विवादास्पद केरल पुलिस अधिनियम संशोधन में पुलिस एक्ट के सेक्शन 118-A को वापस लिया गया

अध्यादेश को निरस्त करने का कैबिनेट का निर्णय केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। संशोधन में पुलिस एक्ट के सेक्शन 118-A को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मीडिया पर हमला बताया गया था।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 05:11 PM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 05:22 PM (IST)
विवादास्पद केरल पुलिस अधिनियम संशोधन में पुलिस एक्ट के सेक्शन 118-A को वापस लिया गया
केरल पुलिस अधिनियम संशोधन में पुलिस एक्ट के सेक्शन 118-A को वापस लिया गया।

तिरुवनंतपुरम, एएनआइ। केरल मंत्रिमंडल ने विवादास्पद केरल पुलिस अधिनियम संशोधन में पुलिस एक्ट के सेक्शन 118-A को वापस लेने का फैसला लिया है। इस संशोधन को लोगों ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मीडिया पर हमला बताया था। अध्यादेश को निरस्त करने का कैबिनेट का निर्णय केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। बता दें कि इस केरल पुलिस अधिनियम संशोधन में पुलिस एक्ट के सेक्शन 118-A को मजबूत किया गया था।

केरल में साइबर क्राइम को रोकने के लिए लाए गए संशोधन अध्यादेश को मंजूरी मिल गई थी। हालांकि, विपक्ष द्वारा इसका जमकर विरोध किया जा रहा था। केरल पुलिस अधिनियम संशोधन को वापस लेने की मांग करते हुए भाजपा ने उच्च न्यायालय का दरवाजा तक खटखटाया था।

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने केरल पुलिस अधिनियम संशोधन अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर इसे लागू कर दिया था। जहां अब मंत्रिमंडल ने इसे वापस लेने का फैसला लिया है और अनुमोदन के लिए दोबारा राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। बता दें कि अध्यादेश को लाने के पीछे केरल सरकार का कहना था कि इससे राज्य में महिलओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ रहे साइबर क्राइम को रोकने में मदद मिलेगी। इस अध्यादेश के तहत यदि सोशल मीडिया पर कोई व्यक्ति किसी भी तरह की ऐसी जानकारी भेजता है या बनाता है, जो अपमानजनक है या किसी को अपमानित करने या धमकी देने के इरादे से कोई पोस्ट करता है तो, ऐसे में उस व्यक्ति को पांच साल की जेल की सजा या 10 हजार रुपये जर्माना या दोनों का प्रावधान था।

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