ISRO प्रमुख के सिवन बोले- अंतिम चरण में अंतरिक्ष नीति, अंतरिक्ष गतिविधियों को मंजूरी के लिए शुरू होगी नई प्रणाली

इसरो प्रमुख ने कहा है कि अंतरिक्ष गतिविधियों में मंजूरी के लिए जल्द नई प्रणाली शुरू होगी। सुदूर संवेदी डाटा नीति और सेटकॉम नीति में भी बदलाव होंगे।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Mon, 06 Jul 2020 08:04 AM (IST) Updated:Mon, 06 Jul 2020 08:04 AM (IST)
ISRO प्रमुख के सिवन बोले- अंतिम चरण में अंतरिक्ष नीति, अंतरिक्ष गतिविधियों को मंजूरी के लिए शुरू होगी नई प्रणाली
ISRO प्रमुख के सिवन बोले- अंतिम चरण में अंतरिक्ष नीति, अंतरिक्ष गतिविधियों को मंजूरी के लिए शुरू होगी नई प्रणाली

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने कहा है कि अंतरिक्ष नीति और अंतरिक्ष गतिविधियां विधेयक अंतिम चरणों में है। कुछ दिन पहले ही सरकार ने अंतरिक्ष को निजी क्षेत्र के लिए खोलने का फैसला किया है। पिछले कुछ समय से अंतरिक्ष के लिए एक विशेष नीति और अंतरिक्ष की गतिविधियों के लिए कानून पर काम चल रहा है। इसी बीच सरकार ने निजी क्षेत्र को अंतरिक्ष की गतिविधियों में भाग लेने की अनुमति दी है।

अंतरिक्ष विभाग के सचिव के रूप में भी जिम्मेदारी संभाल रहे सिवन से जब पूछा गया कि क्या सरकार अंतरिक्ष कानून ला रही है तो उन्होंने कहा, 'हां, हमें निश्चित रूप से यह भी करना है। दो पहलू हैं। एक अंतरिक्ष नीति और दूसरा अंतरिक्ष गतिविधियां विधेयक। दोनों अंतिम चरणों में हैं।' सरकार ने पिछल महीने रॉकेट और सैटेलाइट निर्माण जैसी अंतरिक्ष गतिविधियों में भाग लेने के लिए निजी क्षेत्र को अनुमति देकर भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में बड़े सुधार की घोषणा की थी। इसरो अध्यक्ष ने कहा कि बहुत जल्द मंजूरी के लिए एक प्रणाली शुरू की जाएगी जिससे ये गतिविधियां बिना बाधा के संचालित की जा सकें। 

अंतरिक्ष नीति और अंतरिक्ष गतिविधियां विधेयक इस रणनीतिक क्षेत्र में कानूनी मुद्दों पर ध्यान देने में मदद करेंगे। सिवन ने पिछले महीने एक ऑनलाइन ब्रीफिंग में कहा था कि एक नई दिशानिर्देशन नीति भी तैयार की जा रही है और सुदूर संवेदी डाटा नीति तथा सेटकॉम नीति में भी यथोचित बदलाव होने हैं।

भारत के औद्योगिक ढांचे को मिलेगी मजबूती- इसरो प्रमुख

कुछ दिनों पहले इसरो प्रमुख के सिवन ने कहा था कि भारत के औद्योगिक ढांचे को मजबूत बनाने में स्पेस सेक्टर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र को स्पेस सेक्टर में प्रवेश की अनुमति देकर इसरो की उपलब्धि का लाभ उठाने के लिए सरकार ने सुधार के उपायों को लागू करने का निर्णय लिया है।'उन्होंने यह भी कहा कि इस सेक्टर में उन्नत अंतरिक्ष तकनीकों के साथ शामिल कुछ देशों में से एक भारत है।

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