Indian Railways: गैर संरक्षा श्रेणी के 50 फीसद पद को खत्‍म करेगा रेलवे, जानिए किन-किन नौकरियों पर मंडरा रहा है खतरा

रेलवे गहरे आर्थिक संकट से जूझ रहा है इसलिए बोर्ड हर मामले में फूंक-फूंककर कदम रख रहा है। बोर्ड ने इसी महीने खाली पदों को न भरे जाने संबंधी गाइडलाइन जारी कर दी है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Tue, 04 Aug 2020 06:15 AM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 02:41 AM (IST)
Indian Railways: गैर संरक्षा श्रेणी के 50 फीसद पद को खत्‍म करेगा रेलवे, जानिए किन-किन नौकरियों पर मंडरा रहा है खतरा
Indian Railways: गैर संरक्षा श्रेणी के 50 फीसद पद को खत्‍म करेगा रेलवे, जानिए किन-किन नौकरियों पर मंडरा रहा है खतरा

भोपाल, राज्‍य ब्‍यूरो। अगले कुछ साल रेलवे में नौकरी भूल जाइए, क्योंकि रेलवे गैर संरक्षा (नॉन सेफ्टी) श्रेणी के 50 फीसद पदों को खत्म करने जा रहा है। वे पद खत्म करने की तैयारी की जा रही है जो अभी खाली हैं। ऐसे कुल खाली पदों में से 50 फीसद पदों को खत्म किया जाएगा। उन पर कभी भर्ती नहीं होगी। ट्रेनें चलाने वाले लोको पायलट, सहायक लोको पायलट, स्टेशन मास्टर और गार्ड जैसे पद खत्म नहीं किए जाएंगे, क्योंकि ये सेफ्टी श्रेणी में आते हैं। 

रेल यूनियनें और युवाओं ने पद खत्म करने के आदेश का किया विरोध 

रेलवे बोर्ड ने दो जुलाई को इसके आदेश जारी कर दिए हैं। इस आदेश को अमल में लाने से मप्र के भोपाल मंडल व जबलपुर जोन के 700 से अधिक पदों पर खतरा मंडरा रहा है। रेलवे यूनियनों व युवाओं ने इसका विरोध भी शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि पद खत्म करना, रेलवे में निजी निवेश को बढ़ावा देना ठीक नहीं है। आने वाले समय में इसके गंभीर दुष्परिणाम होंगे। उन्होंने सलाह दी है कि इस तरह युवाओं के सामने बेरोजगारी का संकट खड़ा हो जाएगा। रेलवे यूनियन और युवा रेलवे को विकल्प के रूप में सलाह दे रहे हैं कि यदि राशि नहीं है तो रेलवे सार्वजनिक क्षेत्र से राशि जुटा सकता है। 

नॉन सेफ्टी श्रेणी के पदों की बनाई जा रही है सूची 

दरअसल, रेलवे गहरे आर्थिक संकट से जूझ रहा है इसलिए बोर्ड हर मामले में फूंक-फूंककर कदम रख रहा है। बोर्ड ने इसी महीने खाली पदों को न भरे जाने संबंधी गाइडलाइन जारी कर दी है। बोर्ड के सूत्रों के मुताबिक रेलवे ने सभी जोन को पत्र भेजकर कहा है कि मंडलवार खाली पदों की सूची बना लें। उनमें से जो पद नॉन सेफ्टी श्रेणी के हैं, उनमें से कुछ पद ही भरें, बाकी की सूचना बोर्ड को दें। अब रेलवे के अधिकारी इस पर जुट गए हैं। भोपाल समेत सभी मंडलों में खाली पदों को खंगाला जा रहा है।

हालांकि रेलवे बोर्ड के अधिकारी नाम न छापने की शर्त पर कह रहे हैं कि उक्त गाइडलाइन का मतलब यह नहीं है कि नहीं भरे जाने वाले पदों को हमेशा के लिए खत्म किया जाएगा, बल्कि उन पदों को आर्थिक संकट के चलते कुछ सालों के लिए नहीं भरा जाएगा। जैसे ही स्थिति सुधरेगी, तब पुन: भर्ती प्रक्रिया चालू कर दी जाएगी। इस मामले में रेलवे के जानकारों का कहना है कि एक बार कोई पद खत्म कर दिया जाए, तो उस पर दोबारा भर्ती करना बहुत मुश्किल है। इस तरह यह कहना आसान है कि खत्म पदों को दोबारा सक्रिय कर लिया जाएगा।

गैर संरक्षा श्रेणी : इसमें रेलवे का वाणिज्य, इंजीनियरिंग, एकाउंट, पर्सनल जैसे विभागों में काम करने वाले लगभग सभी अधिकारी कर्मचारी आते हैं।

सेफ्टी श्रेणी : इसमें ट्रेन चलाने वाले लोको पायलट, सहायक लोको पायलट, पीछे डिब्बे में रहने वाले गार्ड और ऑपरेटिंग कंट्रोल में कार्यरत कंट्रोलर आदि आते हैं।

रेलवे की मजबूरी : अभी इक्का-दुक्का को छोड़कर ट्रेनें चल नहीं रही हैं। आगे ट्रेनें कब तक पटरी पर लौटेंगी, यह कहना मुश्किल है। यदि ट्रेनें पटरी पर नहीं लौटीं तो एक समय ऐसा आएगा कि रेलवे के लिए कर्मचारियों को वेतन देना चुनौतीपूर्ण हो जाएगा। 

रेलवे में निजी निवेश को बताया खतरा

भोपाल में रेलवे मामलों के जानकार निरंजन वाधवानी का कहना है कि पहले स्टेशनों को निजी हाथों में देना, फिर प्राइवेट ट्रेनें चलाने की तैयारी और अब खाली पदों को खत्म करने की प्रक्रिया, ये सब रेलवे को बर्बाद करने के तरीके हैं। 

जबलपुर जोन में वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्प्लाइज यूनियन के अध्‍यक्ष रवि जायसवाल का कहना है कि रेलवे एक तरफ पद खत्म कर रहा है और दूसरी तरफ निजीकरण करने पर तुला है। यह ठीक नहीं है। जब रेलवे का निजीकरण किया जा रहा है इसका मतलब रेलवे में लोगों की जरूरत है तो फिर खाली 50 फीसद पदों को खत्म क्यों किया जा रहा है। 

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