Indian Railways: प्लेटफार्म टिकटों की बिक्री बंद होने से रेलवे को भारी नुकसान
मार्च 2020 में लाकडाउन का एलान किए जाने से पहले रेलवे ने स्टेशनों पर भीड़ कम करने के लिए कदम उठाना शुरू कर दिया था। मंडल रेलवे प्रबंधकों को प्लेटफार्म टिकट की दर तय करने और प्रवेश पर प्रतिबंध लगाना है या नहीं इस पर निर्णय लेने का अधिकार था।
नई दिल्ली, प्रेट्र। 2020-21 के दौरान रेलवे को प्लेटफार्म टिकट की बिक्री से होने वाली आमदनी में पिछले साल की तुलना में लगभग 94 फीसद का नुकसान हुआ। कोरोना वायरस संकट के कारण स्टेशनों पर प्रवेश को लेकर लगाए गए प्रतिबंध के कारण रेलवे को यह घाटा उठाना पड़ा। रेलवे ने मध्य प्रदेश निवासी चंद्रशेखर गौड़ को सूचना का अधिकार कानून (आरटीआइ) के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में बताया कि 2020-21 में फरवरी तक इसने प्लेटफार्म टिकट की बिक्री से 10 करोड़ रुपये कमाए। जबकि 2019-20 में प्लेटफार्म टिकट की बिक्री से उसे 160.67 करोड़ रुपये की आमदनी हुई थी, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे ज्यादा थी।
स्टेशनों पर प्रवेश को लेकर लगे प्रतिबंध से उठाना पड़ा घाटा
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मार्च 2020 में लाकडाउन का एलान किए जाने से पहले ही रेलवे ने स्टेशनों पर भीड़ कम करने के लिए कदम उठाना शुरू कर दिया था। मंडल रेलवे प्रबंधकों को प्लेटफार्म टिकट की दर तय करने और प्रवेश पर प्रतिबंध लगाना है या नहीं, इस पर निर्णय लेने का अधिकार था। साल में अधिकतर समय कई रेलवे जोन में प्रवेश पूरी तरह से वर्जित रहा और सिर्फ वैध टिकटधारियों को ही स्टेशन में प्रवेश की अनुमति दी गई।
30 रुपये का प्लेटफॉर्म टिकट
लॉकडाउन हटने के बाद दिल्ली के सात रेलवे स्टेशन और मेरठ सिटी रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री शुरू कर दी है। रेलवे के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर के इन आठ रेलवे स्टेशनों पर अब प्लेटफॉर्म टिकट 30 रुपये का मिल रहा है। उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने बताया है कि स्टेशनों पर भीड़ कम करने के लिए यह व्यवस्था की गई है। कीमत इसलिए ज्यादा रखी गई है, जिससे लोग बेवजह रेलवे स्टेशनों पर जाने से बचें। इसका मकसद कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर रेलवे स्टेशन पर भीड़ को काबू करना है।