केरल के मुख्य चुनाव अधिकारी की सलाह, जातिगत संगठनों से दूर रहें राजनीतिक पार्टियां
केरल के मुख्य चुनाव टीका राम मीणा ने अधिकारी ने राजनीतिक पार्टियों को राजनीतिक दलों से जातिगत संगठनों से दूर रहने के लिए कहा है।
तिरुवनंतपुरम,आइएएनएस। केरल के मुख्य चुनाव अधिकारी टीका राम मीणा ने राजनीतिक दलों से जातिगत संगठनों से दूर रहने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए और उन्हें देखना चाहिए कि वे जातिगत संगठनों के चक्कर में ना पड़ें।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी तीका राम मीणा ने कहा कि सामुदायिक संगठनों को विशेष उम्मीदवारों के लिए वोट का अनुरोध नहीं करना चाहिए। सामुदायिक संगठनों को जाति के मुद्दों को उजागर करके चुनाव अभियान को युद्ध के मैदान में नहीं बदलना चाहिए। टीका राम मीणा ने यह भी कहा कि एनएसएस द्वारा अपनी दूरी नीति को सही दूरी की नीति में बदलने के बाद परेशानी शुरू हुई।
मीणा उपचुनावों में UDF के पक्ष में खड़े होकर NSS को जवाब दे रहे थे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने धार्मिक-सामुदायिक संगठनों के संबंध में आदर्श आचार संहिता के बारे में भी स्पष्टीकरण दिया। उनके पक्षपाती चुनाव प्रचार के लिए एनएसएस के खिलाफ कोई मुकदमा नहीं किया जाएगा। लेकिन शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
केरल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) टीका राम मीणा ने शुक्रवार को कहा कि 21 अक्टूबर को होने वाले पांच विधानसभा क्षेत्रों के लिए उपचुनाव के सुचारू संचालन के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई है। वटियोरकोवु, अरूर, कोनी, एर्नाकुलम और मंजेस्वरम विधानसभा सीट पर उपचुनाव तिया जाएगा। मतदान सुबह 7 बजे से शाम 6.30 बजे तक होगा। उपचुनाव के लिए 35 उम्मीदवार मैदान में हैं और कुल मतदाता 9,57,509 हैं, जिनमें 4,91,455 महिलाएं और 4,66,047 पुरुष और सात ट्रांसजेंडर शामिल हैं।
मीणा ने कहा कि मतदाता 846 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि केरल उच्च न्यायालय चुनावों के लिए हरित प्रोटोकॉल के अभ्यास की निगरानी करेगा और किसी भी प्लास्टिक सामग्री का उपयोग नहीं किया जाएगा। सीईओ ने राजनीतिक दलों से अपने पोलिंग एजेंटों को सचेत रहने के लिए कहा है ताकि कोई भी फर्जी मतदान न करें।