23 दिन में दक्षिण कश्मीर से गायब हुए 11 युवा, आतंकी संगठनों से मिलने की आशंका

बीते 23 दिन में दक्षिण कश्मीर से 11 युवक लापता हैं। आशंका है कि वह आतंकियों के साथ जा सकते हैं। इससे सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सकते में हैं।

By Tilak RajEdited By: Publish:Wed, 24 Apr 2019 09:21 AM (IST) Updated:Wed, 24 Apr 2019 10:08 AM (IST)
23 दिन में दक्षिण कश्मीर से गायब हुए 11 युवा, आतंकी संगठनों से मिलने की आशंका
23 दिन में दक्षिण कश्मीर से गायब हुए 11 युवा, आतंकी संगठनों से मिलने की आशंका

नवीन नवाज, जम्मू। सुरक्षाबलों के तमाम प्रयासों के बावजूद आतंकी संगठन और उनके ओवरग्राउंड वर्कर कुछ और युवाओं को फुसलाकर आतंक की राह पर ले जाने में कामयाब रहे हैं। बीते 23 दिन में दक्षिण कश्मीर से 11 युवक लापता हैं। आशंका है कि वह आतंकियों के साथ जा सकते हैं। इससे सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सकते में हैं। लोकसभा चुनाव के चलते दक्षिण कश्मीर में अभूतपूर्व सुरक्षा बंदोबस्त हैं और आतंकियों व उनके ओवरग्राउंड नेटवर्क के खिलाफ अभियान जारी है।

सूत्रों के अनुसार, लापता युवकों में से सात पुलवामा, एक शोपियां और तीन कुलगाम जिले के रहने वाले हैं। इनमें से दो युवकों के पिता कथित तौर पर रिटायर्ड फौजी हैं, जबकि एक युवक का बड़ा भाई आदिल शाह हिजबुल मुजाहिदीन का नामी कमांडर रहा है। वह जून 2014 में अपने दो साथियों संग त्राल में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था।

यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि जुलाई 2016 के बाद से आतंकी संगठन स्थानीय युवाओं की भर्ती पर जोर दे रहे हैं। इस पर नकेल कसने के लिए पुलिस, सेना व अन्य सुरक्षा एजेंसियां लगातार अभियान चला रही हैं। आतंकी बनने वाले स्थानीय युवकों की घर वापसी को प्रोत्साहित करते हुए उनके पुनर्वास के प्रयास किए जा रहे हैं। आतंकियों व ओवरग्राउंड नेटवर्क द्वारा चिह्नित युवकों का पता लगाकर उनकी काउंसलिंग भी की जा रही है।

राज्यपाल सत्यपाल मलिक, राज्य पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह और सेना अधिकारी दावा कर रहे हैं कि इस साल स्थानीय युवकों की आतंकी संगठनों में भर्ती की प्रक्रिया लगभग थम चुकी है। मात्र दो-चार लड़के ही आतंकी बने हैं। ऐसे में अप्रैल माह में दक्षिण कश्मीर में 11 युवकों के लापता होने से एजेंसियां की नींद उड़ना लाजिमी है। हालांकि अभी सबके आतंकी बनने की पुष्टि नहीं हुई है पर कुछ युवकों के फोटो हथियारों सहित सोशल मीडिया पर चल रहे हैं। संबधित अधिकारी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं।

यह युवक हैं गायब

ताहिर अहमद बट निवासी मलंगपोरा (पुलवामा)
मोहम्मद शबान बट निवासी मलंगपोरा (पुलवामा)
आजाद खांडे निवासी बामनू (पुलवामा)
साहिल अब्दुल्ला निवासी चकूरा (पुलवामा)
रियाज अहमद शाह निवासी गुलबाग (त्राल)
रईस डार निवासी जोवस्तान (त्राल)
हमीद निवासी मिडूरा (त्राल)
इम्तियाज शाह निवासी रतसुना (त्राल)
शकील अहमद डार निवासी टुकरु (शोपियां)
शाहिद सादिक मलिक निवासी खुल डीएचपोरा (कुलगाम)
इरफान अहमद बट निवासी पोनीवाह (कुलगाम)
आकिब अहमद निवासी रेडवनी (कुलगाम)

कोई मैट्रिक तो कोई बीटेक
सूत्रों के अनुसार पुलवामा से लापता ताहिर अहमद बट का हथियारों संग फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। मैट्रिक पास ताहिर टिप्पर चलाता था। उसके पिता एक रिटायर्ड फौजी बताए जाते हैं। स्कूल ड्रापआउट आजाद अहमद खांडे लापता होने से पहले मस्जिद मे इमामत करता था।

12वीं कक्षा के छात्र साहिल अब्दुल्ला की गुमशुदगी की रिपोर्ट परिजनों ने 13 अप्रैल को दर्ज कराई है। बताया जाता है कि उसका एक दोस्त 30 मार्च को बनिहाल में हुए वाहन बम धमाके के सिलसिले में पकड़ा गया है।

त्राल से गायब रियाज अहमद शाह ने 10 अप्रैल को अपने भाई नजीर को फोन पर बताया था कि वह अवंतीपोर में है लेकिन छानबीन में पता चला कि उस समय जम्मू के किसी होटल में था। सीमेंट फैक्टरी में काम करने वाला इस्लामिक यूनिवर्सिटी अवंतीपोरा में बीटेक का छात्र इम्तियाज अहमद शाह का भाई आदिल शाह हिज्ब का नामी कमांडर रहा है।

कुलगाम के मुख्य बाजार मे दुकान चलाने वाले शाहिद ने सोशल मीडिया पर हथियारों संग अपनी तस्वीर वायरल की है। कुलगाम से 5 अप्रैल को लापता इरफान अहमद बट पर आरोप है कि वह 3 अप्रैल को शालीपोरा में सरपंच अब्दुल मजीद की हत्या में लिप्त आतंकियों के साथ था। तब से फरार चल रहा है। कुलगाम से लापता आकिब अहमद की तस्वीर भी हथियारों संग सोशल मीडिया पर वायरल है।

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