जागरण पड़ताल: खुलेआम बिक रहा सीबीएसई छात्रों का डाटा, खरीद रहे कोचिंग सेंटर्स; पहुंच रहा हैकर्स तक भी

Jagran Investigation सच को उजागर करने के लिए उत्तर प्रदेश से परीक्षा में शामिल हुए बोर्ड और नीट में आवेदन करने वाले छात्रों के डाटा का ‘सौदा’ 10 हजार रुपये में तय हुआ।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Fri, 19 Jun 2020 09:58 AM (IST) Updated:Fri, 19 Jun 2020 09:58 AM (IST)
जागरण पड़ताल: खुलेआम बिक रहा सीबीएसई छात्रों का डाटा, खरीद रहे कोचिंग सेंटर्स; पहुंच रहा हैकर्स तक भी
जागरण पड़ताल: खुलेआम बिक रहा सीबीएसई छात्रों का डाटा, खरीद रहे कोचिंग सेंटर्स; पहुंच रहा हैकर्स तक भी

गौरव दुबे, अलीगढ़। Jagran Investigation सीबीएसई, नीट और जेईई एडवांस की 2020 की परीक्षा में आवेदन करने वाले छात्र-छात्राओं की निजता खतरे में पड़ चुकी है। उनकी निजी जानकारियों का पूरा ब्योरा न जाने कितनी बार बिक चुका है। कोचिंग सेंटर्स इसे खरीद रहे हैं, तो हैकर्स के हाथों में भी जा रहा है। इस काले कारोबार की तह तक जाने के लिए दैनिक जागरण ने उत्तर प्रदेश में पड़ताल शुरू की।

सच को उजागर करने के लिए उत्तर प्रदेश से परीक्षा में शामिल हुए बोर्ड और नीट में आवेदन करने वाले छात्रों के डाटा का ‘सौदा’ 10 हजार रुपये में तय हुआ। इस पड़ताल में पता चला कि 1000 रुपये में किसी भी जिला, 10 हजार में किसी भी राज्य और 20 हजार रुपये में देशभर के छात्रों का डाटा बेचा जा रहा है। इसके लिए खुलेआम ऑनलाइन सिस्टम बना हुआ है।

सीबीएसई की इंटर और हाईस्कूल की परीक्षा कोरोना संक्रमण के चलते बीच में रुक गईं, जबकि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की ओर से कराई जाने वाली एनईईटी (नीट) और जेईई एडवांस परीक्षा होनी भी बाकी है। इनके छात्रों का निजी डाटा ऑनलाइन खूब बिक रहा है। जागरण को मिले डाटा में उप्र में सीबीएसई 10वीं के 3.46 लाख, 12वीं के 2.28 लाख, नीट के देशभर में करीब 12 लाख और जेईई के लगभग 8.1 लाख छात्रों का डाटा है। इसमें से कई नंबरों पर कॉल कर चेक किया गया, तो डाटा सही पाया गया।

जागरण ने इस पड़ताल में ऐसी ही एक वेबसाइट को खंगाला। उस पर अधिक कुछ नहीं, लेकिन एक मोबाइल नंबर दिया गया था। जब बात की गई, तो वाट्सएप नंबर पर मांगा गया, जिस पर दूसरे नंबर से जवाब आया। चैटिंग के लंबे क्रम के दौरान सौदा तय हुआ। दिए गए विवरण पर भुगतान के बाद यह डिलीवर भी कर दिया गया। उस ओर से सौदागरों ने इस बात का आश्वासन लिया कि इस डाटा को आगे लीक न करें। यह भी समझाया कि यह गैरकानूनी काम है, इसीलिए सावधानी बरतें। कोई आपत्ति उठाए तो यह न बताएं कि खरीदा है, कह दें कि आपके किसी परिचित ने दिया है...।

इंडियन स्टूडेंट्स डाटाबेस डॉट कॉम, मोबाइल डाटाबेस डॉट को डॉट इन, स्टूडेंट्स डाटाबेस डॉट इन इत्यादि नामों से ऐसी अनेक वेब साइट्स हमें आसानी से मिल गईं। दिए गए डाटा में छात्रों का नाम, जन्मतिथि, पिता का नाम, पता, मोबाइल नंबर, विषय, ईमेल, स्कूल का पता इत्यादि वह सभी विवरण है, जो परीक्षार्थी ने फार्म में भरा था।

बाजार में कैसे आया डेटा : सवाल यह उठता है कि सीबीएसई और एनटीए जैसी संस्थाओं के पास सुरक्षित समझा जाने वाला यह डाटा बाजार में कैसे आया?

कोचिंग सेंटर्स इस डाटा का दुरुपयोग छात्रों तक टेली कॉलिंग या अन्य माध्यमों से पहुंचने के लिए करते हैं, वहीं टेली मार्केटिंग और अन्य भी इसका दुरुपयोग करते हैं। इस जानकारी का हैकर्स के हाथों में पहुंचना भी खतरनाक है, जो छात्रों की निजता के साथ बड़ा खिलवाड़ साबित हो रहा है।

जांच का विषय...

किसी विद्यार्थी का डाटा बिना उसकी अनुमति के साझा करना गैरकानूनी है, अपराध है। यह डाटा तो मेरे पास भी नहीं होता। बड़े स्तर पर डाटा बाहर आता है तो सीबीएसई से ही आ सकता है। यह जांच का विषय है।

-आरती निगम, को-ऑर्डिनेटर, सीबीएसई

कार्रवाई होनी चाहिए...

प्राइवेसी पॉलिसी के तहत किसी का डाटा अन्य को शेयर करने की अनुमति नहीं होती है। यह अपराध की श्रेणी में आता है। सीबीएसई या एनटीए से डाटा लीक हो या हैकर की हरकत हो, दोनों ही सूरत में यह गलत है। जांच कराकर कार्रवाई होनी चाहिए।

-पवन चाहर, आइटी एक्सपर्ट

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