22 अगस्त से शुरू होगा 'इंटरनेशनल आर्मी गेम्स 2021' सेना का दिखेगा शौर्य
International Army Games- 2021 इंटरनेशनल आर्मी गेम्स 2021 का आगाज होने वाला है। इस महीने में 22 अगस्त से रुस में यह गेम्स शुरू हो जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इस दौरान 101 इंडियन आर्मी की 101 सदस्यीय टुकड़ी हिस्सा लेगी।
नई दिल्ली, एएनआइ। International Army Games- 2021: 'इंटरनेशनल आर्मी गेम्स 2021' का आगाज होने वाला है। इस महीने में 22 अगस्त से रुस में यह गेम्स शुरू हो जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इस दौरान 101 इंडियन आर्मी की 101 सदस्यीय टुकड़ी हिस्सा लेगी। बता दें यह कार्यक्रम 4 सितंबर तक चलेगा। 22 अगस्त से 4 सितंबर के बीच आयोजित होने वाली प्रतियोगिता में भाग लेने वाले देशों के सैन्य सहयोग को बढ़ावा दिया जाता है।
A 101-member contingent of the Indian Army will participate in International Army Games- 2021 in Russia from 22 August to 4 September: Ministry of Defence pic.twitter.com/74CIQnJGoZ
— ANI (@ANI) August 9, 2021
45 से अधिक देशों की कम से कम 260 टीमों की होगी मेजबानी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्रतियोगिता में 45 से अधिक देशों की कम से कम 260 टीमों की मेजबानी होगी। भारतीय दल आर्मी स्काउट मास्टर्स प्रतियोगिता, एल्ब्रस रिंग, पोलर स्टार, स्नाइपर फ्रंटियर और सेफ रूट गेम्स में हिस्सा लेगा, जिसमें ऊंचाई वाले इलाकों में विभिन्न अभ्यास, युद्धक इंजीनियरिंग कौशल, बर्फ में संचालन, बाधाग्रस्त इलाके में स्नाइपर कार्रवाई का प्रदर्शन किया जाएगा।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने दक्षिणी कमान का दौरा किया था और रक्षा निर्माण में लगी बड़ी निजी कंपनियों के इंजीनियरिंग अनुसंधान केंद्र और रणनीतिक प्रणाली परिसर की समीक्षा की थी। सेना प्रमुख इस समय पुणे और गोवा से सटे दक्षिणी कमान के दो दिवसीय दौरे पर थे। पुणे की अपनी यात्रा के दौरान, सेना प्रमुख पिंपरी में टाटा मोटर्स का कारखाना गए थे। वहां उन्होंने यात्री और वाणिज्यिक वाहनों की असेंबली लाइनों और इंजीनियरिंग रिसर्च सेंटर (ईआरसी) के संचालन का जायजा लिया था।
इस दौरान सेना प्रमुख ने पुणे के पास तालेगांव में लार्सन एंड टुब्रो के सामरिक प्रणाली परिसर का भी दौरा किया था। साथ ही सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण की दिशा में उनकी उत्पादन सुविधाओं और विकास के प्रयासों पर भी बल दिया था। इसके साथ ही उन्होंने विभिन्न रक्षा संबंधी कार्यक्रमों और भारतीय सेना के साथ लार्सन एंड टुब्रो के जुड़ाव के बारे में जानकारी दी थी।