इस माह सोशल मीडिया फर्म के प्रतिनिधियों से IT मंत्री अश्विनी वैष्णव कर सकते हैं मुलाकात
मई के अंत में देश में सभी सोशल मीडिया फर्मों के लिए नए IT नियमों को लागू किया गया। इसके तहत आने वाली कुछ नियमों को मानने से ट्विटर ना नुकुर करती रही है। अब IT मंत्री इस माह सभी सोशल मीडिया फर्म के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर सकते हैं।
नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय सूचना व प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) इस माह सोशल मीडिया फर्म के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे। दरअसल सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ट्विटर नए नियमों का पालन करने पर एतराज जता रही है और इसलिए ही पिछले कई महीनों से इस माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफार्म व भारत सरकार के बीच अनबन जारी है।
28 जुलाई को दिल्ली हाई कोर्ट ने ट्विटर को फटकार लगाई और उसके द्वारा दायर किए गए हलफनामों पर नाखुशी जाहिर की। ट्विटर द्वारा दिल्ली हाई कोर्ट में दायर किए गए हलफनामे पर असंतुष्टि जताते हुए कोर्ट ने कहा था कि यह इससे खुश नहीं है। कोर्ट ने कहा कि यदि कंपनी नए नियमों को स्वीकार करना चाहती है तो इसकी सभी बातों को अपनाना होगा। संशोधित IT नियमों में भारत में मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और शिकायत अधिकारी की नियुक्ति आदि शामिल हैं जिसपर ट्विटर को आपत्ति है। नियमों के अनुसार सीसीओ (Chief Compliance Officer) के तौर पर प्रबंधन के एक अहम व्यक्ति या एक वरिष्ठ कर्मचारी को नियुक्त करना अनिवार्य है, जबकि ट्विटर ने अपने हलफनामे में कहा कि उसने तीसरी पार्टी के ठेकेदार के जरिए एक अस्थायी कर्मचारी नियुक्त किया है।
सोशल मीडिया कंपनियों के लिए भारत सरकार ने नए IT नियमों की घोषणा की है जो 26 मई 2021 से लागू किए गए। इन नए नियमों के तहत ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसी बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों को अतिरिक्त उपाय करने की आवश्यकता है। इस कैटेगरी में 50 लाख से अधिक रजिस्टर्ड यूजर्स वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को शामिल किया गया है।
नए नियम के अनुसार, सरकार द्वारा यदि किसी भड़काऊ ट्वीट या पोस्ट लिखने वाले के बारे में जानकारी मांगी जाती है तो सोशल मीडिया प्लेटफार्म को यह उपलब्ध कराना होगा। साथ ही यदि किसी आपत्तिजनक ट्वीट को हटाने का निर्देश दिया जाता है तो उसे 36 घंटे के भीतर सोशल मीडिया प्लेटफार्म से रिमूव करना होगा। इसपर ट्विटर का कहना है कि ये अभिव्यक्ति की आजादी पर अंकुश है।