International Tiger Day: पीएम मोदी ने वाइल्डलाइफ प्रेमियों को दी बधाई, बाघों के लिए सुरक्षित आवास सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता दोहराई

पीएम मोदी ने कहा विश्व स्तर पर बाघों की 70% से अधिक आबादी का घर हम अपने बाघों के लिए सुरक्षित आवास सुनिश्चित करने और बाघों के अनुकूल इकोसिस्टम पर काम करते हुए संवारने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 10:16 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 11:59 AM (IST)
International Tiger Day: पीएम मोदी ने वाइल्डलाइफ प्रेमियों को दी बधाई, बाघों के लिए सुरक्षित आवास सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता दोहराई
पीएम मोदी ने वाइल्डलाइफ प्रेमियों को दी बधाई, बाघों के लिए सुरक्षित आवास सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता दोहराई

नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर वाइल्डलाइफ से जुडे लोगों को बधाई दी है। साथ ही उन्होंने बाघों के लिए सुरक्षित आवास सुनिश्चित करने की देश की प्रतिबद्धता भी दोहराई। उन्होंने कहा, 'अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर, वन्यजीव प्रेमियों, विशेष रूप से बाघ संरक्षण के प्रति उत्साही लोगों को बधाई। विश्व स्तर पर बाघों की 70% से अधिक आबादी का घर, हम अपने बाघों के लिए सुरक्षित आवास सुनिश्चित करने और बाघों के अनुकूल इकोसिस्टम को पोषित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं।' बता दें कि भारत में अब दुनिया भर में रहने वाले बाघों की कुल संख्या का लगभग 70% बाघ रहते हैं।

पीएम मोदी ने आगे ट्वीट करते हुए कहा, 'भारत 18 राज्यों में फैले 51 टाइगर रेसेर्वेस का घर है। 2018 की अंतिम बाघ गणना में बाघों की आबादी में वृद्धि देखी गई। भारत ने बाघ संरक्षण पर सेंट पीटर्सबर्ग घोषणा के समय से 4 साल पहले बाघों की आबादी को दोगुना करने का लक्ष्य हासिल किया।' यहां आपको बता दें कि रूस में 2010 में बाघों के संरक्षण पर सेंट पीटर्सबर्ग घोषणा-पत्र में 2022 तक बाघों की संख्या दोगुना करने का संकल्प लिया गया था। रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में बाघ क्षेत्र वाले देशों के शासनाध्यक्षों ने बाघ संरक्षण पर सेंट पीटर्सबर्ग घोषणा पर हस्ताक्षर करके 2022 तक बाघ क्षेत्र की अपनी सीमा में बाघों की संख्या दोगुना करने का संकल्प लिया था। इसी बैठक के दौरान दुनिया भर में 29 जुलाई को वैश्विक बाघ दिवस के रूप में मनाने का भी निर्णय लिया गया।

नरेंद्र मोदी ने आगे भारत की रणनीति के बारे में बात करते हुए कहा कि बाघ संरक्षण की भारत की रणनीति स्थानीय समुदायों को शामिल करने को सर्वोच्च महत्व देती है। हम सभी वनस्पतियों और जीवों के साथ सद्भाव में रहने के हमारे सदियों पुराने लोकाचार से भी प्रेरित हैं, जिनके साथ हम अपने ग्रेट ग्रह को साझा करते हैं।

उत्तर प्रदेश में डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया की अधिकारी डा. मुदित गुप्ता और आशीष विस्टा बताते हैं कि भारत में वन तथा वन्यजीवों को बचाने तथा इनके संरक्षण के लिए संरक्षित क्षेत्रों की स्थापना की गई है। वर्ष 2020 तक भारत में कुल 104 राष्ट्रीय उद्यान तथा 566 वन्य जीव अभयारण्य की स्थापना की जा चुकी थी। वे बताते हैं कि भारत के पहले राष्ट्रीय उद्यान ‘हेली राष्ट्रीय उद्यान’ (इसे आज कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान के नाम से जाना जाता है) की स्थापना वर्ष 1936 में हुई थी, परंतु सही मायने में वर्ष 1973 में भारत सरकार की ‘बाघ परियोजना’ लागू होने के बाद संरक्षित क्षेत्रों के तंत्र में अधिक मजबूती आई।

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