वैक्सीन का उत्पादन हब और वैश्विक सप्लायर बनने की ओर भारत, डब्ल्यूटीओ में भारत के पक्ष में कई देश लामबंद

भारत अब वैक्सीन का भी वैश्विक स्तर पर बड़ा सप्लायर बनने की तैयारी कर रहा है। भारत ने डब्ल्यूएचओ की इमरजेंसी यूज लिस्टिंग में सूचीबद्ध कोरोना वैक्सीन को लाने का रास्ता साफ कर दिया है। इससे वैक्सीन उत्पादन से जुड़े कच्चे माल का आयात किया जा सकेगा।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 11:52 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 11:52 PM (IST)
वैक्सीन का उत्पादन हब और वैश्विक सप्लायर बनने की ओर भारत, डब्ल्यूटीओ में भारत के पक्ष में कई देश लामबंद
भारत अब वैक्सीन का भी वैश्विक स्तर पर बड़ा सप्लायर बनने की तैयारी कर रहा है।

नई दिल्ली, जेएनएन। पीपीई किट, सैनिटाइजर व कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों की तरह भारत अब वैक्सीन का भी वैश्विक स्तर पर बड़ा सप्लायर बनने की तैयारी कर रहा है। इस दिशा में चौतरफा प्रयास शुरू हो गए हैं। नीतिगत स्तर पर गुरुवार को सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशंस (सीडीएससीओ) की तरफ से कई अहम फैसले लिए गए। इसकी मदद से भारत को कोरोना वैक्सीन की घरेलू जरूरत को पूरा करने के साथ उसकी मैन्यूफैक्‍चरिंग क्षमता भी बढ़ाने में मदद मिलेगी।

विदेशी वैक्‍सीन के आयात का रास्‍ता साफ

भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की इमरजेंसी यूज लिस्टिंग (ईयूएल) में सूचीबद्ध कोरोना वैक्सीन के भारत में आने का रास्ता साफ कर दिया है, जिससे तत्काल विदेशी वैक्सीन का आयात किया जा सकेगा। इसके साथ ही वैक्सीन उत्पादन से जुड़े कच्चे माल का आयात भी किया जा सकेगा। विदेशी कंपनियां भारत में अपनी सब्सिडियरी या फिर अपने अधिकृत एजेंट के माध्यम से वैक्सीन का उत्पादन कर सकेंगी।

डब्ल्यूटीओ में समर्थन जुटाने में जुटा भारत

दूसरी तरफ, देश को कोरोना वैक्सीन के उत्पादन का हब बनाने के लिए कूटनीतिक स्तर पर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में भी भारत ने अपने पक्ष में माहौल बनाना शुरू कर दिया है ताकि कोरोना वैक्सीन के उत्पादन को लेकर बौद्धिक संपदा अधिकार का बंधन नहीं रहे और भारत पूरी दुनिया के लिए वैक्सीन का उत्पादन कर सके।

दवाओं के वैश्विक उत्पादन पर जोर

वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने वैक्सीन इक्विटी को लेकर बुधवार देर शाम डब्ल्यूटीओ की वर्चुअल बैठक में कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व को एक परिवार के रूप में देखते हैं। अभी समय रहते कोरोना वैक्सीन व कोरोना से जुड़ी अन्य दवाओं के वैश्विक उत्पादन की जरूरत है।

भारत के पक्ष में 57 देश

वैक्सीन निर्माण से जुड़े बौद्धिक संपदा अधिकार के बंधन को खत्म करने को लेकर भारत के पक्ष में पहले से दुनिया के 57 देश हैं और अब कई नोबेल पुरस्कार विजेता भी भारत की दलील को सही ठहरा रहे हैं। उन्होंने अमेरिकी प्रशासन से इस दिशा में आगे आने के लिए कहा है। भारत अब तक 60 देशों को छह करोड़ से अधिक कोरोना वैक्सीन दे चुका है।

बड़े पैमाने पर वैक्सीन बना सकेगा भारत

सूत्रों के मुताबिक इसका फायदा यह होगा कि भारत को वैक्सीन निर्माण का हब बनाने के लिए ये सभी देश भारत के पक्ष में खड़े होंगे। विदेश में बन रही कोरोना वैक्सीन से जुड़े बौद्धिक संपदा अधिकार की बंदिश खत्म होने पर भारत आसानी से बड़े पैमाने पर वैक्सीन का उत्पादन कर सकेगा।

सीडीएससीओ की तरफ से लिए गए अहम फैसले

- यूएस एफडीए, ईएमए, यूके एमएचआरए, पीएमडीए जापान से मंजूरी प्राप्त या डब्ल्यूएचओ के ईयूएल में सूचीबद्ध वैक्सीन को भारत में लाने की मिलेगी इजाजत। इसके लिए सीडीएससीओ विस्तृत दिशा निर्देश जारी करेगा।

- इन वैक्सीन के प्रतिबंधित इस्तेमाल की इजाजत के लिए सीडीएससीओ के पास आवेदन करना होगा

- विदेशी कंपनियां भारत में वैक्सीन के निर्माण के लिए सीडीएससीओ के पास आवेदन कर सकेंगी।

- सीडीएससीओ को इन आवेदनों पर तीन दिन के भीतर फैसला लेना होगा।

- विदेशी वैक्सीन का इस्तेमाल राष्ट्रीय वैक्सीन कार्यक्रम के तहत होगा

- सात दिनों तक 100 लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल होगा।

- वैक्सीन कार्यक्रम के तहत इन विदेशी वैक्सीन को सेंट्रल ड्रग लेबोरेटरी (सीडीएल) जारी करेगी।

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