100 भारतीय व 222 अफगानी कर रहे काबुल से निकाले जाने का इंतजार, विभिन्न संगठनों ने सरकार से मांगी मदद
इंडिया वर्ल्ड फोरम (आइडब्ल्यूएफ) व अन्य परोपकारी संगठनों ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) व विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखकर अफगानिस्तान के काबुल में फंसे हिंदुओं और सिख समुदाय के लोगों को जल्द से जल्द निकालने की मांग की है।
नई दिल्ली, एएनआइ। इंडिया वर्ल्ड फोरम (आइडब्ल्यूएफ) व अन्य परोपकारी संगठनों ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) व विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखकर अफगानिस्तान के काबुल में फंसे हिंदुओं और सिख समुदाय के लोगों को जल्द से जल्द निकालने की मांग की है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंध समिति (डीएसजीपीसी) के पूर्व अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने 20 अक्टूबर को लिखे पत्र में कहा है, 'सिख नेता, एनजीओ व गुरुद्वारा को काबुल में फंसे भारतवंशियों की तरफ से आपात संदेश मिल रहे हैं। इनमें ज्यादातर ई-वीजा का इंतजार कर रहे हैं, जबकि उनके पास पहले अधिकृत वीजा था और वे भारत का दौरा भी कर चुके हैं। करीब 100 भारतीय व 222 भारतवंशी अफगानी भारत सरकार की मदद का इंतजार कर रहे हैं।'
55 हजार शरणार्थियों को स्थायी आवासों में भेजना चाहता है अमेरिका
राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रशासन देश के विभिन्न सैन्य केंद्रों में आश्रय ले रहे 55,600 अफगानी नागरिकों को स्थायी घरों में भेजना चाहता है। ये लोग अफगानिस्तान में अमेरिका के लिए काम कर रहे थे। खामा प्रेस के अनुसार, इतनी बड़ी संख्या में लोगों को शिविरों से स्थायी आवासों में ले जाने की इस योजना को वर्ष 1980 के बाद पुनर्वास कार्यक्रम में बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
तालिबान ने संयुक्त राष्ट्र कर्मचारियों की सुरक्षा का दिया भरोसा
तालिबान ने संयुक्त राष्ट्र को भरोसा दिया है कि वह अफगानिस्तान में काम करने वाले यूएन कर्मचारियों की सुरक्षा करेगा। अफगानिस्तान की कार्यवाहक सरकार के उप प्रधानमंत्री अब्दुल सलाम हनाफी ने यह भरोसा यूएन महासचिव के विशेष प्रतिनिधि देबोरा लायंस को शनिवार को काबुल में मुलाकात के दौरान दिया।
पश्चिमी काबुल में आठ बच्चों को भूख से मौत : पूर्व सांसद
अफगानिस्तान के पूर्व सांसद हाजी मुहम्मद मोहकेक ने रविवार को दावा किया कि पश्चिमी काबुल में भूख के कारण आठ बच्चों की मौत हो गई। इस इलाके में अल्पसंख्यक हजारा आबादी ज्यादा है। मोहकेक ने स्पुतनिक न्यूज एजेंसी के हवाले से बच्चों की मौत संबंधी सूचना फेसबुक पर साझा करते हुए कहा कि तालिबान देश के नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं भी प्रदान नहीं कर पा रहा है।