इंदौर की अंतरराष्ट्रीय गोताखोर पलक शर्मा को मिलेगा प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार
शहर की 13 साल की अंतरराष्ट्रीय गोताखोर पलक शर्मा को इस साल का प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार मिलेगा। 25 जनवरी को इंदौर में वर्चुअल कार्यक्रम में उन्हें सम्मानित किया जाएगा। इसमें विभिन्न वर्गो में कुल 11 स्वर्ण पदक हासिल किए।
कपीश दुबे, इंदौर। शहर की 13 साल की अंतरराष्ट्रीय गोताखोर पलक शर्मा को इस साल का प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार मिलेगा। 25 जनवरी को इंदौर में वर्चुअल कार्यक्रम में उन्हें सम्मानित किया जाएगा। आमतौर पर देश के राष्ट्रपति के हाथों में दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में सम्मान दिया जाता है। प्रधानमंत्री भी सम्मानित बच्चों से मिलते हैं। मगर इस बार कोरोना संक्रमण के कारण यह समारोह वर्चुअल आयोजित होगा।
पलक के पिता पंकज शर्मा ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण इस बार यह सम्मान इंदौर के कलेक्टर आफिस में 25 जनवरी को दोपहर 12 बजे वर्चुअल दिया जाएगा। दिल्ली से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यक्रम में शामिल होंगे।
पलक ने वर्ष 2019 में एशियन एज ग्रुप चैंपियनशिप में एक स्वर्ण और दो रजत पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया था। इस स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली पलक अब तक की सबसे कम उम्र में गोताखोर भी बनी थीं। इसके अलावा छोटी सी उम्र में ही वे पांच राष्ट्रीय स्पर्धाओं में मप्र का प्रतिनिधित्व कर चुकी है। इसमें विभिन्न वर्गो में कुल 11 स्वर्ण पदक हासिल किए।
लॉकडाउन में फिटनेस पर किया काम
लाकडाउन के कारण सालभर स्वीमिंगपूल बंद रहे। मगर पलक ने इस समय का इस्तेमाल अपनी फिटनेस सुधारने में किया। वह रोज साढ़े तीन किमी दौड़ती हैं। इसके अलावा अन्य शारीरिक व्यायाम भी करती हैं।
बायकट हेयर स्टाइल ताकि खेल पर रहे ध्यान
फिल्म दंगल में आमिर खान अपनी बेटियों के बाल इसलिए कटवा देते हैं ताकि उनका पूरा ध्यान खेल पर रहे। ऐसा ही कुछ किस्सा पलक के साथ भी हैं। लड़कियों को बाल संवारना पसंद होता है, लेकिन पलक के बायकट हेयर स्टाइल है। पूछने पर पिता पंकज ने बताया कि हम नहीं चाहते कि छोटी उम्र में उसका ध्यान फैशन की ओर जाए। अभी उसका पूरा ध्यान खेल पर रहता है। बायकट कराने से उसे खेल में भी आसानी होती है।
पलक शर्मा का कहना है कि मैं जब तीसरी कक्षा में पढ़ती थी, तभी से तैराकी और गोताखोरी से जु़ड़ी। इसके बाद गोताखोरी में मन रम गया। कोच रमेश व्यास के मार्गदर्शन में सुबह और शाम मिलाकर कुल आठ घंटे अभ्यास करती हूं। इसमें गोताखोरी के अलावा शारीरिक व्यायाम भी शामिल है। अभ्यास के बाद बचे समय में पढ़ाई करती हूं। अब मेरा सपना ओलंपिक खेलों में देश के लिए पदक जीतना है।