केरल हाई कोर्ट ने लक्षद्वीप प्रशासक के फैसलों पर केंद्र से मांगा जवाब

कोर्ट ने इस संबंध में जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दोनों कानूनों पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया और केंद्र से कहा कि वह दो सप्ताह में याचिका पर अपना रुख स्पष्ट करे। यह याचिका कांग्रेस नेता केपी नौशाद अली ने दायर की है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Fri, 28 May 2021 05:40 PM (IST) Updated:Fri, 28 May 2021 05:40 PM (IST)
केरल हाई कोर्ट ने लक्षद्वीप प्रशासक के फैसलों पर केंद्र से मांगा जवाब
लक्षद्वीप में प्रशासक के फैसलों का मामला केरल हाई कोर्ट पहुंच गया

कोच्चि, प्रेट्र। केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप में प्रशासक के फैसलों का मामला केरल हाई कोर्ट पहुंच गया है। कोर्ट ने लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण नियमन 2021 और असामाजिक गतिविधि रोकथाम अधिनियम पेश करने के प्रशासक के कदम के खिलाफ दायर याचिका पर केंद्र सरकार से शुक्रवार को जवाब मांगा।

कोर्ट ने इस संबंध में जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दोनों कानूनों पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया और केंद्र से कहा कि वह दो सप्ताह में याचिका पर अपना रुख स्पष्ट करे। यह याचिका कांग्रेस नेता केपी नौशाद अली ने दायर की है। अली ने याचिका में प्रशासक द्वारा लक्षद्वीप में सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक वास्तविकताओं के साथ गलत तरीके से हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है। याचिका में अली ने कहा कि द्वीप के लोगों ने भी प्रशासन द्वारा लाए लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण नियमन 2021 और लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण (एलडीए) के निर्माण का विरोध किया है। ये कानून प्रशासन को द्वीप के अनुसूचित जनजाति के लोगों की छोटी संपत्ति के अधिग्रहण का अधिकार देते हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि हाल ही में पेश किया गया असामाजिक गतिविधि रोकथाम कानून प्रशासन को सार्वजनिक रूप से जानकारी दिए बिना किसी भी व्यक्ति को करीब एक साल तक कैद में रखने का अधिकार भी देता है। बता दें कि गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी तथा राकांपा नेता शरद पवार समेत कई नेताओं ने इसी मुद्दे पर प्रशासक को हटाने की मांग की थी।

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