विदेश नीति पर जयशंकर ने ली राहुल की 'क्लास', विदेश मंत्री ने कहा- राहुल जी आप समझ नहीं पाए

विदेश मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी को कूटनीति का पाठ पढ़ाया। चीन के साथ बिगड़ते रिश्ते के लिए जयशंकर ने सीमा पर तेजी से किए गए ढांचागत निर्माण को एक वजह माना।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sun, 17 Jan 2021 08:43 PM (IST) Updated:Sun, 17 Jan 2021 08:43 PM (IST)
विदेश नीति पर जयशंकर ने ली राहुल की 'क्लास', विदेश मंत्री ने कहा- राहुल जी आप समझ नहीं पाए
संसदीय सलाहकार समिति की बैठक में कांग्रेस सांसद ने विदेश नीति को लेकर उठाए थे सवाल।

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की शनिवार को हुई बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी को कूटनीति का पाठ पढ़ाया। जयशंकर ने राहुल गांधी से कहा कि अगर आपको सरकार की विदेश नीति के बारे में कुछ समझ नहीं आ रहा है तो बेहतर होगा कि आपको डायग्राम (रेखा-चित्र) खींच कर समझाया जाए।

विदेश मंत्री ने कहा- राहुल जी आप समझ नहीं पाए, आपको डायग्राम खींच कर समझाता हूं 

दरअसल, समिति के समक्ष विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने अपने 60 मिनट के प्रजेंटेशन में 45 मिनट भारत की वैश्विक रणनीति के बारे में दी जानकारी, लेकिन राहुल गांधी ने इसे एक सिरे से यह कहते हुए नकार दिया कि इसमें कोई रणनीति ही नहीं है। इस पर जयशंकर ने उनसे कहा, 'वैसे सब कुछ विस्तार से बताया गया है, लेकिन लगता है आपको कुछ समझ नहीं आया। अगर आप कहें तो आपको स्केचिंग करके समझाया जा सकता है।'

समिति की बैठक में राहुल गांधी व अन्य कांग्रेसी सांसदों ने विदेश नीति पर रखी अलग सोच

संसदीय सलाहकार समिति की बैठक में विपक्षी दल के सांसदों और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच वाद-विवाद कोई नई बात नहीं है, लेकिन राहुल गांधी व कुछ दूसरे कांग्रेसी सांसदों ने विदेश नीति पर जो विचार रखे वह यह भी बताते हैं कि मौजूदा सरकार से उनकी सोच कितनी अलग है।

राहुल गांधी और शशि थरूर ने कहा- आने वाले समय में दुनिया में अमेरिका और चीन दो ताकतें होंगी

सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी और शशि थरूर ने कहा कि आने वाले समय में दुनिया में दो ताकतें (दो-धुव्रीय) होंगी, अमेरिका और चीन। चीन पाकिस्तान और सीपीईसी (चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा) के जरिए भारत को घेरने की तैयारी कर रहा है। ऐसे में भारत को चीन व पाकिस्तान पर ज्यादा फोकस करना चाहिए। इस पर जयशंकर ने कहा कि दुनिया बहुध्रुवीय होगी। अमेरिका और चीन के अलावा जापान, रूस और यूरोपीय संघ भी एक केंद्र होंगे और इनके साथ भारत भी एक बड़ी शक्ति के तौर पर अलग अहमियत रखेगा।

कांग्रेस सांसदों को सिर्फ जमीन से हमले का खतरा

कांग्रेस सांसदों का यह भी कहना था कि भारत पर मुख्य तौर पर जमीनी हमले का ही खतरा है। परंतु, जयशंकर ने स्पष्ट कहा कि खतरा जितना जमीन से है, उतना ही समुद्र से भी है। हमें अपने सैनिकों पर पूरा भरोसा रखना चाहिए। चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद पर विदेश मंत्री ने कहा कि हमारे सैनिक दुनिया के किसी भी ताकत से कमतर नहीं है और वे भारत की जमीन की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह भी जरूरी है कि सैनिकों के उत्साह को कम करने वाला कोई काम नहीं किया जाए।

राहुल नहीं मानते कि खाड़ी के देशों में भारत का कद बढ़ा

सूत्र बताते हैं कि विदेश मंत्री ने हर सवाल का जवाब दिया। राहुल गांधी ने विदेश मंत्री के तथ्यों को भी यह कह कर खारिज किया कि उसमें कोई स्ट्रेटजी नहीं है। मसलन, वो नहीं मानते खाड़ी देशों में भारत का कद बढ़ा है, पड़ोसी देशों में भारत किसी रणनीति के हिसाब से परियोजनाएं लगा रहा है या अफ्रीकी देशों के साथ रिश्तों को मजबूत किया जा रहा है।

सीमा पर ढांचागत निर्माण से चीन को चिढ़

चीन के साथ बिगड़ते रिश्ते के लिए जयशंकर ने हाल के वर्षों में चीन-भारत सीमा पर तेजी से किए गए ढांचागत निर्माण को एक वजह माना। उन्होंने बताया कि, वर्ष 2008 से वर्ष 2016 के बीच सीमा पर ढांचागत निर्माण पर 3300-4600 करोड़ रुपये सालाना खर्च हो रहा था जो अब बढ़ कर 11,800 करोड़ रुपये हो गया है। सभी सांसद इस बात पर सहमत थे कि कोरोना काल में विदेश में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने में विदेश मंत्रालय ने बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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