आइटी विभाग ने डिजिटल मार्केटिंग और कचरा प्रबंधन में लगे समूहों की ली तलाशी, हवाला के जरिए पैसे लगाने का आरोप

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने रविवार को कहा कि आयकर विभाग ने हाल में कई राज्यों में डिजिटल मार्केटिंग और कचरा प्रबंधन में लगे दो समूहों पर छापेमारी की। डिजिटल मार्केटिंग में लगी कंपनी के बेंगलुरु सूरत चंडीगढ़ और मोहाली स्थित सात परिसरों में तलाशी अभियान चलाया गया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 05:01 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 05:06 PM (IST)
आइटी विभाग ने डिजिटल मार्केटिंग और कचरा प्रबंधन में लगे समूहों की ली तलाशी, हवाला के जरिए पैसे लगाने का आरोप
डिजिटल मार्केटिंग और कचरा प्रबंधन में लगे दो समूहों पर छापेमारी की

 नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने रविवार को कहा कि आयकर विभाग ने हाल में कई राज्यों में डिजिटल मार्केटिंग और कचरा प्रबंधन में लगे दो समूहों पर छापेमारी की। आईटी विभाग ने 12 अक्टूबर को कई राज्यों में स्थित डिजिटल मार्केटिंग और कचरा प्रबंधन के व्यवसाय में लगे दो समूहों में अभियान शुरू किया। विभाग ने कहा, पहला समूह डिजिटल मार्केटिंग और अभियान प्रबंधन में लगा हुआ है, जिसमें बेंगलुरु, सूरत, चंडीगढ़ और मोहाली में स्थित सात परिसरों में तलाशी अभियान चलाया गया है।

सीबीडीटी के अनुसार, पाए गए आपत्तिजनक सबूतों से पता चलता है कि समूह एक एंट्री आपरेटर का उपयोग कर आवास प्रविष्टियां हासिल करने में लगा हुआ है। एंट्री आपरेटर ने हवाला आपरेटरों के माध्यम से समूह की नकदी और बेहिसाब आय के हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करने की बात स्वीकार की है।

सीबीडीटी के बयान में कहा गया है कि खर्च का बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने और राजस्व की कम दिखाने के बारे में भी पता चला है। समूह को बेहिसाब नकद भुगतान में भी लिप्त पाया गया है। यह भी पाया गया है कि निदेशकों के व्यक्तिगत खर्चों को व्यापार व्यय के रूप में बुक किया गया है। निदेशकों और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा इस्तेमाल किए गए शानदार वाहन कर्मचारियों और प्रवेश प्रदाताओं के नाम से खरीदे गए हैं।

दूसरा समूह ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में लगा है, जिसमें देश भर में ठोस अपशिष्ट संग्रह, परिवहन, प्रसंस्करण और निपटान सेवाएं शामिल हैं, जो मुख्य रूप से भारतीय नगर पालिकाओं का काम करती है। सीबीडीटी ने कहा कि छापेमारी के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, ढीले कागजात और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए गए हैं।

साक्ष्य से पता चलता है कि इस समूह ने खर्चों और उप-अनुबंधों के लिए फर्जी बिलों की बुकिंग में लिप्त है। ऐसे फर्जी खर्चों का प्रारंभिक अनुमान 70 करोड़ रुपये है। तलाशी अभियान में करीब सात करोड़ रुपये की संपत्ति में बेहिसाब निवेश का पता चला है। इसके अलावा तलाशी कार्रवाई में 1.95 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी और 65 लाख रुपये के जेवरात जब्त किए गए हैं। दोनों समूहों में आगे की जांच जारी है।

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