जल जीवन मिशन ने शुरू किया आइसीटी ग्रेट चैलेंज

इस चैलेंज को जीतने के लिए लोगों को जलापूर्ति और इसके मॉनिटरिंग सिस्टम को डेवलप करना होगा। यह सिस्टम गांवों में लगाया जाएगा।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Sun, 20 Sep 2020 09:03 AM (IST) Updated:Sun, 20 Sep 2020 09:03 AM (IST)
जल जीवन मिशन ने शुरू किया आइसीटी ग्रेट चैलेंज
जल जीवन मिशन ने शुरू किया आइसीटी ग्रेट चैलेंज

नई दिल्ली, जेएनएन। राष्ट्रीय जल जीवन मिशन ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ मिलकर जल आपूर्ति मापने और निगरानी प्रणाली विकसित करने के उद्देश्य से आइसीटी ग्रैंड चैलेंज शुरू किया है। इस चैलेंज को जीतने के लिए लोगों को जलापूर्ति और इसके मॉनिटरिंग सिस्टम को डेवलप करना होगा। यह सिस्टम गांवों में लगाया जाएगा। 

सबसे अच्छा समाधान प्रदान करने वाले विजेता को 50 लाख रुपये का नगद पुरस्कार मिलेगा। द्वितीय विजेता को 20 लाख रुपये दिए जाएंगे। जल जीवन मिशन का उद्देश्य 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को घरेलू नल का कनेक्शन प्रदान करना है। यह योजना घरेलू स्तर पर सेवा वितरण पर अपना ध्यान केंद्रित करती है। इसके तहत नियमित रूप से पर्याप्त मात्रा में पानी की आपूíत सुनिश्चित की जाएगी। इस कार्यक्रम की व्यवस्थित निगरानी करने और सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा। परियोजना की शुरुआत 100 गांवों में की जाएगी।

74वें स्वतंत्रता दिवस पर देश को लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर घर शुद्ध पेयजल पहुंचाने की योजना पर खुशी जताई। पीएम मोदी इस दौरान कहा कि जल जीवन मिशन योजना के तहत दो करोड़ से अधिक घरों तक नल से जल पहुंचाया जा चुका है। उन्होंने कहा कि पिछले साल लाल किले से जल जीवन मिशन की घोषणा की थी। आज इस मिशन के तहत, एक लाख से अधिक घरों में रोजाना सफलतापूर्वक पानी के कनेक्शन हो रहे हैं।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में इसे लेकर कहा कि देश के ग्रामीण इलाकों की बड़ी आबादी तक यदि पीने के लिए शुद्ध पानी पहुंचता है तो इससे लोगों के जीवन में सुधार आएगा और उनकी जीवन शैली बदल जाएगी। इस योजना का सबसे बड़ा फायदा लोगों के स्वास्थ्य को होगा। शुद्ध पेयजल मिलने से उन्हें जल जनित रोग से मुक्ति मिलेगी और इसके कारण होने वाली बीमारियों के इलाज पर खर्च होना वाला पैसा बचेगा।

chat bot
आपका साथी