COP 26 Summit: कार्बन उत्सर्जन पर भारत फिलहाल नहीं खोलेगा पत्ते, पीएम मोदी सभा को करेंगे संबोधित
काप-26 से जुड़ी रणनीति को लेकर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। इस दौरान कार्बन उत्सर्जन को नेट जीरो करने से जुड़े लक्ष्य तय करने पर उन्होंने कहा कि इस पर सभी विकल्प खुले रखे गए हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कार्बन उत्सर्जन को नेट जीरो करने को लेकर छिड़ी वैश्विक मांग के बीच भारत ने फिलहाल इसके लिए अभी कोई सीमा रेखा नहीं खींची है। हालांकि यह साफ किया है कि इस मुद्दे पर उसके सभी विकल्प खुले हैं। समय पर वह उन्हें दुनिया के सामने रखेगा। कार्बन उत्सर्जन पर भारत ने अपनी यह राय ब्रिटेन के ग्लासगो में 31 अक्टूबर से शुरू होने जा रही कांफ्रेंस आफ पार्टीज (काप)-26 की बैठक से पहले दी है। इस बैठक में एक और दो अक्टूबर को होने वाली लीडर समिट को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी संबोधित करेंगे।
काप-26 से जुड़ी रणनीति को लेकर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। इस दौरान कार्बन उत्सर्जन को नेट जीरो करने से जुड़े लक्ष्य तय करने पर उन्होंने कहा कि इस पर सभी विकल्प खुले रखे गए हैं। जैसी स्थिति होगी, उसके लिहाज से फैसला लिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया कि सम्मेलन में पेरिस समझौते के तहत विकसित देशों की ओर से सालाना सौ अरब डालर वित्तीय मदद देने के वादे को भी याद दिलाया जाएगा। इस बैठक में पेरिस में हुए समझौते के अमल पर भी चर्चा होगी। फिलहाल भारत इस सम्मेलन में पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए उठाए गए कदमों को प्रमुखता से रखने की तैयारी में जुटा है। पर्यावरण मंत्रालय ने इस सम्मेलन के लिए पर्यावरण सहित दूसरे मंत्रालयों की एक 15 सदस्यीय टीम भी तैयार की है।
पर्यावरण मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक सम्मेलन में भारत की ओर से सौर ऊर्जा सहित वैकल्पिक ऊर्जा की दिशा में उठाए गए कदमों की जानकारी दी जाएगी। साथ ही जल, जंगल और जमीन के संरक्षण को लेकर उठाए गए कदमों की भी जानकारी साझा की जाएगी। ग्लासगो में होने वाले इस सम्मेलन की शुरुआत 31 अक्टूबर से होगी और यह 12 नवंबर तक चलेगा। इसके शुरुआती सत्र में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव हिस्सा लेंगे।