'मास्‍क को लेकर दिया गया राष्‍ट्रपति बाइडन का बयान दूसरों के लिए बन सकता है मुश्किल'

राष्‍ट्रपति बाइडन ने वैक्‍सीन की दोनों खुराक लेने वालों को मास्‍क पहनने से छुटकारा देने की बात कहकर दूसरे लोगों की मुश्किलों को बढ़ाने का काम किया है। आपको बता दें कि विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन लगातार मास्‍क पहनने की बात कर रहा है।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 12:13 PM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 12:13 PM (IST)
'मास्‍क को लेकर दिया गया राष्‍ट्रपति बाइडन का बयान दूसरों के लिए बन सकता है मुश्किल'
कोरोना को हराना है तो मास्‍क लगाना है जरूरी

नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। एक तरफ पूरी दुनिया कोरोना महामारी की दूसरी और तीसरी लहर का सामना कर रही है और विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन लगातार चेतावनी दे रहा है, वहीं दूसरी तरफ अमेरिका के राष्‍ट्रपति ने अपने कोविड नियमों में बदलाव करते हुए वैक्‍सीन की खुराक लेने वालों को मास्‍क पहननें से राहत दे दी है। एक तरफा किया गया ये एलान हर किसी के लिए बेहद चौकाने वाला है।

आपको बता दें कि विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन लगातार इस बात को कह रहा है कि भले कोई स्‍वस्‍थ्‍य हो या फिर कोरोना से उबर गया हो या फिर उसने वैक्‍सीन ली हो, लेकिन कोविड की रोकथाम को बनाए नियमों का कड़ाई से पालन करने से ही इस महामारी को फैलने से रोका जा सकता है। संगठन की तरफ से ये भी कहा गया है कि हर किसी को घर से बाहर निकलते हुए मास्‍क का प्रयोग करना है। घरों में साफ-सफाई का ध्‍यान रखना है और कुछ कुछ देर में अपने हाथों को सेनेटाइजर या साबुन से साफ करना है।

डब्‍ल्‍यूएचओ की गाइडलाइंस के साथ की गई अपील और दूसरी तरफ अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन का एलान एक दूसरे का पूरक दिखाई देर रहा है। ये हाल तक है जब अमेरिका बीते करीब दस माह से कोरोना संक्रमण की सूची में विश्‍व में पहले नंबर पर बना हुआ है। मौजूदा समय में अमेरिका में कोरोना संक्रमण के कुल 33,626,097 मामले हैं जबकि 598,540 मरीजों की मौत भी हो चुकी है। यहां पर ये भी बात ध्‍यान देने वाली है कि बाइडन के पूर्व राष्‍ट्राध्‍यक्ष डोनाल्‍ड ट्रंप की इसी तरह के रुख को लेकर आलोचना की गई थी।

राष्‍ट्रपति बाइडन के रुख पर लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के कम्‍यूनिटी मेडिसिन के प्रमुख डॉक्‍टर एसके रसानिया का कहना है कि इस तरह की घोषणा भारत जैसे दूसरे विकासशील देशों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि इन देशों के लोग अमेरिकी सरीखे देशों की बातों को फॉलो करने में आगे रहते हैं। भारत में इस महामारी के प्रकोप के बाद भी कई जगहों पर आज भी बिना मास्‍क के लोगों को देखा जा सकता है। उनका ये भी कहना है कि राष्‍ट्रपति बाइडन का ये बयान विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के बनाए नियमों का भी सरासर उल्‍लंघन है।

हालांकि विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के नियमों को मानने के लिए कोई भी देश बाध्‍य नहीं है, लेकिन इसके बाद भी इस महामारी के खत्‍म होने तक इस तरह की बातें नहीं होनी चाहिए। उनका ये भी कहना है कि मास्‍क का प्रयोग न करने से कोई भी व्‍यक्ति दूसरे के लिए नुकसान पहुंचाने वाला बन सकता है। ये समय ऐसा है कि जब हम सभी को अपनी और दूसरों की रक्षा करनी है। राष्‍‍‍‍‍‍‍ट्रपति बाइडन के इस एलान के पीछे कोई तथ्‍य या आधार नहीं है। बाइडन के बयान के बाद भारत में लोगों को मास्‍क लगाकर रखने के लिए प्रेरित करना होगा। 

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