दुश्मनों के युद्धपोतों पर रहेगी भारतीय नौसेना की पैनी नजर, खरीदने जा रही है 10 खास तरह के ड्रोन
रक्षा सूत्रों ने बताया कि नौसेना की योजनाओं के अनुसार ड्रोनों को बड़े आकार के युद्धपोतों पर तैनात किया जाएगा ।
नई दिल्ली, एएनआइ। हिंद महासागर क्षेत्र में दुश्मनों पर पैनी नजर रखने के लिए भारतीय नौसेना अपनी उच्च क्षमता को और अधिक बढ़ाने में लगी हुई है। दुश्मनों के युद्धपोतों पर निगरानी रखने के लिए भारतीय नौसेना ने तत्काल 10 जलपोत ड्रोन खरीदने के लिए प्रस्ताव पारित किया है, इन ड्रोनों से दुश्मनों के युद्धपोतों पर कड़ी नजर रखी जा सकेगी।
समाचार एजेंसी एएनआइ के सरकारी सूत्रों के अनुसार 'रक्षा मंत्रालय के समक्ष भारतीय नौसेना द्वारा फास्ट ट्रैक मोड में एक प्रस्ताव लाया गया है, जिसके तहत भारतीय नौसेना 10 जलपोत मानवरहित ड्रोन खरीदने की योजना बना रही है।'
अन्य विरोधी गतिविधियों का पता लगाने में मिलेगी मदद
रक्षा सूत्रों ने बताया कि नौसेना की योजनाओं के अनुसार, ड्रोनों को बड़े आकार के युद्धपोतों पर तैनात किया जाएगा और उन्हें चीनी और साथ ही भारतीय प्रादेशिक जल में और आसपास के अन्य विरोधी गतिविधियों का पता लगाने में मदद मिलेगी। योजना के अनुसार, नौसेना को इन ड्रोनों को खुली बोली के माध्यम से हासिल करने और फिर निगरानी और सैन्य परीक्षण की गतिविधियों के लिए अपने युद्धपोतों पर तैनात करने की संभावना है।
बता दें कि भारतीय नौसेना संयुक्त राज्य अमेरिका से सी गार्डियन ड्रोन का अधिग्रहण करने के लिए अलग से एक परियोजना पर काम कर रही है, जो देश के क्षेत्रों में अपनी निगरानी को मेडागास्कर से लेकर मलक्का जलडमरूमध्य तक और उससे आगे बढ़ाने के लिए है।
गौरतलब है कि नौसेना को अपने मौजूदा ड्रोनों को अपग्रेड प्रोग्राम के हिस्से के रूप में अपग्रेड किया जा रहा है, जिसे हाल ही में रक्षा मंत्रालय में चर्चा के लिए लिया गया था।
वहीं, दूसरी ओर भारत चीन तनाव के बीच डीआरडीओ ने एक उच्च क्वालिटी का ड्रोन विकसित किया है। इस ड्रोन का नाम भारत रखा गया है। पूर्वी लद्दाख के वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के ऊंचाई वाले क्षेत्रों और पहाड़ी इलाकों में सटीक निगरानी रखने के लिए भारत नाम का अपना स्वदेशी ड्रोन बनाया गया है। भारत ड्रोन को इंडियन आर्मी को सौंप दिया गया है।