चीन की घटिया हरकत आई सामने, कोरोना की उत्पत्ति को लेकर लगाए आरोप को भारतीय वैज्ञानिकों ने किया खारिज
भारत में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चीनी वैज्ञानिकों के भारत में इंसान से इंसान में कोरोना वायरस का सबसे पहले संक्रमण होने के दावे को खारिज कर दिया है। पूरी दुनिया जानती है कि कोविड-19 की वैश्विक महामारी चीन के शहर वुहान से आई है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। भारत में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चीनी वैज्ञानिकों के भारत में इंसान से इंसान में कोरोना वायरस का सबसे पहले संक्रमण होने के दावे को खारिज कर दिया है। पूरी दुनिया जानती है कि कोविड-19 की वैश्विक महामारी चीन के शहर वुहान से आई है। नई दिल्ली स्थित श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट में माइक्रोबायोलाजी की वरिष्ठ सलाहकार ज्योति मिश्रा ने सोमवार को बताया कि चीन की ओर से बिना किसी वैज्ञानिक आधार के यह केवल अटकलबाजी है। किसी भी महामारी में यह देखना पड़ता है कि वह कहां से शुरू हुई है। उन्होंने बताया कि चीनी वैज्ञानिकों का दावा है कि वुहान में हुए कोरोना विस्फोट से तीन या चार महीने पहले ही भारत में कोरोना का संक्रमण फैल चुका था, जोकि तार्किक नहीं लगता है।
सीएसआईआर के निदेशक डॉ. शेखर पांडे ने कहा कि लैंसेट में प्रकाशन के विचार करने के लिए एक चीनी पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें दावा किया गया है कि भारत में कोरेाना वायरस की उत्पत्ति हुई है। इसकी अभी तक समीक्षा नहीं की गई है अध्ययन घटिया तरह से किया गया है और इसकी जांच में यह कहीं नहीं ठहरेगा क्योंकि इसकी कार्यप्रणाली दोषपूर्ण है। A Chinese paper has been submitted for consideration of publication in Lancet, claiming India as origin of SARS COV2 virus. It hasn’t been peer-reviewed yet. Study is badly done & won't stand the scrutiny of peer-review as its methodology is faulty: CSIR Director Dr Shekhar Mande pic.twitter.com/PxtVUJLBFa
जार्ज इंस्टीट्यूट ऑफ ग्लोबल हेल्थ के सीनियर रिसर्च फैलो ओमेन जॉन ने कहा कि वैज्ञानिक शोधों से अब तक यही सामने आया है कि यह कोरोना वायरस चीन के वुहान से ही फैला है। दूसरी ओर, जेनेवा में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस एडहैनम घेब्रेयसिस ने कहा कि कोरोना वायरस के उद्गम स्थल को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए। यहां छिपाने को कुछ नहीं है और वह इसके स्रोत के बारे में जानना चाहते हैं।