भारतीय श्रमिकों को अगले साल से बुलाना शुरू करेगा जापान, जानिए पीएम मोदी और सुगा के बीच किन मुद्दों पर हुई बात

मोदी और सुगा की बैठक में कूटनीतिक अंतरराष्ट्रीय व सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा हुई लेकिन माना जा रहा है कि इसमें आर्थिक संबंधों पर खास जोर रहा। इसकी वजह यह है कि सुगा का पद अभी अनिश्चितता से भरा है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 07:34 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 07:34 PM (IST)
भारतीय श्रमिकों को अगले साल से बुलाना शुरू करेगा जापान, जानिए पीएम मोदी और सुगा के बीच किन मुद्दों पर हुई बात
कूटनीतिक रिश्तों से ज्यादा आर्थिक संबंधों पर फोकस रही दोनों की बैठक

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जापान अगले वर्ष से बड़े पैमाने पर भारत के प्रशिक्षित श्रमिकों को बुलाना शुरू करेगा। दोनों देशों के बीच कुछ वर्ष पहले इस बारे में समझौता हुआ था जिसके तहत जापान भारत में खास तौर पर प्रशिक्षित किए गए एक लाख पेशेवरों को अपने यहां रोजगार पर रखेगा। इस बात की जानकारी जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने वाशिंगगटन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में दी। दोनों नेताओं के बीच यह पहली व्यक्तिगत मुलाकात थी। उनके बीच वैसे तीन बार टेलीफोन पर बातचीत हुई है। इसमें द्विपक्षीय रिश्तों के सभी आयामों पर काफी गहराई से वार्ता हुई है।

मोदी और सुगा की बैठक में कूटनीतिक, अंतरराष्ट्रीय व सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा हुई, लेकिन माना जा रहा है कि इसमें आर्थिक संबंधों पर खास जोर रहा। इसकी वजह यह है कि सुगा का पद अभी अनिश्चितता से भरा है। जापान में जल्द ही चुनाव कराने की प्रक्रिया चल रही है और यह निश्चित नहीं है कि सुगा आगे प्रधानमंत्री रहेंगे या नहीं। बहरहाल, विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले सुगा को भारत व जापान के रणनीतिक संबंधों को मजबूत बनाने के लिए बतौर प्रधानमंत्री और उसके पहले बतौर कैबिनेट मंत्री जो मदद की है, उसके लिए धन्यवाद दिया। मोदी ने जापान को ओलिंपिक और पैराओलिंपिक के सफल आयोजन के लिए भी धन्यवाद दिया। इसके बाद अफगानिस्तान समेत सभी वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों को एक-एक करके उठाया गया।

रक्षा क्षेत्र व रक्षा तकनीकी में आपसी संबंधों को और मजबूत बनाए रखने पर हुई बात

दोनों नेताओं ने अपने-अपने देश के पुराने मत को दोहराया कि पूरी दुनिया में शांति व समृद्धि के लिए हिंद प्रशांत महासागर के क्षेत्र को खुला और सभी देशों के लिए समान अवसर वाला बनाना होगा। सनद रहे कि प्रधानमंत्री मोदी की गुरुवार को आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्काट मारिसन के साथ बैठक में भी हिंद प्रशांत महासागर पर ज्यादा गहराई से बात हुई थी। शुक्रवार को चार देशों (भारत, जापान, आस्ट्रेलिया व अमेरिका) के संगठन क्वाड की शीर्ष स्तरीय वार्ता में भी यह मुद्दा प्रमुख है। दोनों प्रधानमंत्रियों ने इस बात पर भी चर्चा की किस तरह रक्षा क्षेत्र व रक्षा तकनीकी में आपसी संबंधों को और मजबूत बनाया जाए।

पीएम मोदी ने नेशनल हाइड्रोजन एनर्जी मिशन में हिस्सा लेने के लिए किया आमंत्रित

सुगा और मोदी ने हाल के वर्षों में द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों के प्रगाढ़ होने पर खुशी जताई। इस क्रम में जापान, भारत व आस्ट्रेलिया के बीच इस वर्ष सप्लाई चेन की नई वैश्विक व्यवस्था बनाने को लेकर किए गए समझौते और उसकी प्रगति की समीक्षा की गई। यह व्यवस्था दुनिया को वैकल्पिक व ज्यादा भरोसेमंद औद्योगिक कच्चे माल से लेकर तैयार सामान की आपूर्ति सुनिश्चित करेगी। इस क्रम में सुगा ने बताया कि दोनों देशों के बीच प्रशिक्षित पेशेवरों की आपूर्ति के संबंध में किए गए समझौते पर काम जारी है और वर्ष 2022 की शुरुआत से वह भारत में प्रशिक्षण व भाषा का टेस्ट लेना शुरू कर देगा। इसके आधार पर ही प्रशिक्षित पेशेवरों को जापान में काम के लिए बुलाया जाएगा। फिर दोनों नेताओं के बीच नई तकनीक के क्षेत्र में सहयोग को और प्रगाढ़ करने व पर्यावरण अनुकूल ग्रीन एनर्जी क्षेत्र में नए सहयोग के अवसर तलाशने पर बात हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें नेशनल हाइड्रोजन एनर्जी मिशन में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया। मुंबई और अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन चलाने के लिए स्थापित हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट की प्रगति की भी समीक्षा की गई। जापान की मदद से भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में शुरू की जाने वाली परियोजनाओं की भी समीक्षा की गई।

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