बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले का बेंगलुरु में विरोध, इस्कान अनुयायियों ने किया प्रदर्शन

विरोध प्रदर्शन के दौरान जस्टिस फार बांग्लादेश माइनारिटीज और प्रोटेक्ट अवर टेंपल इन बांग्लादेश लिखे हुए पोस्टर देखे गए। इस्कान बेंगलुरु के अध्यक्ष मधु पंडित दास ने कहा हम बांग्लादेश में इस्कान भक्तों हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर अकारण हमलों से दुखी हैं।

By Neel RajputEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 02:37 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 02:37 PM (IST)
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले का बेंगलुरु में विरोध, इस्कान अनुयायियों ने किया प्रदर्शन
विरोध प्रदर्शन के दौरान 'जस्टिस फार बांग्लादेश माइनारिटीज' और 'प्रोटेक्ट अवर टेंपल इन बांग्लादेश' लिखे हुए पोस्टर देखे गए

बेंगलुरु, एएनआइ। बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले की निंदा करते हुए इंटरनेशनल सोसाइटी फार कृष्णा कान्शियसनेस (इस्कान) के अनुयायियों ने शनिवार को बेंगलुरु के हरे कृष्णा हिल इलाके में शांतिपूर्ण मार्च निकाला। बता दें कि पिछले दिनों बांग्लादेश के नोआखली शहर में एक इस्कान मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी और 16 अक्टूबर को सांप्रदायिक हिंसा में एक भक्त की मौत भी हो गई थी। शनिवार को पुणे में भी विरोध प्रदर्शन किया गया था, यह 150 देशों में स्थित लगभग 700 इस्कान मंदिरों में इस्कान द्वारा आयोजित एक विश्वव्यापी विरोध का हिस्सा है।

विरोध प्रदर्शन के दौरान 'जस्टिस फार बांग्लादेश माइनारिटीज' और 'प्रोटेक्ट अवर टेंपल इन बांग्लादेश' लिखे हुए पोस्टर देखे गए। इस्कान बेंगलुरु के अध्यक्ष मधु पंडित दास ने कहा, 'हम बांग्लादेश में इस्कान भक्तों, हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर अकारण हमलों से दुखी हैं। हम एकजुट होकर उनके समर्थन और एकजुटता में खड़े हैं और उनकी सुरक्षा के लिए प्रार्थना करते हैं।' उन्होंने कहा, 'हम बांग्लादेश सरकार से तुरंत प्रभावित अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने का आग्रह करते हैं। हम भारत सरकार से भी अपने पड़ोसी देशों के साथ काम करने और क्षेत्र में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने का अनुरोध करते हैं।'

इस्कान ने अपनी आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि इस्कान बेंगलुरु ने भी बांग्लादेश के उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए एक शांतिपूर्ण मार्च का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में मंदिर के मिशनरियों, इस्कान मंडली के सदस्यों और अन्य कर्तव्यनिष्ठ नागरिकों ने भाग लिया।

गौरतलब है कि 13 अक्टूबर को बांग्लादेश में फैली अफवाह के बाद हिंदु अल्पसंख्यकों के खिलाफ सांप्रदायिक हमले शुरू हो गए थे। इस दौरान दुर्गा पंडाल, मंदिरों में तोड़फोड़ और हिंदु घरों में आगजनी की घटनाएं सामने आईं थीं। चांदपुर के हाजीगंज में पूजा स्थलों पर हमले के दौरान पुलिस की गोलीबारी में कम से कम चार लोग मारे गए थे और नोआखली के चौमुहानी में हिंदू मंदिरों पर हमले में 15 अक्टूबर को दो लोगों की मौत हो गई थी।

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