कनाडा से भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अनुरोध, कृषि कानूनों के समर्थकों को मिल रही धमकियां

विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि ओटावा और नई दिल्ली दोनों जगह यह मामला कनाडाई अधिकारियों के समक्ष उठाया गया है। उनसे अनुरोध किया गया है कि वे भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएं।

By TilakrajEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 08:38 AM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 08:44 AM (IST)
कनाडा से भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अनुरोध, कृषि कानूनों के समर्थकों को मिल रही धमकियां
कनाडा में भी कृषि कानूनों के प्रति लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है

नई दिल्ली, प्रेट्र। नए कृषि कानूनों का समर्थन करने वाले भारतीय समुदाय के कुछ सदस्यों को धमकियां मिलने संबंधी रिपोर्टों पर विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि ओटावा और नई दिल्ली दोनों जगह यह मामला कनाडाई अधिकारियों के समक्ष उठाया गया है। उनसे अनुरोध किया गया है कि वे भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएं। कनाडा में भी कृषि कानूनों के प्रति लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।

कृषि कानूनों के समर्थन में तिरंगा रैली निकालने पर कनाडा में भारतीय समुदाय के कुछ सदस्यों को धमकियां मिलने संबंधी रिपोर्टों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'कनाडा में भारतीय समुदाय के कुछ सदस्यों को धमकियां मिलने और डराने की इन रिपोर्टों को हमने देखा है। ये धमकियां कनाडा में कुछ तत्वों की तरफ से आई हैं।' उन्होंने बताया कि भारतीय नागरिकों को ऐसी किसी भी घटना की रिपोर्ट स्थानीय कनाडाई पुलिस को करने की सलाह दी गई है। साथ ही इसके बारे में तत्काल ओटावा स्थित भारतीय उच्चायोग और भारतीय कांसुलेट को भी सूचना देने के लिए कहा गया है।

नई पीढ़ी के किसानों को भा रहे नए कृषि कानून

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (पूसा) में कृषि उन्नति मेला के पहले दिन नए कृषि कानूनों को लेकर खूब चर्चा हुई। युवा किसान अपने से बड़े उम्र के किसानों को नए कृषि कानूनों के फायदे गिना रहे थे। बता रहे थे कि मौजूदा परिस्थिति में इन कानूनों की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। इन कानूनों का एकमत से स्वागत होना चाहिए। हरियाणा के सिरसा से आए मुकुलप्रीत सिंह किसानों को समझा रहे थे कि किस तरह नए कानून कम जोत वाले किसानों के लिए लाभकारी हैं। वह कृषि उत्पादक संघ योजना की सभी तारीफ कर रहे थे। उनका कहना था कि यह योजना छोटे जोत वाले किसानों के किस्मत का द्वार है। मंडी और बाजार के बीच की दूरी को नए कृषि कानून समाप्त कर देंगे। यहां मौजूद किसानों का मानना था कि अब बैंकों से कर्ज आसानी से मिल रहा है।

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