Indian Railways: दिल्ली-मुंबई के बीच बढ़ी राजधानी ट्रेनों की गति, 12 घंटे में पूरा होगा सफर

दिल्ली से मुंबई के बीच राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों की गति बढ़ जाएगी। इसके बाद ये ट्रेनें 12 घंटे में दोनों महानगरों के बीच की दूरी तय कर सकेंगी। अभी औसतन 16 घंटे लग रहे हैं। दोनों महानगरों को जोड़ने वाले रेलमार्गों को इसके लिए तैयार किया जा रहा है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 06:02 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 06:43 PM (IST)
Indian Railways: दिल्ली-मुंबई के बीच बढ़ी राजधानी ट्रेनों की गति, 12 घंटे में पूरा होगा सफर
दिल्ली से मुंबई के बीच राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों की गति बढ़ जाएगी

भोपाल, राज्य ब्यूरो। दिल्ली से मुंबई के बीच राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों की गति बढ़ जाएगी। इसके बाद ये ट्रेनें 12 घंटे में दोनों महानगरों के बीच की दूरी तय कर सकेंगी। अभी औसतन 16 घंटे लग रहे हैं। दोनों महानगरों को जोड़ने वाले रेलमार्गों को इसके लिए तैयार किया जा रहा है।

पश्चिम मध्य रेलवे ने अपने हिस्से के कोटा रेल मंडल से गुजरने वाले दिल्ली- मुंबई रेलमार्ग पर काम शुरू कर दिया है। इसका बड़ा भाग मध्य प्रदेश से होकर गुजरता है। रेलवे ट्रैक को अधिक गति के लिए तैयार किया जा रहा है। 2024 तक ट्रेनों की गति बढ़ाने का लक्ष्य है। भोपाल से गुजरने वाले रेलमार्ग को भी अधिक गति के लिए तैयार किया जा रहा है। पहले चरण में कोटा रेलमंडल से गुजरने वाले मुंबई-दिल्ली रेलमार्ग पर राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों की गति बढ़ाई जाएगी।

इस तरह अपग्रेड होगा ट्रैक

- स्लीपरों के नीचे गिट्टी की गहराई बढ़ाई जाएगी: अभी इस ट्रैक पर 300 मिलीमीटर की गहराई तक गिट्टी बिछी है। इसे बढ़ाकर 350 मिलीमीटर किया जा रहा है। इस बदलाव के चलते जब ट्रैक पर ट्रेन तेज गति से चलेगी तो कंपन नहीं होगा और संतुलन बना रहेगा। ट्रेनों का संतुलन बनाए रखने के लिए ही ट्रैक के नीचे गिट्टी बिछाई जाती है।

- इंप्रूव स्विच जॉइंट लगाए जाएंगे : पटरी के दो हिस्सों के बीच में यह स्विच जॉइंट लगाए जाएंगे। अधिक ठंड के दिनों में जब पटरियां सिकुड़ती हैं तो बीच का गैप बढ़ने से वे क्रेक हो जाती हैं। इससे अक्सर हादसे हो जाते हैं। नई तरह के जॉइंट पटरियों के गैप को पूरा करेंगे।

- लेवल क्रॉसिंग को सिग्नलयुक्त करेंगे: लेवल क्रॉसिंग को सिग्नलयुक्त करने से ट्रेन जब किसी लेवल क्रॉसिंग से एक स्टेशन पहले गुजर रही होगी, तभी उस क्रॉसिंग पर तैनात कर्मी को स्वत: सूचना मिलेगी और गेट स्वत: बंद हो जाएगा। इससे क्रॉसिंग पर मानवीय भूलों के कारण हादसे नहीं होंगे।

- पुल-पुलिया सुधारेंगे : दिल्ली से मुंबई के बीच पांच बड़े रेलवे पुल पड़ते हैं। मजबूती को बढ़ाने के लिए इन पुलों के गर्डर बदले जाएंगे। इनके अलावा बाकी सभी छोटे पुल-पुलियाओं को सुधारा जाएगा।

- ट्रैक के किनारे तार फेंसिंग की जाएगी : ट्रेनों के सामने मवेशी या किसी तरह का व्यवधान न आ सके, इसके लिए यह व्यवस्था की जा रही है। इससे ट्रेन की गति बनाए रखने में मदद मिलेगी।

इस बारे में पश्चिम रेलवे ने ट्वीट किया कि मिशन रफ्तार के तहत मुंबई-दिल्ली रूट को अपग्रेड कर 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से राजधानी एक्सप्रेस चलाने के लिए यात्रा के समय को लगभग 12 घंटे तक कम कर दिया जाएगा। यात्रा के समय को कम करने के लिए भारतीय रेलवे ने 100 दिवसीय कार्य योजना के तहत दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा मार्गों पर यात्रा के समय को कम करने की परिकल्पना की है।

'मिशन रफ्तार' की घोषणा पहली बार रेल बजट 2016-17 में की गई थी। मिशन में मालगाड़ियों की औसत गति को दोगुना करने और अगले 5 वर्षों में सभी गैर उपनगरीय यात्री ट्रेनों की औसत गति को 25 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाने के लक्ष्य की परिकल्पना की गई है। मिशन रफ्तार के तहत गति बढ़ाने के लिए जिन प्रमुख मार्गों की पहचान की गई, उनमें स्वर्णिम चतुर्भुज और विकर्णों पर छह मार्ग शामिल थे अर्थात् दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-हावड़ा, हावड़ा-चेन्नई, चेन्नई-मुंबई, दिल्ली-चेन्नई और हावड़ा-मुंबई।

इस बारे में पश्चिम मध्य रेलवे में जबलपुर जोन के मुख्य प्रवक्ता राहुल जयपुरिया ने कहा कि यह रेलवे का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। ट्रैक को अपग्रेड करने का काम शुरू कर दिया है। तय समय में काम पूरा करेंगे। ट्रेनों की गति बढ़ने से रेल यात्रियों के चार घंटे बचेंगे। मेल, एक्सप्रेस ट्रेनों की गति भी बढ़ जाएगी। बाद में भोपाल से गुजरने वाले ट्रैक को भी अपग्रेड किया जाएगा।

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