Indian Railways: तेज रफ्तार निजी ट्रेनें होंगी स्लाइडिंग डोर, टॉक बैक जैसी सुविधाओं से लैस

Private trains निजी ट्रेनों के लिए प्रस्तावित मसौदे में रेलवे ने निजी कंपनियों के सामने जो शर्ते रखीं हैं उसमें सबसे प्रमुख रेलवे नेटवर्क पर उनकी गति प्रति घंटा 160 किमी है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Wed, 12 Aug 2020 11:00 PM (IST) Updated:Thu, 13 Aug 2020 08:29 AM (IST)
Indian Railways:  तेज रफ्तार निजी ट्रेनें होंगी स्लाइडिंग डोर, टॉक बैक जैसी सुविधाओं से लैस
Indian Railways: तेज रफ्तार निजी ट्रेनें होंगी स्लाइडिंग डोर, टॉक बैक जैसी सुविधाओं से लैस

नई दिल्ली, प्रेट्र। अपने रेलवे नेटवर्क पर निजी ट्रेनें चलाने के लिए रेलवे ने निजी कंपनियों के सामने विश्वस्तरीय मानकों की शर्ते रखी हैं। नए जमाने की इन यात्री रेलगाड़ि‍यों में इलेक्ट्रानिक स्लाइडिंग डोर, खिड़कियों में सुरक्षित दोहरे कांच, यात्रियों की निगरानी प्रणाली, सूचनाएं व गंतव्य के बारे में जानकारी देने की प्रणाली देने की शर्ते रखी हैं। साथ ही टॉक बैक सुविधा देने को भी शर्त रखी है। इसके तहत आपात स्थिति में यात्री टॉक बैक बटन दबाकर संबंधित रेल कर्मचारी से त्वरित मदद मांग सकेंगे। 

रेलवे ने निजी कंपनियों के समक्ष रखीं हैं अत्याधुनिक सुविधाओं की शर्ते

निजी ट्रेनों के लिए प्रस्तावित मसौदे में रेलवे ने निजी कंपनियों के सामने जो शर्ते रखीं हैं, उसमें सबसे प्रमुख रेलवे नेटवर्क पर उनकी गति प्रति घंटा 160 किलोमीटर है। ट्रेन को इस तरह से डिजाइन करना होगा कि वह परीक्षण के दौरान सुरक्षित तरीके से 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने में सक्षम हों। निजी ट्रेनें इस बात में भी सक्षम होनी चाहिए कि वह समतल ट्रैक पर 140 सेकेंड में 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार को ब्रेक देते ही शून्य किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर ले आएं।

इन ट्रेनों में एक इमरजेंसी ब्रेक होगा जो 160 किलोमीटर की रफ्तार से चल रही ट्रेन को 1250 मीटर से भी कम की दूरी में स्थिर खड़ा कर दे। रेलवे ने निजी ट्रेनों को इस तरह से डिजाइन करने को कहा है कि वह कम से कम 35 साल चलें। 

यात्रा को पूरी तरह से शोरगुल से मुक्त रखने को कहा गया

इसके हर कोच के दोनों ओर दो-दो स्वचालित इलेक्ट्रि‍क दरवाजे हों। इन दरवाजों में सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए कहा गया है कि ट्रेन तब तक न चले जब तक उसके सभी दरवाजे इलेक्टि्रक तरीके से बंद हो जाएं और पूरी तरह से लॉक भी हो जाएं। इसके अलावा ट्रेनों में आपात स्थिति से निपटने के लिए आपात बटनों के साथ ही टॉक बैक फोन सुविधा होगी जो सभी दरवाजों के पास होगी।

इन बातचीत की वाइस रिकार्डिग होगी और इसकी जीपीएस स्टैंपिंग की जाएगी। यात्रियों की सूचना प्रणाली स्वत: घोषणा की सुविधा से लैस होगी और ट्रेन में डिस्प्ले के जरिए हिंदी, अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाओं में पूरी यात्रा के दौरान गंतव्य की जानकारी मिलेगी। साथ ही निजी ट्रेनों की यात्रा को पूरी तरह से शोरगुल से मुक्त रखने को कहा गया है। सफर के दौरान ट्रेन के चलने की खटर-पटर नहीं सुनाई देगी। 

बांबबार्डियर, एल्सटोम में 23 कंपनियों ने दिखाई रुचि 

नई दिल्ली, प्रेट्र : रेलवे की निजी ट्रेनों की निविदा पर बांबबार्डियर, एल्सटोम, सीमंस और जीएमआर समेत 23 कंपनियों ने रुचि दिखाई है। बुधवार को आवेदन से पहले की बैठक को रेलवे ने निजी ट्रेनों के संचालन में पहला कदम ठहराया है। 

रेलवे के अनुसार संचालित निजी ट्रेनों के 12 समूहों की बैठक में शामिल होने वाली अन्य कंपनियों में बीईएमएल, आइआरसीटीसी, भेल, सीएएफ, मेधा ग्रुप, स्टरलाइट, भारत फोर्ज, जेकेबी इंफ्रास्ट्रक्चर और टीटागढ़ वैगन्स लिमिटेड भी शामिल हुईं। रेलवे ने 109 रूटों पर 151 आधुनिक निजी ट्रेनों के संचालन के लिए निजी कंपनियों से आवेदन मांगे हैं। यह निजी ट्रेनें मौजूदा निजी ट्रेनों के नेटवर्क के इतर होंगी। इसमें निजी क्षेत्र को 30 हजार करोड़ रुपये का निवेश करना होगा।

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