भारतीय विज्ञान संस्थान ने किया चार विज्ञानियों को पुरस्कृत करने का एलान

इस पुरस्कार के लिए नामांकन का विशेषज्ञों की एक समिति द्वारा मूल्यांकन किया जाता है। पुरस्कार के लिए चुने गए विज्ञानियों में डॉ. राजलक्ष्मी मेनन रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन में खुफिया निगरानी लक्ष्य और टोही कार्यक्रम की निदेशक हैं।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 07:31 AM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 07:31 AM (IST)
भारतीय विज्ञान संस्थान ने किया चार विज्ञानियों को पुरस्कृत करने का एलान
भारतीय विज्ञान संस्थान ने चार विज्ञानियों को देने का एलान किया।

बेंगलुरु, आइएएनएस। देश की प्रमुख शोध संस्था भारतीय विज्ञान संस्थान ने शनिवार को प्रतिष्ठित पूर्व छात्र पुरस्कार चार विज्ञानियों को देने का एलान किया। इन विज्ञानियों में डॉ. राजलक्ष्मी मेनन, प्रो. बीएस मूर्ति, प्रो. सेतुरमन पंचनाथन और डॉ. केशब पांडा शामिल हैं। संस्थान के निदेशक प्रो. गोविंद राजन ने कहा कि यह पुरस्कार उन लोगों को देकर हम स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं, जिन्होंने अपने क्षेत्रों और समाज में असाधारण योगदान दिया है।

उन्होंने कहा कि ये पुरस्कार संस्थान के पूर्व छात्रों को उनके पेशे, समाज और संस्थान के प्रति योगदान की मान्यता देने के लिए दिए जाते हैं। इस पुरस्कार के लिए नामांकन का विशेषज्ञों की एक समिति द्वारा मूल्यांकन किया जाता है। पुरस्कार के लिए चुने गए विज्ञानियों में डॉ. राजलक्ष्मी मेनन रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन में खुफिया, निगरानी, लक्ष्य और टोही कार्यक्रम की निदेशक हैं। सेतुरमन पंचनाथन अमेरिका में राष्ट्रीय विज्ञान संस्थान के निदेशक हैं। प्रो. बीएस मूर्ति आइआइटी, हैदराबाद के निदेशक हैं। डॉ. केशब पांडा एल एंड टी टेक्नोलॉजी सर्विसेज लिमिटेड में सीईओ और एमडी हैं।

मलेरिया परजीवी पर शोध के लिए फेलोशिप

वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) की लखनऊ स्थित प्रयोगशाला केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआइ) की विज्ञानी डॉ. समन हबीब को भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के फेलो के रूप में चयनित किया गया है। मलेरिया परजीवी की कार्यप्रणाली समझने के लिए किए गए डॉ. हबीब के उकृष्ट अनुसंधान कार्य के फलस्वरूप उन्हें भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, नई दिल्ली के फेलो के रूप में चयनित किया गया है।

डॉ. समन हबीब सीडीआरआइ के आणविक जीवविज्ञान विभाग की मुख्य विज्ञानी एवं सीएसआइआर से संबद्ध एकेडेमी ऑफ साइंटिफिक एंड इनोवेटिव रिसर्च में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। उनका अध्ययन मुख्य रूप से प्लाज्मोडियम के अवशेष प्लास्टिड (एपिकोप्लास्ट) के आणविक कामकाज को समझने पर केंद्रित है। उनकी शोध टीम प्लाज्मोडियम ऑर्गनेल्स द्वारा नियोजित प्रोटीन ट्रांसलेशन की क्रियाविधि का अध्ययन कर रही है।

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