'मन की बात' में पीएम मोदी से बातचीत पर बोलीं अपर्णा आत्रेय, 'हमारे लिए यह महत्वपूर्ण अवसर'
अपर्णा आत्रेया ने कहा कि हमें उम्मीद है कि यह देश में स्टोरीटेलिंग की आर्ट के लिए प्रेरणादायी होगा।रविवार को पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम के दौरान अपर्णा और उनकी टीम ने प्रधानमंत्री से बात की थी।
बेंगलुरु, एएनआइ। बेंगलुरु स्टोरीटेलिंग सोसाइटी की अपर्णा आत्रेय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 'मन की बात' के जरिए बात करना एक महत्वपूर्ण अवसर था और हमें उम्मीद है कि यह देश में स्टोरीटेलिंग की आर्ट के लिए प्रेरणादायी होगा। बता दें कि रविवार को पीएम मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम के दौरान अपर्णा और उनकी टीम ने प्रधानमंत्री से बात की थी।
आत्रेय ने कहा कि इसके साथ जिम्मेदारियां भी बढ़ जाती हैं। स्टोरीटेलिंग पर पीएम मोदी से बात करना हमारे लिए एक महत्वपूर्ण अवसर था। उन्होंने आगे कहा कि पहला पहलू जो हम जिम्मेदारी के रूप में देखते हैं, वह उन सभी पारंपरिक कहानी रूपों का संरक्षण करना है जो पहले से मौजूद हैं। हमें कहानियों और भाषाओं को संरक्षित करने की जरूरत है। दूसरा पहलू नए कहानीकारों को तैयार के लिए उनका पोषण करना है, और तीसरा प्रचार है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मदी ने रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम के दौरान बेंगलुरु स्टोरी टेलिंग सोसायटी के सदस्यों से बात की थी। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं अपने जीवन में बहुत लम्बे अरसे तक एक परिव्राजक के रूप में रहा। घुमंत ही मेरी जिंदगी थी। हर दिन नया गांव, नए लोग, नए परिवार। भारत में कहानी कहने की, या कहें किस्सा-कोई की, एक समृद्ध परंपरा रही है। हमारे यहां कथा की परंपरा रही है। ये धार्मिक कहानियां कहने की प्राचीन पद्धति है।
इसके अलावा उन्होंनेकहा कि कहानियों का इतिहास उतना ही पुराना है, जितनी मानव सभ्यता। कहानी की ताकत महसूस करना हो तो किसी मां को अपने बच्चों को खाना खिलाते वक्त कहानियां सुनाते हुए सुनें। हमारे यहां तरह-तरह की लोककथाएं सुनाने की परंपरा रही है। कर्नाटक और केरल में कहानियां सुनाने की बहुत रोचक पद्धति है, इसे बिल्लू पाठ कहा जाता है।
बातचीत के दौरान आत्रेय ने पीएम मोदी को बताया कि वो दो बच्चों की मां हैं और उनके पति वायुसेना में अधिकारी हैं। उन्होंने बताया कि 15 साल पहले वो सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में काम करती थी और कंपनी के सीएसआर प्रोजक्ट में काम करने के दौरान, उन्हें हजारों बच्चों को कहानी के जरिए पढ़ाने का मौका मिला।