India China tension: चीन से मुकाबले को तैयार Indian Army, लद्दाख में तैनात किए 30,000 जवान

पंजाब हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश से तीन अतिरिक्त ब्रिगेड के लगभग 10000 सैनिकों को लाया गया है।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Mon, 06 Jul 2020 11:46 AM (IST) Updated:Mon, 06 Jul 2020 04:22 PM (IST)
India China tension: चीन से मुकाबले को तैयार Indian Army, लद्दाख में तैनात किए 30,000 जवान
India China tension: चीन से मुकाबले को तैयार Indian Army, लद्दाख में तैनात किए 30,000 जवान

लेह, आईएएनएस। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर चीन के साथ जारी तनातनी के बीच भारतीय सेना ने लगभग 30,000 जवानों को लद्दाख में तैनात किया गया है। पिछले महीने दोनों दशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद भारत ने तीन अतिरिक्त ब्रिगेड की तैनाती की है। उच्च पदस्थ सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि सामान्य तौर पर छह ब्रिगेड, यानी दो डिवीजनों को लद्दाख में एलएसी पर रखा जाता है। यहां पर ​​सैनिकों को रोटेशन के आधार पर तैनात किया जाता है।

15 जून की हिंसक झड़प के बाद सेना ने तीन अतिरिक्त ब्रिगेड को तैनात किया है। हर ब्रिगेड में लगभग 3,000 सैनिक और सहायक होते हैं। चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में एक कमांडर सहित 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे और 70 से अधिक सैनिक घायल हुए थे। सूत्रों ने बताया कि पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश से तीन अतिरिक्त ब्रिगेड के लगभग 10,000 सैनिकों को लाया गया है। एलएसी पर अभी 14 कोर कमांड के तहत सेना की 3 डिविजन मौजूद है। यह भारत में सेना की सबसे बड़ी कोर है, जिसे 1962 में चीन के साथ युद्ध के दौरान स्थापित किया गया था।

सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ 2017 के सर्जिकल स्ट्राइक में अहम भूमिका निभाने वाले कुछ पैरा स्पेशल फोर्स को भी लद्दाख भेजा गया है। भारतीय पैराट्रूपर्स अर्धसैनिक बलों एक दर्जन से अधिक विशेष बल रेजिमेंट से आते हैं, जो अत्यंत कठिन इलाकों में उच्च जोखिम वाले अभियानों में प्रशिक्षित होते हैं। इसी तरह, लद्दाख स्काउट्स की पांच बटालियन और सेना की एक पैदल रेजिमेंट को पहाड़ी युद्ध में समर्थन के लिए तैयार रखा गया है।

सूत्रों ने कहा कि गाल्वन घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद से भारतीय सेना अपनी तैनाती को बढ़ा रही है। इसके तहत M-777 अल्ट्रा-लाइट होवित्जर तोपों को लगाया गया है। वहीं, वायुसेना ने अपने परिवहन विमान, सी -17 ग्लोबमास्टर III को तैयार रखा है, जिसका उपयोग सैनिकों को एयरलिफ्ट करने, सेना के वाहनों और टी -72 / टी -90 टैंक जैसे भारी टैंकों को ले जाने के लिए किया जा सकता है। भारतीय सेना रूसी सुखोई -30 लड़ाकू विमानों, मिग -29 जेट्स, इल्यूशिन -76 हेवी-लिफ्ट विमानों, एन -32 परिवहन विमानों, एमआई -17 यूटिलिटी हेलिकॉप्टरों के साथ चीन की किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए तैयार है।

वहीं, नौसेना का पी -8 आई विमान आम तौर पर समुद्री गश्त के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिसे लद्दाख में उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों की निगरानी के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। पी -8 आई विमानों को 2017 में भारत-चीन गतिरोध के दौरान भी निगरानी के लिए तैनात किया था। सूत्रों ने कहा भारतीय सेना रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित स्वदेशी मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल का उपयोग कर रही है।

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