केरल: पलक्कड़ जिले में हो रही शिशुओं की मौत मामले की होगी जांच, स्वास्थ्य मंत्री वीना जार्ज ने दिए आदेश

केरल की स्वास्थ्य मंत्री के कार्यालय से जारी बयान के अनुसार राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जार्ज ( Veena George) ने स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक को बच्चों की मौत के मामले में जांच की प्रक्रिया को शुरू करने को कहा है।

By Monika MinalEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 03:58 AM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 04:02 AM (IST)
केरल: पलक्कड़ जिले में हो रही शिशुओं की मौत मामले की होगी जांच, स्वास्थ्य मंत्री वीना जार्ज ने दिए आदेश
केरल: पलक्कड़ जिले में हो रही शिशुओं की मौत मामले की होगी जांच, स्वास्थ्य मंत्री वीना जार्ज ने दिए आदेश

तिरुअनंतपुरम, एएनआइ। केरल के पलक्कड़ जिले में अट्टापडी में बीते चार दिनों के दौरान तीन शिशुओं के  मौत के मामले में स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जांच के निर्देश दिए गए हैं। शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री के कार्यालय से जारी बयान के अनुसार केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जार्ज ( Veena George) ने स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक को मामले में जांच की प्रक्रिया को शुरू करने को कहा है। 

अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजातति एवं पिछड़ा वर्ग मामलों के मंत्री के. राधाकृष्णन शनिवार को जिले के इस पिछड़े इलाके का दौरा कर स्थिति का जायजा लेंगे। अनुसूचित जनजाति विकास विभाग की निदेशक टी. वी. अनुपमा को मामले की जांच करने और रिपोर्ट सौंपने का जिम्मा दिया गया है। पलक्कड़ की डीएमओ रमादेवी नेबताया कि शुक्रवार को जिले के मन्नारकौड अस्पताल में नवजात की मौत हुई, जो पिछले चार दिनों में इस तरह की तीसरी घटना है। इ

ससे पहले केरल में कोरोना के चलते जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या में कमी देखी गई। राज्य के मुख्य रजिस्ट्रार आफ बर्थ के आंकड़ों के अनुसार, केरल में साल 2021 के पहले नौ महीनों में बच्चों के जन्म लेने के मामलों में तेज गिरावट देखी गई और एक की मौत हुई। महामारी से पहले 4.80 लाख जन्म दर्ज किए गए थे. महामारी के दौरान साल 2020 में ये घटकर 4.53 लाख हो गए. आंकड़ों से पता चलता है कि केरल में जन्म संख्या में लगातार गिरावट देखी जा रही है। इस साल ये गिरावट सबसे तेज रही है।

2010 में, केरल ने 5.46 लाख जीवित जन्म दर्ज किए, जो 2011 में बढ़कर 5.6 लाख हो गए। तब से, 2016 और 2017 के बीच जन्मों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है। केरल में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 100 प्रतिशत जन्म रजिस्टर्ड किए गए हैं। 2019 में, केरल में जन्म के 21 दिनों के अंदर 87.03 प्रतिशत जन्म दर्ज किए गए।

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