चलती हैं। उन्‍होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पूरा आंदोलन योजना के मुताबिक हो। रेल रोको आंदोलन का मकसद सरकार पर किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने के लिए दबाव बनाना है।

रेल संचालन में बाधा डालना अपराध, जानें-क्‍या है कानून

रेलवे के संचालन में अगर कोई किसी तरह की बाधा डालता है तो उसके खिलाफ रेलवे ऐक्‍ट के तहत कार्रवाई की जा सकती है। अगर ट्रेन पर किसी तरह का सामान फेंका जाए या पटरी को नुकसान पहुंचा तो दोषी को रेलवे ऐक्‍ट की धारा 150 के तहत उम्रकैद दी जा सकती है। धारा 174 कहती है कि अगर ट्रैक पर बैठकर या कुछ रखकर ट्रेन रोकी जाती है तो दो साल की जेल या 2,000 रुपये के जुर्माने या फिर दोनों की सजा हो सकती है। रेलवे कर्मचारियों के काम में बाधा डालने पर, रेल में जबर्दस्‍ती घुसने पर धारा 146, 147 के तहत छह महीने की जेल या एक हजार रुपये का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।

जानें- क्या है किसानों की मांग, क्यों कर रहे आंदोलन

हजारों किसान पिछले करीब तीन महीने से दिल्‍ली की सीमाओं पर धरना दे रहे हैं। वे केंद्र सरकार की पिछले साल लाए गए तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। सरकार के साथ आंदोलनकारी नेताओं की 11 दौर की बातचीत बेनतीजा रही है। सरकार ने किसान यूनियनों को नए कृषि कानूनों के अमल पर 18 महीने तक रोक लगाने का प्रस्‍ताव दिया था। इसके अलावा उनकी मांगों से संबंधित मसलों का हल तलाशने के लिए एक कमेटी का भी सुझाव था लेकिन आंदोलनकारी किसान संगठन तीनों कानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़े हुए हैं।

chat bot
आपका साथी