छत्तीसगढ़ में पत्रकारों को मिली फ्रंटलाइन वर्कर्स की मान्यता, परिवार के सदस्यों का भी होगा टीकाकरण
मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में घोषणा की थी कि प्रदेश में अधिमान्य पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर का दर्जा दिया जाता है। पत्रकारों को अब फ्रंटलाइन वर्करों की तरह मिलने वाले फायदों में शामिल किया जाएगा।
रायपुर, एएनआइ। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों और वकीलों को फ्रंटलाइन वर्कर्स की श्रेणी में रखने की घोषणा की है। राज्य सरकार ने फैसला किया है कि पत्रकारों, वकीलों और उनके परिवारों का प्रमुखता से वैक्सीनेशन किया जाएगा। बता दें कि इससे पहले मध्य प्रदेश, बिहार, ओडिशा और उत्तराखंड में सभी पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर्स की श्रेणी में रखा गया था।
CM Bhupesh Baghel announces categories of people to be considered as 'front-line workers', and hence will be prioritised for #COVID19 vaccination. Journalists, lawyers and their families added in this category: Chhattisgarh Chief Minister's Office (CMO) pic.twitter.com/jBIvDohRzD— ANI (@ANI) May 9, 2021
मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में घोषणा की थी कि प्रदेश में अधिमान्य पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर का दर्जा दिया जाता है। पत्रकारों को अब फ्रंटलाइन वर्करों की तरह मिलने वाले फायदों में शामिल किया जाएगा। इस घोषणा के तत्काल बाद ही प्रदेश के गृहमंत्री ने घोषणा की थी कि पत्रकारों को वैक्सीनेशन का लाभ देने के लिए अलग से वैक्सीनेशन कैंप लगाए जाएंगे।
10 हजार जेल बंदियों की सोमवार से हो सकती है रिहाई
रायपुर। कोरोना संक्रमण की दूसरा लहर काफी खतरनाक हो चुकी है। प्रदेश की जेलों में बंदी लगातार संक्रमण की चपेट में आ रहे है। बलौदाबाजार उपजेल में 15 बंदियों के कोरोना संक्रमित पाए जाने से हड़कंप है। रायपुर और दुर्ग सेंट्रल जेल में पांच बंदियों की मौत हो चुकी है। वर्तमान में प्रदेश की जेलों में 70 से अधिक बंदी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जेल मुख्यालय सोमवार से बंदियो को पेरोल और जमानत पर छोड़ने का फैसला ले सकता है। इसके लिए सभी जेलों से कोरोना संक्रमित बंदियों की संख्या के साथ पूरी रिपोर्ट मांगी गई है।